नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले एक साल से अधिक समय से किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के बाद कुलजीत कौर और उनके परिवार के सदस्य बहुत खुश हैं क्योंकि वे पंजाब में अपने घर के लिए निकल रहे हैं.
इस सिलसिले में ईटीवी भारत से बात करते हुए कुलजीत कौर ने बताया कि हम पिछले एक साल से किसान आंदोलन की वजह से सड़क पर ही थे. लेकिन यह समय कैसे बीत गया इसका हमें पता नहीं लगा. उन्होंने कहा कि जब यहां आए तो मेरा एक बेटा ढाई साल का था जो अब साढ़े तीन साल का हो गया है. हमने यहीं पर उसका जन्म दिन भी मनाया. मेरे परिवार और इस बच्चे ने यहां पर गर्मी, ठंड और बारिश सभी मौसम को झेला है.
उन्होंने बताया कि उसके साढ़े तीन साल के बेटे ने भी यहां के लोगों की सेवा की. वहीं कुलजीत के बेटे ने कहा कि वह खाना बनाते समय दूसरों की मदद करता था. उसने कहा कि उसे अपने घर जाने पर बहुत खुशी हो रही है. उसने कहा कि स्कूल खुलते ही वह स्कूल जाना शुरू कर देगा.
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वहीं कुलजीत के पति संतोक सिंह ने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेना उनकी जीत है. उन्होंने कहा कि हम जीत के साथ वापस जा रहे हैं. मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं. हम यहां लोगों की सेवा कर रहे थे और पता नहीं समय कैसे बीत गया.
कुलजीत और संतोक के परिवार की तरह यहां गाजीपुर में और भी कई परिवार हैं जो पिछले एक साल से किसान आंदोलन में शामिल थे. फिलहाल सरकार के इस अधिनियम को निरस्त करने के निर्णय से वे प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं. बता दें कि किसान एक साल सेअधिक समय से केंद्र सरकार से विवादास्पद किसान विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे थे.