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सूडान से सुरक्षित फरीदाबाद पहुंचा परिवार, केंद्र सरकार का जताया आभार, बोले- दोबारा वतन छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे

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Published : Apr 29, 2023, 11:11 PM IST

सूडान में जारी गृह युद्ध के दौरान भारत सरकार की ओर से ऑपरेशन कावेरी चलाया जा रहा है. ऑपरेशन कावेरी के तहत हरियाणा प्रदेश के जिला फरीदाबाद के लोग घर पहुंचे हैं. सुरक्षित वतन वापसी पर परिवार ने केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार का आभार भी जताया है. पढे़ं पूरी खबर...

faridabad family reached in india from sudan
faridabad family reached in india from sudan
सूडान से सुरक्षित फरीदाबाद पहुंचा परिवार, केंद्र सरकार का जताया आभार

फरीदाबाद: अफ्रीकी देश सूडान से भारतीय नागरिकों की वतन वापसी तेज हो गई है. मोदी सरकार द्वारा चलाया गया कावेरी ऑपरेशन का असर लगातार देखा जा रहा है. सूडान में हरियाणा के जिला फरीदाबाद का भी एक परिवार फसा था. जब ये परिवार सुरक्षित अपने घर पहुंचा तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा. सूडान से सुरक्षित घर पहुंचने पर परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल तथा पूरी सरकार का धन्यवाद किया है.

सुरक्षित वतन लौटा परिवार: परिवार ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि हर समय यह डर लग रहा था कि ना जाने कब कौन सी मिसाइल घर पर गिर जाए और घर के साथ हमारे परखच्चे उड़ जाए. लेकिन यह भारत सरकार की मेहरबानी है. जिसके चलते हम सही सलामत भारत लौट पाए. फरीदाबाद के रहने वाले संतोष जैन और उनकी पत्नी ज्योति अग्रवाल ने सरकार का शुक्रिया अदा किया है.

भारत सरकार का जताया आभार: संतोष और उनकी पत्नी अभी भी उन हालात को याद कर सिहर उठते हैं. उनके मुताबिक उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि वह सूडान से बच कर बाहर निकल पाएंगे. लेकिन भारत सरकार ने इसके लिए बहुत बेहतरीन तरीके से काम किया और उन्हें सही सलामत उनके घर तक पहुंचाया. जैन परिवार के मुताबिक स्थानीय प्रशासन ने भी उनका बहुत ख्याल रखा और एयरपोर्ट से न केवल उन्हें घर तक पहुंचाया बल्कि घर के अंदर तक छोड़कर खाने पीने की भी व्यवस्था की बात की. उनके मुताबिक अब कभी भारत छोड़कर नहीं जाएंगे. अब पूरा परिवार भारत सरकार और हरियाणा सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन का धन्यवाद कर रहा है.

हर तरफ मौत का मंजर: संतोष अपनी पत्नी ज्योति अपने बेटे अरिहंत और बेटी आदि जैन के साथ पिछले कई वर्षों से सूडान में रह रहे थे. संतोष यहां की एक कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत थे. संतोष के मुताबिक सब कुछ सही तरीके से चल रहा था. लेकिन अचानक सूडान में गृह युद्ध शुरू हो गया और उसके बाद तो जो हुआ वो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था. घर के बाहर सड़कों पर टैंक, आसमान में फाइटर जेट और जगह-जगह से आती मौत की खबरें उन्हें लगातार बेचैन कर रही थी. हर समय यही डर लगता था कि ना जाने कौन सी मिसाइल पर उनके परिवार का नाम लिखा है.

क्या है ऑपरेशन कावेरी: दरअसल, सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के बीच हजारों भारतीय सूडान में फसे हैं. वहां से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए भारत सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन शूरू कर दिया है. इशके लिए भारतीय नौसेना फंसे हुए नागरिकों को पोर्ट सुडान से समुद्री रास्ते से सऊदी अरब के जेद्धा और वहां से एयरलिफ्ट के जरिए भारत वापस ला रही है.

चारों ओर मौत की आतिशबाजी: भारत लौटे परिवार ने बताया कि चारों तरफ सिर्फ ब्लास्ट और गोलीबारी की आवाजें सुनाई देती थी. बाहर निकलना मुश्किल था. घर में भी डर लगता था कि न जाने कौन से दरवाजे से मौत दस्तक दे दे. सूडान में चारों तरफ हिंसा हो रही है. घर में खाने पीने की दिक्कत होने लगी थी. कुछ भी नहीं बचा था. चारों ओर लूटपाट मची है. हर तरफ बमबारी हो रही है.

ये भी पढ़ें: जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर 30 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान, भिवानी में पिछड़ा वर्ग ने बनाई रणनीति

सूडान में क्यों बने ऐसे हालात: अफ्रीकी देश सूडान में 12 साल पहले जंग छिड़ गई थी. गृह युद्ध की वजह से देश दो हिस्सों में बंट गया था. अब वहां फिर से युद्ध के हालात बन गए. आजादी से पहले ही सूडान इस युद्ध की आग में झुलस रहा है. अप्रैल 2019 में इस युद्ध की आग फिर से सुलगने लगी. जिसमें अब तक सैकड़ों मौतें हो चुकी है. दशकों तक हुए गृह युद्ध के बाद सूडान दो टुकड़ों में बंट गया. लेकिन विद्रोह की ज्वाला कभी कम न हुई.

