ETV Bharat / bharat

कर्नाटक का यह परिवार आज भी फहराता है 75 साल पुराना तिरंगा - तिरंगा झंडा

गंगाधर का परिवार 1947 से हर साल राष्ट्रीय ध्वज फहराता आया है. खास बात यह है कि 1947 में फहराए गये उस तिरंगे की गरिमा आज भी उन्होंने बरकरार रखी है. पहले वे इसे अपने घर में सुरक्षित रखते थे. लेकिन 2011 में परिवार के धारवाड़ शिफ्ट होने के बाद उन्होंने इस झंडे को बैंक लॉकर में रखना शुरू कर दिया.

75 साल पुराना तिरंगा
75 साल पुराना तिरंगा
author img

By

Published : Aug 15, 2021, 1:38 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 6:14 AM IST

धारवाड़ : 15 अगस्त 1947 का वह ऐतिहासिक दिन पूरे देश की जनता के लिए अविस्मरणीय दिन था. इस दिन देश को आजादी मिली और हमारे देश की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा झंडा घर-घर में फहराया गया. उस वक्त फहराए गये झंडे की गरिमा आज भी कायम है. इसे कायम रखा है कर्नाटक के धारवाड़ स्थित गांधीनगर निवासी गंगाधर कुलकर्णी ने.

गंगाधर को यह तिरंगा उनके शिक्षक से तब मिला था, जब वह 1947 में चौथी कक्षा में पढ़ रहे थे. उनकी मां ने उस समय इस झंडे को शिक्षक से सिर्फ 25 पैसे में खरीदा और गंगाधर को सौंप दिया था. उस वक्त उन्होंने कहा था कि अब इस तिरंगे की हिफाजत का जिम्मा तुम्हारा है. उसके बाद से आज तक गंगाधर का परिवार इस तिरंगे को सुरक्षित रखा हुआ है.

कर्नाटक का यह परिवार आज भी फहराता है 75 साल पुराना तिरंगा

बता दें कि गंगाधर एक सेवानिवृत्त पशु चिकित्सा अधिकारी हैं. गंगाधर का परिवार 1947 से हर साल राष्ट्रीय ध्वज फहराता आया है. खास बात यह है कि 1947 में फहराए गये उस तिरंगे की गरिमा आज भी उन्होंने बरकरार रखी है. पहले वे इसे अपने घर में सुरक्षित रखते थे. लेकिन 2011 में परिवार के धारवाड़ शिफ्ट होने के बाद उन्होंने इस झंडे को बैंक लॉकर में रखना शुरू कर दिया. हर साल स्वतंत्रता दिवस के लिए गंगाधर अपने लॉकर से निकालकर झंडा घर ले आते हैं. इसे अपने घर के सामने फहराकर अगले दिन फिर से लॉकर में सुरक्षित रख देते हैं.

पढ़ें : देश की वो वीरांगनाएं, जिन्होंने आजादी में संभाला था मोर्चा

धारवाड़ जाने से पहले गंगाधर के परिवार ने पैतृक गांव नलटवाड़ स्थित अपने घर के सामने यह झंडा फहराया था. कभी-कभी यह झंडा गांव के स्कूल में भी फहराया जाता था.

गंगाधर कुलकर्णी के घर पर ध्वजारोहण समारोह में उनके परिवार के सभी सदस्य, स्थानीय लोग और विदेशों से भी लोग शामिल होते थे. हालांकि, पिछले साल कोविड -19 महामारी की वजह से केवल परिवार के कुछ ही सदस्य इस अवसर पर शामिल हो रहे हैं.

धारवाड़ : 15 अगस्त 1947 का वह ऐतिहासिक दिन पूरे देश की जनता के लिए अविस्मरणीय दिन था. इस दिन देश को आजादी मिली और हमारे देश की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा झंडा घर-घर में फहराया गया. उस वक्त फहराए गये झंडे की गरिमा आज भी कायम है. इसे कायम रखा है कर्नाटक के धारवाड़ स्थित गांधीनगर निवासी गंगाधर कुलकर्णी ने.

गंगाधर को यह तिरंगा उनके शिक्षक से तब मिला था, जब वह 1947 में चौथी कक्षा में पढ़ रहे थे. उनकी मां ने उस समय इस झंडे को शिक्षक से सिर्फ 25 पैसे में खरीदा और गंगाधर को सौंप दिया था. उस वक्त उन्होंने कहा था कि अब इस तिरंगे की हिफाजत का जिम्मा तुम्हारा है. उसके बाद से आज तक गंगाधर का परिवार इस तिरंगे को सुरक्षित रखा हुआ है.

कर्नाटक का यह परिवार आज भी फहराता है 75 साल पुराना तिरंगा

बता दें कि गंगाधर एक सेवानिवृत्त पशु चिकित्सा अधिकारी हैं. गंगाधर का परिवार 1947 से हर साल राष्ट्रीय ध्वज फहराता आया है. खास बात यह है कि 1947 में फहराए गये उस तिरंगे की गरिमा आज भी उन्होंने बरकरार रखी है. पहले वे इसे अपने घर में सुरक्षित रखते थे. लेकिन 2011 में परिवार के धारवाड़ शिफ्ट होने के बाद उन्होंने इस झंडे को बैंक लॉकर में रखना शुरू कर दिया. हर साल स्वतंत्रता दिवस के लिए गंगाधर अपने लॉकर से निकालकर झंडा घर ले आते हैं. इसे अपने घर के सामने फहराकर अगले दिन फिर से लॉकर में सुरक्षित रख देते हैं.

पढ़ें : देश की वो वीरांगनाएं, जिन्होंने आजादी में संभाला था मोर्चा

धारवाड़ जाने से पहले गंगाधर के परिवार ने पैतृक गांव नलटवाड़ स्थित अपने घर के सामने यह झंडा फहराया था. कभी-कभी यह झंडा गांव के स्कूल में भी फहराया जाता था.

गंगाधर कुलकर्णी के घर पर ध्वजारोहण समारोह में उनके परिवार के सभी सदस्य, स्थानीय लोग और विदेशों से भी लोग शामिल होते थे. हालांकि, पिछले साल कोविड -19 महामारी की वजह से केवल परिवार के कुछ ही सदस्य इस अवसर पर शामिल हो रहे हैं.

Last Updated : Aug 16, 2021, 6:14 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.