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तमिलनाडु : धर्मपुरी आम पर कीटों का हमला, दाम बढ़ने के आसार

कहते हैं आम फलों का राजा होता है और इसके स्वाद का हर कोई दिवाना होता है. लोग आम के बाजार में आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं. सुत्रों के अनुसार तमिलनाडु राज्य में पैदा होने वाला धर्मपुरी आम पर इस साल कीटों ने हमला कर दिया है, जिससे पैदावार लगभग आधी रहने की उम्मीद है. इसका सीधा असर आपके बजट पर पड़ेगा क्योंकि आम चखने के लिए आपको ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे.

धर्मपुरी आम
धर्मपुरी आम
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Published : May 10, 2022, 1:13 PM IST

तमिलनाडु : आम खाने के शौकीनों के लिए बूरी खबर है. जैसा कि हम जानते हैं कि आम के फसलों की शुरूआत दक्षिण भारत के आमों से होती है. परंतु इस साल दक्षिण भारत खासकर तमिलनाडु के प्रसिद्ध धर्मपुरी आम की फसल पर कीटों ने हमला करके काफी नुकसान पहुंचाया है. इसी कारणवश इस साल धर्मपुरी आम काफी कम मात्रा में बाजार में उपलब्ध होगा. उसका स्वाद लेने के लिए आपको कीमत ज्यादा चुकानी पड़ सकती है. कीटों के हमलों से तमिलनाडु बागवानी विभाग और किसान काफी चिंतित हैं. दक्षिण भारत में अपने स्वाद और आकार के लिए प्रसिद्ध, धर्मपुरी आम पूरे देश में बेचे जाते हैं. किसानों के अनुसार, कीमतें अभी तय नहीं की गई हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में कम से कम 20 से 30 प्रतिशत ज्यादा होगी. कीटों के हमले से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आम के दाम का बढ़ना लगभग तय है.

जिले में आम की खेती कुल 15,000 हेक्टेयर एरिया में होता है और प्रत्येक हेक्टेयर में लगभग 10 टन आम का उत्पादन होता था. धर्मपुरी के एक आम किसान कृष्णमूर्ति ने बताया, "15000 हेक्टेयर की खेती से आम का उत्पादन लगभग 1.5 लाख मीट्रिक टन होता था. इस साल कीटों ने फसल को बर्बाद कर दिया है इसलिये उत्पादन लगभग आधा से कम रहने की उम्मीद है. इसलिए नुकसान की भरपाई के लिए कीमतों में वृद्धि ही हमारे पास एक मात्र विकल्प है.

बागवानी विभाग के सूत्रों ने बताया कि धर्मपुरी में दो कीटों, लीफहॉपर और थ्रिप्स ने चालू सीजन में लगभग आधी फसल को बर्बाद कर दिया है. ये कीट नई शाखाओं से पत्तियों को खा जाते हैं और प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं जिससे उत्पादन प्रभावित होता है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य के बागवानी विभाग ने पहले ही पौधों के वैज्ञानिकों, रोग विशेषज्ञों और कीट विज्ञानियों को जांच करने और समाधान सुझाने के लिए आमंत्रित किया था और वैज्ञानिकों ने स्थिति से उबरने के लिए किसानों को उपायों की एक सूची दी थी.

बागवानी विभाग के बताया कि कीटों के हमले से निजात पाने के लिए किसानों ने पहले किसी भी सुझाव पर काम नहीं किया. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए सुझाव धर्मपुरी क्षेत्र में आम की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचाने वाले दो कीटों लीफहॉपर्स और थ्रिप्स की रोकथाम करने में सक्षम हैं. इसलिए अब विभाग उन कीटों से खड़ी आम की फसल को बचाने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए सुझाव को अपनाएगा. प्रसिद्ध पौधे रोगविज्ञानी डॉ एसके मनोरंजीतम और कीट विज्ञानी डॉ टी एलायिहारथी ने धर्मपुरी आम के बागानों का दौरा किया और विभाग और किसानों को कीटों के रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए.

यह भी पढ़ें-हरियाणा में तैयार की गई भारत के सबसे महंगे आम की किस्म, दाम जान रह जाएं

आईएएनएस

तमिलनाडु : आम खाने के शौकीनों के लिए बूरी खबर है. जैसा कि हम जानते हैं कि आम के फसलों की शुरूआत दक्षिण भारत के आमों से होती है. परंतु इस साल दक्षिण भारत खासकर तमिलनाडु के प्रसिद्ध धर्मपुरी आम की फसल पर कीटों ने हमला करके काफी नुकसान पहुंचाया है. इसी कारणवश इस साल धर्मपुरी आम काफी कम मात्रा में बाजार में उपलब्ध होगा. उसका स्वाद लेने के लिए आपको कीमत ज्यादा चुकानी पड़ सकती है. कीटों के हमलों से तमिलनाडु बागवानी विभाग और किसान काफी चिंतित हैं. दक्षिण भारत में अपने स्वाद और आकार के लिए प्रसिद्ध, धर्मपुरी आम पूरे देश में बेचे जाते हैं. किसानों के अनुसार, कीमतें अभी तय नहीं की गई हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में कम से कम 20 से 30 प्रतिशत ज्यादा होगी. कीटों के हमले से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आम के दाम का बढ़ना लगभग तय है.

जिले में आम की खेती कुल 15,000 हेक्टेयर एरिया में होता है और प्रत्येक हेक्टेयर में लगभग 10 टन आम का उत्पादन होता था. धर्मपुरी के एक आम किसान कृष्णमूर्ति ने बताया, "15000 हेक्टेयर की खेती से आम का उत्पादन लगभग 1.5 लाख मीट्रिक टन होता था. इस साल कीटों ने फसल को बर्बाद कर दिया है इसलिये उत्पादन लगभग आधा से कम रहने की उम्मीद है. इसलिए नुकसान की भरपाई के लिए कीमतों में वृद्धि ही हमारे पास एक मात्र विकल्प है.

बागवानी विभाग के सूत्रों ने बताया कि धर्मपुरी में दो कीटों, लीफहॉपर और थ्रिप्स ने चालू सीजन में लगभग आधी फसल को बर्बाद कर दिया है. ये कीट नई शाखाओं से पत्तियों को खा जाते हैं और प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं जिससे उत्पादन प्रभावित होता है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य के बागवानी विभाग ने पहले ही पौधों के वैज्ञानिकों, रोग विशेषज्ञों और कीट विज्ञानियों को जांच करने और समाधान सुझाने के लिए आमंत्रित किया था और वैज्ञानिकों ने स्थिति से उबरने के लिए किसानों को उपायों की एक सूची दी थी.

बागवानी विभाग के बताया कि कीटों के हमले से निजात पाने के लिए किसानों ने पहले किसी भी सुझाव पर काम नहीं किया. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए सुझाव धर्मपुरी क्षेत्र में आम की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचाने वाले दो कीटों लीफहॉपर्स और थ्रिप्स की रोकथाम करने में सक्षम हैं. इसलिए अब विभाग उन कीटों से खड़ी आम की फसल को बचाने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए सुझाव को अपनाएगा. प्रसिद्ध पौधे रोगविज्ञानी डॉ एसके मनोरंजीतम और कीट विज्ञानी डॉ टी एलायिहारथी ने धर्मपुरी आम के बागानों का दौरा किया और विभाग और किसानों को कीटों के रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए.

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आईएएनएस

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