अयोध्या : मशहूर फिल्म अभिनेता अनुपम खेर शुक्रवार की देर शाम धर्मनगरी अयोध्या पहुंचे. उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर के समीप स्थित रामलला देवस्थान में भगवान की आरती उतारी. उसके बाद हनुमान जी के आठ मंदिरों और उनके महत्व पर आधारित लगभग पांच मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म को लांच किया. इस दौरान जगतगुरु राघवाचार्य महाराज सहित अयोध्या के तमाम वरिष्ठ संत मौजूद रहे.
एक डॉक्यूमेंट्री में आठ मंदिरों की जानकारी : डॉक्यूमेंट्री फिल्म की लांचिंग के मौके पर अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि इस लघु फिल्म को प्रदर्शित करने के पीछे हमारी मंशा है कि मंदिरों का नाम तो लोगों ने सुना है, लेकिन उसके पीछे के महत्व और उसके इतिहास को लोग नहीं जानते हैं. लोग लंबी फिल्में देखना पसंद नहीं करते, जल्दी बोर हो जाते हैं, इसलिए पांच मिनट की ही डॉक्यूमेंट्री रखी गई है. एक डॉक्यूमेंट्री में आठ मंदिरों के बारे में बताया गया है, आगे भी यह क्रम जारी रहेगा.
मित्र की पहल से मिली प्रेरणा : अनुपम खेर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमारी मित्र प्रिया ने 1008 मंदिरों में जाकर प्रार्थना की. आध्यात्म के नजरिए से 8 महीने पहले हमसे मिलने आईं थीं. तब मैंने कहा था कि आप जो ज्ञान खुद के लिए इकट्ठा कर रही हैं, यह दुनिया में पहुंचाना जरूरी है. कम से कम हर भारतवासी तक पहुंचना जरूरी है. यहां से एक शुरुआत हुई इस श्रृंखला की. हम सबसे पहले हनुमान जी के 21 मंदिर जो दुनिया के अलग-अलग भागों में हैं, उनके महत्व के बारे में, उनकी कथा के बारे में लोगों को बताएंगे. इसके लिए हम आज अयोध्या से शुरुआत कर रहे हैं.
भगवान राम और सीता पर भी बनाएंगे डॉक्यूमेंट्री : अभिनेता ने बताया कि सबसे पहले हम अयोध्या के हनुमानगढ़ी आए हैं. मैं कभी पहले अयोध्या नहीं आया था. आज मैं पहली बार अयोध्या आया हूं. मुझे अच्छा लगा, यह श्रृंखला यही नहीं रुकेगी.हम आगे भी और देवी देवताओं पर भी यह श्रृंखला जारी रखेंगे. 5 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री होगी. इसमें हम आठ मंदिरों के इतिहास और महत्व के बारे में बताएंगे. इसके बाद हम शिवजी, भगवान राम और सीता के ऊपर भी डॉक्यूमेंट्री बनाएंगे.
कश्मीर में आया बदलाव : मीडिया से बातचीत में अभिनेता ने कहा कि कश्मीर फाइल एक फिल्म नहीं बल्कि कश्मीरी हिंदुओं का दर्द है. पत्रकारों द्वारा पूछे जाने वाले सवाल पर कहा कि कश्मीर फाइल ने अपना काम कर दिया है. मेरा इतना लंबा फिल्मी करियर रहा, बहुत बार पत्रकारों से सामना हुआ, लेकिन कभी किसी ने कश्मीर पर मुझसे कोई सवाल नहीं किया. फिल्म के बनने के बाद हर जगह पत्रकार कश्मीर को लेकर सवाल करते हैं. कश्मीरी ब्राह्मणों के बारे में कभी कोई बात नहीं करता लेकिन अब हर जगह कश्मीरी ब्राह्मणों की बात करते हैं, कश्मीर में रहने वाले हिंदुओं पर होने वाली प्रताड़ना पर बात करते हैं.आर्टिकल 370 हटाने पर बात करते हैं. लाल चौक पर कभी तिरंगा नहीं लहराया गया लेकिन जब हर घर तिरंगा लहराने का अभियान चलाया गया तो कश्मीर के हर घर हर तिरंगा लहराया. यह एक बड़ा परिवर्तन है.
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