कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान पर नाराजगी जताई. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा कि मंत्रियों ने शुरू में 5 दिसंबर की बैठक में तीन कानूनों को रद्द करने की किसान संघ की मांग पर विचार करने की पेशकश की थी, लेकिन 9 दिसंबर को वह पुराने प्रस्ताव पर लौट आए थे. तोमर ने अपने बयान में कहा था कि किसान यूनियन वार्ता से पीछे हट गए थे.
किसान प्रदर्शन का 16वां दिन, दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं नाराज अन्नदाता - agri laws
19:52 December 11
तोमर के बयान से नाराज हैं किसान
18:36 December 11
तेज हो रहा किसानों का प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर एस राजेवाल ने कहा कि वह 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर सड़क को अवरुद्ध करेंगे. 14 तारीख को डीसी कार्यालयों के सामने, भाजपा नेताओं के घरों और रिलायंस / अडानी टोल प्लाजा पर धरना देंगे. ट्रेनों को नहीं रोका जाएगा. यहां आने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है.
17:17 December 11
दिल्ली के लिए रवाना हुए किसान
देश भर के कई संगठनों ने किसानों का समर्थन किया है. इस सिलसिले में अमृतसर से कई किसान अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हुए. दिल्ली के लिए कूच करने से पहले, किसानों ने अकाल तख्त पर श्रद्धांजलि अर्पित की और किसानों की जीत के लिए प्रार्थना की.
14:10 December 11
हमारा प्रस्ताव किसानों के साथ- नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान यूनियन के साथ छह दौर की बातचीत हुई. सरकार का लगातार आग्रह था कि कानून के वो कौन से प्रावधान हैं जिन पर किसान को आपत्ति है, कई दौर की बातचीत से रास्ता नहीं निकल सका.
हमारा प्रस्ताव उनके (किसानों) साथ है, उन्होंने इस पर चर्चा की लेकिन हमें उनसे कोई जवाब नहीं मिला. हमें मीडिया के माध्यम से पता चला कि उन्होंने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. कल मैंने कहा था कि अगर वे चाहते हैं, तो हम निश्चित रूप से प्रस्ताव के बारे में बात कर सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि अभी यूनियन की ओर से बातचीत का प्रस्ताव मिलना बाकी है. जैसे ही हमें उनसे प्रस्ताव प्राप्त होगा, हम तैयार होंगे. मैं किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उन्हें गतिरोध तोड़ना चाहिए. सरकार ने आगे बढ़कर प्रस्ताव दिया है, सरकार ने उनकी मांगों का समाधान करने के लिए प्रस्ताव भेजा है.
किसी भी कानून में प्रावधान पर आपत्ति होती है, प्रावधान पर ही चर्चा होती है. प्रस्ताव में हमने उनकी आपत्तियों का निराकरण करने की कोशिश की है. उन्हें आंदोलन समाप्त करके वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए. भारत सरकार ने कानून बहुत सोच-समझकर बनाए हैं, किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए बनाए हैं. सरकार बात करके उसमें(कानून) सुधार करने के लिए तैयार है.
सर्दी का मौसम है और कोरोना का संकट है, किसान बड़े खतरे में पड़े हुए हैं. आंदोलन से जनता को भी परेशानी होती है, दिल्ली की जनता परेशान हो रही है. इसलिए जनता के हित में, किसानों के हित में उनको(किसानों) अपने आंदोलन को समाप्त करना चाहिए.
12:43 December 11
सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा : राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा, सरकार कानून वापस ले और किसान अपने घर चला जाएगा.
12:37 December 11
दिल्ली में कई मार्ग बंद
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसानों के प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को भी कई मार्ग आवाजाही के लिए बंद हैं.
दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर के जरिए लोगों को कुछ मार्गों के बंद होने के बारे में सूचित किया और असुविधा से बचने के लिए उन्हें वैकल्पिक रास्तों से जाने की सलाह दी. विभिन्न राज्यों के हजारों किसान पिछले करीब दो हफ्ते से दिल्ली के सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला (दिल्ली-नोएडा) बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली यातायात पुलिस ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि टिकरी और ढांसा बॉर्डर यातायात के लिए बंद है जबकि झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए खुला है.
