करनाल : करनाल प्रशासन से मिलने संयुक्त किसान मोर्चा की 11 सदस्यीय कमेटी सचिवालय पहुंच चुकी है. इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी पहुंचे हैं. यहां प्रशासन के अधिकारियों और किसानों के बीच बातचीत होगी.
इस किसान महापंचायत में किसानों के पहुंचने का दौर जारी है. अब तक हजारों की संख्या में किसान करनाल की अनाज मंडी में इकट्ठा हो चुके हैं. यहां से किसान आगे की रणनीति तय करेंगे. इस बारे में ज्यादा जानकारी दे रहे हैं हमारे संवाददाता मुनीष तुरन.
वहीं, लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए ट्रैफिक रूट भी डायवर्ट (Traffic Route Divert Karnal) करने की बात कही जा रही थी. हालांकि, अब तक रूट का डायवर्ट नहीं हुआ है. फिलहाल ट्रैफिक सामान्य चल रहा है. जिले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं, जहां स्थानीय अधिकारियों ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर अनाज मंडी में महापंचायत का आयोजन किया (Kisan Mahapanchayat Karnal) जाएगा. किसानों के मुताबिक वो महापंचायत के बाद करनाल लघु सचिवालय (Karnal Mini Secretariat) का अनिश्चितकाल के लिए घेराव करेंगे. किसानों के इस कार्यक्रम को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क नजर आ रहा है.
किसानों की महापंचायत से पहले पुलिस सुरक्षा बलों को पूरी तरह से अस्त्र-शस्त्र के साथ तैनात किया गया है. करनाल अनाज मंडी से लेकर लघु सचिवालय तक सभी जगह हजारों की संख्या में जवान लगाए गए हैं. ताकि किसान किसी भी तरह लघु सचिवालय में एंट्री न कर सकें.
किसानों पर 28 अगस्त को हुए कथित पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ करनाल में मंगलवार को लघु सचिवालय का घेराव करने के कार्यक्रम से एक दिन पहले प्रशासन ने जिले में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया और मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया.
करनाल समेत इन पांच जिलों में भी इंटरनेट और मैसेज सेवा बंद
हरियाणा सरकार ने पास के चार जिलों में भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्य रात्रि तक बंद रखने का आदेश दिया है. करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत जिलों में मंगलवार को दिन में 12 बजे से रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.
आदेश में कहा गया है कि व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू के लिए करनाल में मोबाइल इंटरनेट सेवा, एसएमएस सेवा को निलंबित करने का आदेश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि हरियाणा के सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है. बाद में एक और आदेश जारी कर कहा गया कि पास के चार जिलों में भी मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की 40 कंपनियां तैनात
अधिकारियों ने कहा कि जिले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं, जहां स्थानीय अधिकारियों ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया.
करनाल में ट्रैफिक रूट डायवर्ट: चंडीगढ़-नई दिल्ली नेशनल हाईवे (Chandigarh-Delhi National Highway) पर लोगों को परेशानी से बचाने के लिए करनाल जिला प्रशासन ने ट्रैफिक डाइवर्ट (Traffic Route Divert Karnal) करने का फैसला किया गया था. इसके तहत जीटी रोड पर दिल्ली से आने वाले ट्रैफिक को पानीपत से और चंडीगढ़ की तरफ से आने वाले ट्रैफिक को कुरुक्षेत्र से ही डाइवर्ट कर दिया जाएगा. वाहनों के आने-जाने के लिए अलग-अलग 4 रूट बनाए गए हैं.
दिल्ली से चंडीगढ़ मार्ग पर रूट डायवर्ट: डीसी निशांत कुमार यादव (DC Nishant Kumar Yadav) ने बताया कि दिल्ली की ओर से आने वाले वाहनों को पैप्सी पुल (पानीपत) से होते हुए मुनक से असंध व मुनक से गगसीना, घोघड़ीपुर से होते हुए करनाल के हांसी चौंक, बाईपास पश्चिमी यमुना नहर से होते हुए कर्ण लेक जीटी रोड़ 44 से होते हुए चंडीगढ़ की ओर निकाला जाएगा. इसके अलावा हल्के वाहनों को मधुबन, दाहा, बजीदा, घोघड़ीपुर से होते हुए हांसी चौंक, बाईपास यमुना नहर कर्ण लेक जीटी रोड़ 44 से होते हुए चंडीगढ़ की ओर निकाला जाएगा.
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लोगों से नेशनल हाईवे पर न आने की अपील: डीसी निशांत कुमार यादव (DC Nishant Kumar Yadav) के आदेश के अनुसार, किसानों की महापंचायत की वजह से नई दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे (नेशनल हाईवे-44) पर करनाल जिले की सीमा में ट्रैफिक बाधित हो सकता है. ऐसे में आम लोगों को सलाह दी जाती है कि वह बेहद जरूरी होने पर ही करनाल जिले की सीमा में इस हाईवे का इस्तेमाल करें.
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रशासन को छह सितंबर तक की समयसीमा दी थी. चढूनी ने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ यहां सोमवार को बैठक हुई लेकिन उनकी मांगों के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने मंगलवार सुबह लघु सचिवालय का घेराव करने फैसला किया.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे, लेकिन अगर प्रशासन हमें रोकता है, तो हम बैरिकेड तोड़ देंगे. चढूनी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करने की किसानों की कोई योजना नहीं है.
इससे पहले, हरियाणा पुलिस द्वारा जारी एक परामर्श अनुसार, मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 (अंबाला-दिल्ली) पर मंगलवार को करनाल जिले में कुछ यातायात व्यवधान हो सकता है. इसमें कहा गया, ‘इसलिए, एनएच-44 का उपयोग करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे करनाल शहर की यात्रा करने से बचें या सात सितंबर को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करें.
करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की कुल 40 कंपनियां तैनात की गई हैं. पुनिया ने कहा कि पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त बल के साथ, पुलिस अधीक्षक रैंक के पांच के अधिकारी और 25 डीएसपी रैंक के अधिकारी यहां सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे. उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत कैमरों से लैस ड्रोन भी तैनात किए जाएंगे.
करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कृषि कानूनों का विरोध करने वाले विभिन्न किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर सात सितंबर को करनाल में लघु सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी है.