दोनों के बीच हो रहा है युद्ध: बता दें कि ये खूनी संघर्ष सेना के कमांडर जनरल अब्देल-फतह बुरहान और आरएसएफ के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगलो के बीच हो रहा है. बता दें कि सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फओर्स के बीच ये जंग 15 अप्रैल से शुरू हुई थी. इस युद्ध से हालात इतने बिगड़ गए कि पड़ोसी देशों ने अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं. भारत सहित दुनियाभर के देशों के नागरिक वहां फंसे हैं सभी देश अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं.

सूडान से सुरक्षित फरीदाबाद पहुंचा परिवार, केंद्र सरकार का जताया आभार

फरीदाबाद: अफ्रीकी देश सूडान से भारतीय नागरिकों की वतन वापसी तेज हो गई है. मोदी सरकार द्वारा चलाया गया कावेरी ऑपरेशन का असर लगातार देखा जा रहा है. सूडान में हरियाणा के जिला फरीदाबाद का भी एक परिवार फसा था. जब ये परिवार सुरक्षित अपने घर पहुंचा तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा. सूडान से सुरक्षित घर पहुंचने पर परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल तथा पूरी सरकार का धन्यवाद किया है.

सुरक्षित वतन लौटा परिवार: परिवार ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि हर समय यह डर लग रहा था कि ना जाने कब कौन सी मिसाइल घर पर गिर जाए और घर के साथ हमारे परखच्चे उड़ जाए. लेकिन यह भारत सरकार की मेहरबानी है. जिसके चलते हम सही सलामत भारत लौट पाए. फरीदाबाद के रहने वाले संतोष जैन और उनकी पत्नी ज्योति अग्रवाल ने सरकार का शुक्रिया अदा किया है.

भारत सरकार का जताया आभार: संतोष और उनकी पत्नी अभी भी उन हालात को याद कर सिहर उठते हैं. उनके मुताबिक उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि वह सूडान से बच कर बाहर निकल पाएंगे. लेकिन भारत सरकार ने इसके लिए बहुत बेहतरीन तरीके से काम किया और उन्हें सही सलामत उनके घर तक पहुंचाया. जैन परिवार के मुताबिक स्थानीय प्रशासन ने भी उनका बहुत ख्याल रखा और एयरपोर्ट से न केवल उन्हें घर तक पहुंचाया बल्कि घर के अंदर तक छोड़कर खाने पीने की भी व्यवस्था की बात की. उनके मुताबिक अब कभी भारत छोड़कर नहीं जाएंगे. अब पूरा परिवार भारत सरकार और हरियाणा सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन का धन्यवाद कर रहा है.

हर तरफ मौत का मंजर: संतोष अपनी पत्नी ज्योति अपने बेटे अरिहंत और बेटी आदि जैन के साथ पिछले कई वर्षों से सूडान में रह रहे थे. संतोष यहां की एक कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत थे. संतोष के मुताबिक सब कुछ सही तरीके से चल रहा था. लेकिन अचानक सूडान में गृह युद्ध शुरू हो गया और उसके बाद तो जो हुआ वो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था. घर के बाहर सड़कों पर टैंक, आसमान में फाइटर जेट और जगह-जगह से आती मौत की खबरें उन्हें लगातार बेचैन कर रही थी. हर समय यही डर लगता था कि ना जाने कौन सी मिसाइल पर उनके परिवार का नाम लिखा है.

क्या है ऑपरेशन कावेरी: दरअसल, सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के बीच हजारों भारतीय सूडान में फसे हैं. वहां से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए भारत सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन शूरू कर दिया है. इशके लिए भारतीय नौसेना फंसे हुए नागरिकों को पोर्ट सुडान से समुद्री रास्ते से सऊदी अरब के जेद्धा और वहां से एयरलिफ्ट के जरिए भारत वापस ला रही है.

चारों ओर मौत की आतिशबाजी: भारत लौटे परिवार ने बताया कि चारों तरफ सिर्फ ब्लास्ट और गोलीबारी की आवाजें सुनाई देती थी. बाहर निकलना मुश्किल था. घर में भी डर लगता था कि न जाने कौन से दरवाजे से मौत दस्तक दे दे. सूडान में चारों तरफ हिंसा हो रही है. घर में खाने पीने की दिक्कत होने लगी थी. कुछ भी नहीं बचा था. चारों ओर लूटपाट मची है. हर तरफ बमबारी हो रही है.

ये भी पढ़ें: जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर 30 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान, भिवानी में पिछड़ा वर्ग ने बनाई रणनीति

सूडान में क्यों बने ऐसे हालात: अफ्रीकी देश सूडान में 12 साल पहले जंग छिड़ गई थी. गृह युद्ध की वजह से देश दो हिस्सों में बंट गया था. अब वहां फिर से युद्ध के हालात बन गए. आजादी से पहले ही सूडान इस युद्ध की आग में झुलस रहा है. अप्रैल 2019 में इस युद्ध की आग फिर से सुलगने लगी. जिसमें अब तक सैकड़ों मौतें हो चुकी है. दशकों तक हुए गृह युद्ध के बाद सूडान दो टुकड़ों में बंट गया. लेकिन विद्रोह की ज्वाला कभी कम न हुई.

दोनों के बीच हो रहा है युद्ध: बता दें कि ये खूनी संघर्ष सेना के कमांडर जनरल अब्देल-फतह बुरहान और आरएसएफ के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगलो के बीच हो रहा है. बता दें कि सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फओर्स के बीच ये जंग 15 अप्रैल से शुरू हुई थी. इस युद्ध से हालात इतने बिगड़ गए कि पड़ोसी देशों ने अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं. भारत सहित दुनियाभर के देशों के नागरिक वहां फंसे हैं सभी देश अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं.

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