यातायात पुलिस ने कहा कि हरियाणा जाने वाले झारौदा, दौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी एनएच-आठ, बिजवासन-बजघेड़ा, पालम विहार, डुन्डाहेड़ा बॉर्डर की तरफ से जा सकते हैं.
किसान संगठनों ने मांगें नहीं माने जाने पर देश के विभिन्न रेलमार्गों और राजमार्गों को अवरुद्ध करने की चेतावनी दी है.
10:46 December 11
किसानों की नई रणनीति
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार का संशोधन प्रस्ताव ठुकराने के बाद किसानों ने आंदोलन को और भी तेज करने का एलान किया है. ऐसे में अगर बात करें सिंघु बॉर्डर की तो यहां हर रोज पहुंचने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है. किसान लगातार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर हर रोज करीब 1 हजार से लेकर 2 हजार तक वाहनों में सवार होकर किसान पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में सिंघु बॉर्डर पर किसानों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है. माना जा रहा है कि किसान बहालगढ़ तक अपना डेरा जमा सकते हैं. सिंघु बॉर्डर से बहालगढ़ की दूरी 20 किलोमीटर के आसपास है.
गौरतलब है कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के संशोधन के लिखित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और सभी किसान नेता 3 कृषि कानून रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून लागू करवाने पर अड़िग हैं. साथ ही किसानों की ओर से आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. जिसके तहत-
- 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध किया जाएगा
- किसान अदानी-अंबानी के उत्पादों जैसे रिलायंस की जियो सिम का बहिष्कार करेंगे
- 14 दिसंबर को पूरे देश में होगा विरोध प्रदर्शन
- 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा
- भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा
- 14 दिसंबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के किसान जिला मुख्यालयों पर एक दिन का धरना देंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
- जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा.
08:15 December 11
किसान आंदोलन लाइव
नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन 16वें दिन भी जारी है. सरकार ने नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की संभावना से गुरुवार को एक तरह से इनकार करते हुए किसान समूहों से इन कानूनों को लेकर उनकी चिंताओं के समाधान के लिए सरकार के प्रस्ताओं पर विचार करने की अपील की.
सरकार ने कहा कि जब भी यूनियन चाहें, वह अपने प्रस्ताव पर खुले मन से चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार की अपील के बावजूद किसानों का विरोध जारी रहा और उन्हों ने धमकी दी कि वे राजमार्गों के अलावा रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध करेंगे.
किसान नेता प्रस्तावों पर विचार करें
प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लिखित आश्वासन देने के सरकार की पेशकश को ठुकराने और नए कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने के प्रस्ताव को खारिज करने के एक दिन बाद, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान यूनियन के नेताओं को प्रस्तावों पर विचार करना चाहिए और वह उनके साथ आगे की चर्चा के लिए तैयार है लेकिन, उन्होंने किसानों से अगले दौर की वार्ता के लिए तारीख प्रस्तावित करने जिम्मा किसान समूहों पर छोड़ दिया.
कोविड नियमों का उल्लंघन पर एफआईआर दर्ज
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के चलते एफआईआर दर्ज की है. महामारी एक्ट के तहत यह एफआईआर दर्ज की गई है. बीते 29 नवंबर से सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शन में ड्यूटी कर रहे दो डीसीपी भी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं.
किसानों का प्रदर्शन जारी
बता दें कि केंद्र सरकार 3 कृषि बिल लेकर आई थी, जो अब कानून बन चुका है, उसी कानून के विरोध में किसान बीते 16 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार इन कानून को वापस ले. इसे लेकर सरकार से किसानों की कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है. सरकार इन कानूनों में संशोधन को तैयार हैं. लेकिन किसान कानून वापस लेने से कम पर मानने को तैयार नहीं है. इसकी वजह से किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. बड़ी संख्या में वह बॉर्डर पर डटे हुए हैं.
महामारी एक्ट में हुई एफआईआर
सिंघु बॉर्डर पर जमा हुए किसानों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने के चलते दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. सरकारी आदेश की अवहेलना और महामारी एक्ट के तहत यह एफआईआर दर्ज की गई है. इससे पहले भी किसानों के खिलाफ दंगा भड़काने की दो एफआईआर अलीपुर थाने में दर्ज हो चुकी है. यहां ड्यूटी दे रहे डीसीपी गौरव शर्मा और घनश्याम बंसल भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं.
