मेहसाणा : पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो यहां गुजरात में फर्जी टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कर रहा था और मुकाबलों का सीधा प्रसारण करके रूस के सट्टेबाजों से सट्टा लगवा रहा था. पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है.
मेहसाणा के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के इंस्पेक्टर भावेश राठौड़ ने बताया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसे बड़े टूर्नामेंट की छवि पेश करने के लिए मुख्य आरोपी शोएब दावड़ा ने किराए के खेत में क्रिकेट का मैदान तैयार किया और लगभग 21 मजदूरों और स्थानीय बेरोजगार युवाओं की सेवाएं लीं. शोएब ने इन लोगों को फर्जी टीम की जर्सी पहनाकर मैच में खिलाया. तीन अन्य आरोपियों की पहचान कोलू मोहम्मद, सादिक दावड़ा और मोहम्मद साकिब के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि साकिब के अलावा बाकी सभी वडनगर के मोलीपुर गांव के रहने वाले हैं.
रूस के सट्टेबाजों से जुड़े क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट की सूचना मिलने पर मेहसाणा एसओजी टीम ने मोलीपुर गांव के बाहरी हिस्से में हाल में तैयार किए गए क्रिकेट के मैदान पर सात जुलाई को छापा मारा. पुलिस ने क्रिकेट किट, फ्लड लाइट, जनरेटर, मैच के सीधे प्रसारण के लिए इस्तेमाल होने वाले वीडियो कैमरा, एलईडी टीवी, एक लैपटॉप और रेडियो वॉकी-टॉकी जब्त किया जिनकी कुल कीमत तीन लाख 21 हजार रुपये बताई जा रही है.
रूस से हाल ही में लौटा था आरोपी : अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि शोएब ने यहां आईपीएल जैसे टूर्नामेंट के आयोजन और यूट्यूब चैनल पर मुकाबलों का सीधा प्रसारण करके रूस के सट्टेबाजों से सट्टा लगवाने की योजना बनाई. शोएब रूस में काम कर चुका है और हाल में ही अपने गांव मोलीपुर लौटा था. अधिकारी ने कहा, 'रूस में रहने के दौरान, उसने (शोएब ने) आसिफ मोहम्मद से क्रिकेट सट्टेबाजी के बारे में सीखा जिसने उसे इस तरह के फर्जी टूर्नामेंट आयोजित करने की सलाह दी थी.'
मैच का करते थे सीधा प्रसारण : अधिकारी ने बताया कि इसे प्रामाणिक बनाने के लिए गिरोह ने बेहतर सीधे प्रसारण के लिए फ्लड लाइट और वीडियो कैमरे लगाए तथा टूर्नामेंट को 'सेंचुरी हिटर्स 20-20' के रूप में 'क्रिकहीरोज' मोबाइल एप पर पंजीकृत किया और दो सप्ताह पहले इसका सीधा प्रसारण शुरू किया. टूर्नामेंट में फर्जी टीमों को चेन्नई फाइटर्स, गांधीनगर चैलेंजर्स और पालनपुर स्पोर्ट्स किंग्स जैसे नाम दिए गए.
पुलिस ने बताया कि टी20 क्रिकेट मैच खेलने के लिए शोएब ने करीब 21 मजदूरों और स्थानीय युवाओं को काम पर रखा था जिन्हें वह प्रति मैच 400 रुपये देता था. राठौड़ ने कहा, 'यूट्यूब चैनल पर मुकाबलों के सीधे प्रसारण के दौरान रूस में बैठे आसिफ ने सट्टेबाजों से सट्टा लगवाया. वह अभी भी रूस में है और इस मामले में वांछित है.'
मैच के दौरान मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला साकिब टेलीग्राम एप के माध्यम से आसिफ के संपर्क में रहता था और कोलू तथा सादिक को वॉकी-टॉकी से निर्देश देता था जो मैदान पर अंपायर की भूमिका निभाते थे. पुलिस ने बताया कि इसके बाद अंपायर खिलाड़ियों को निर्देश देते थे जो जानबूझकर धीमी गेंद फेंकते थे या बल्लेबाज जानबूझकर आउट हो जाता था जिससे गिरोह की सट्टेबाजी से अधिक कमाई होती थी.
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