नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में पिछले छह महीनों से केंद्र सरकार के तीन कृषि विधेयकों (Farmer Bills) के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन (Farmer Protest) अगले दो दिनों में तेजी पकड़ने वाला है. आंदोलन में शामिल किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन को एक बार फिर उग्र करने के लिए 5 जून को सभी सरकारी दफ्तरों के बाहर तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने का आह्वान किया है.
किसान नेताओं ने अपील की है कि शनिवार को देश भर में लोग जिला और तहसील में प्रदर्शन करें. बता दें, 6 जून को मध्यप्रदेश के चर्चित मंदसौर घटना की बरसी है. किसान मोर्चा ने इस दिन को भी विशेष रूप में मनाने का आह्वान किया है.
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बता दें, 6 जून को मंदसौर घटना में मारे गए किसानों को श्रद्धांजली देने के लिए दिल्ली बॉर्डरों पर कार्यक्रम तय किया गया है. 6 जून 2017 को मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों के उग्र प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में 6 प्रदर्शकारी किसानों की मौत हो गई थी.
मंदसौर की घटना के बाद ही किसान संगठनों की संयुक्त समूह अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया गया था. आगामी दो दिनों में बड़े कार्यक्रम और आंदोलन को तेजी देने के लिये एक बार फिर धरना स्थलों पर भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है. दिल्ली के टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को भारी भीड़ इकट्ठा हुई, जिसमें अधिक संख्या में महिलाएं भी आ रही हैं.
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि शनिवार को दो से ढाई हजार किसान अंबाला से दिल्ली बॉर्डरों पर पहुंचेंगे, जिसके बाद संख्या और भी बढ़ेगी.
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कोरोना महामारी के कारण कहीं भी बड़ी भीड़ एकत्रित करने का कार्यक्रम नहीं रखा गया है, लेकिन किसान सरकारी दफ्तरों के बाहर तीन कृषि कानून की प्रतियां जरूर जलाएंगे.
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उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने बीते महीने घोषणा की थी कि कोरोना नियमों का पालन करने के लिए विशेष कमिटी बनाई गई है और अब प्रदर्शन के दौरान नियमों का पालन किया जाएगा.