19:52 December 11
तोमर के बयान से नाराज हैं किसान
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान पर नाराजगी जताई. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा कि मंत्रियों ने शुरू में 5 दिसंबर की बैठक में तीन कानूनों को रद्द करने की किसान संघ की मांग पर विचार करने की पेशकश की थी, लेकिन 9 दिसंबर को वह पुराने प्रस्ताव पर लौट आए थे. तोमर ने अपने बयान में कहा था कि किसान यूनियन वार्ता से पीछे हट गए थे.
18:36 December 11
तेज हो रहा किसानों का प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर एस राजेवाल ने कहा कि वह 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर सड़क को अवरुद्ध करेंगे. 14 तारीख को डीसी कार्यालयों के सामने, भाजपा नेताओं के घरों और रिलायंस / अडानी टोल प्लाजा पर धरना देंगे. ट्रेनों को नहीं रोका जाएगा. यहां आने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है.
17:17 December 11
दिल्ली के लिए रवाना हुए किसान
देश भर के कई संगठनों ने किसानों का समर्थन किया है. इस सिलसिले में अमृतसर से कई किसान अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हुए. दिल्ली के लिए कूच करने से पहले, किसानों ने अकाल तख्त पर श्रद्धांजलि अर्पित की और किसानों की जीत के लिए प्रार्थना की.
14:10 December 11
हमारा प्रस्ताव किसानों के साथ- नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान यूनियन के साथ छह दौर की बातचीत हुई. सरकार का लगातार आग्रह था कि कानून के वो कौन से प्रावधान हैं जिन पर किसान को आपत्ति है, कई दौर की बातचीत से रास्ता नहीं निकल सका.
हमारा प्रस्ताव उनके (किसानों) साथ है, उन्होंने इस पर चर्चा की लेकिन हमें उनसे कोई जवाब नहीं मिला. हमें मीडिया के माध्यम से पता चला कि उन्होंने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. कल मैंने कहा था कि अगर वे चाहते हैं, तो हम निश्चित रूप से प्रस्ताव के बारे में बात कर सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि अभी यूनियन की ओर से बातचीत का प्रस्ताव मिलना बाकी है. जैसे ही हमें उनसे प्रस्ताव प्राप्त होगा, हम तैयार होंगे. मैं किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उन्हें गतिरोध तोड़ना चाहिए. सरकार ने आगे बढ़कर प्रस्ताव दिया है, सरकार ने उनकी मांगों का समाधान करने के लिए प्रस्ताव भेजा है.
किसी भी कानून में प्रावधान पर आपत्ति होती है, प्रावधान पर ही चर्चा होती है. प्रस्ताव में हमने उनकी आपत्तियों का निराकरण करने की कोशिश की है. उन्हें आंदोलन समाप्त करके वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए. भारत सरकार ने कानून बहुत सोच-समझकर बनाए हैं, किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए बनाए हैं. सरकार बात करके उसमें(कानून) सुधार करने के लिए तैयार है.
सर्दी का मौसम है और कोरोना का संकट है, किसान बड़े खतरे में पड़े हुए हैं. आंदोलन से जनता को भी परेशानी होती है, दिल्ली की जनता परेशान हो रही है. इसलिए जनता के हित में, किसानों के हित में उनको(किसानों) अपने आंदोलन को समाप्त करना चाहिए.
12:43 December 11
सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा : राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा, सरकार कानून वापस ले और किसान अपने घर चला जाएगा.
12:37 December 11
दिल्ली में कई मार्ग बंद
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसानों के प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को भी कई मार्ग आवाजाही के लिए बंद हैं.
दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर के जरिए लोगों को कुछ मार्गों के बंद होने के बारे में सूचित किया और असुविधा से बचने के लिए उन्हें वैकल्पिक रास्तों से जाने की सलाह दी. विभिन्न राज्यों के हजारों किसान पिछले करीब दो हफ्ते से दिल्ली के सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला (दिल्ली-नोएडा) बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली यातायात पुलिस ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि टिकरी और ढांसा बॉर्डर यातायात के लिए बंद है जबकि झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए खुला है.
यातायात पुलिस ने कहा कि हरियाणा जाने वाले झारौदा, दौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी एनएच-आठ, बिजवासन-बजघेड़ा, पालम विहार, डुन्डाहेड़ा बॉर्डर की तरफ से जा सकते हैं.
किसान संगठनों ने मांगें नहीं माने जाने पर देश के विभिन्न रेलमार्गों और राजमार्गों को अवरुद्ध करने की चेतावनी दी है.
10:46 December 11
किसानों की नई रणनीति
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार का संशोधन प्रस्ताव ठुकराने के बाद किसानों ने आंदोलन को और भी तेज करने का एलान किया है. ऐसे में अगर बात करें सिंघु बॉर्डर की तो यहां हर रोज पहुंचने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है. किसान लगातार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर हर रोज करीब 1 हजार से लेकर 2 हजार तक वाहनों में सवार होकर किसान पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में सिंघु बॉर्डर पर किसानों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है. माना जा रहा है कि किसान बहालगढ़ तक अपना डेरा जमा सकते हैं. सिंघु बॉर्डर से बहालगढ़ की दूरी 20 किलोमीटर के आसपास है.
गौरतलब है कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के संशोधन के लिखित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और सभी किसान नेता 3 कृषि कानून रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून लागू करवाने पर अड़िग हैं. साथ ही किसानों की ओर से आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. जिसके तहत-
- 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध किया जाएगा
- किसान अदानी-अंबानी के उत्पादों जैसे रिलायंस की जियो सिम का बहिष्कार करेंगे
- 14 दिसंबर को पूरे देश में होगा विरोध प्रदर्शन
- 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा
- भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा
- 14 दिसंबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के किसान जिला मुख्यालयों पर एक दिन का धरना देंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
- जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा.
08:15 December 11
किसान आंदोलन लाइव
नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन 16वें दिन भी जारी है. सरकार ने नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की संभावना से गुरुवार को एक तरह से इनकार करते हुए किसान समूहों से इन कानूनों को लेकर उनकी चिंताओं के समाधान के लिए सरकार के प्रस्ताओं पर विचार करने की अपील की.
सरकार ने कहा कि जब भी यूनियन चाहें, वह अपने प्रस्ताव पर खुले मन से चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार की अपील के बावजूद किसानों का विरोध जारी रहा और उन्हों ने धमकी दी कि वे राजमार्गों के अलावा रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध करेंगे.
किसान नेता प्रस्तावों पर विचार करें
प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लिखित आश्वासन देने के सरकार की पेशकश को ठुकराने और नए कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने के प्रस्ताव को खारिज करने के एक दिन बाद, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान यूनियन के नेताओं को प्रस्तावों पर विचार करना चाहिए और वह उनके साथ आगे की चर्चा के लिए तैयार है लेकिन, उन्होंने किसानों से अगले दौर की वार्ता के लिए तारीख प्रस्तावित करने जिम्मा किसान समूहों पर छोड़ दिया.
कोविड नियमों का उल्लंघन पर एफआईआर दर्ज
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के चलते एफआईआर दर्ज की है. महामारी एक्ट के तहत यह एफआईआर दर्ज की गई है. बीते 29 नवंबर से सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शन में ड्यूटी कर रहे दो डीसीपी भी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं.
किसानों का प्रदर्शन जारी
बता दें कि केंद्र सरकार 3 कृषि बिल लेकर आई थी, जो अब कानून बन चुका है, उसी कानून के विरोध में किसान बीते 16 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार इन कानून को वापस ले. इसे लेकर सरकार से किसानों की कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है. सरकार इन कानूनों में संशोधन को तैयार हैं. लेकिन किसान कानून वापस लेने से कम पर मानने को तैयार नहीं है. इसकी वजह से किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. बड़ी संख्या में वह बॉर्डर पर डटे हुए हैं.
महामारी एक्ट में हुई एफआईआर
सिंघु बॉर्डर पर जमा हुए किसानों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने के चलते दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. सरकारी आदेश की अवहेलना और महामारी एक्ट के तहत यह एफआईआर दर्ज की गई है. इससे पहले भी किसानों के खिलाफ दंगा भड़काने की दो एफआईआर अलीपुर थाने में दर्ज हो चुकी है. यहां ड्यूटी दे रहे डीसीपी गौरव शर्मा और घनश्याम बंसल भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं.