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FAKE NIA OFFICER : गुजरात में फर्जी NIA अधिकारी धरा गया, ATS ने किए बड़े खुलासे

अहमदाबाद शहर में फर्जी पुलिस तो कई बार पकड़ी जा चुकी है, लेकिन खुद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का अधिकारी बताकर विभिन्न सरकारी दफ्तरों और सर्किट हाउसों पर रौब झाड़ने वाला एक ठग पकड़ा गया है. एटीएस की जांच में और भी बड़े खुलासे हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

FAKE NIA OFFICER
आरोपी गुंजन हिरेनभाई
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Published : Aug 2, 2023, 1:20 PM IST

अहमदाबाद: पीएमओ अधिकारी बनकर कई लोगों को ठगने वाले किरण पटेल को अभी लोग भूले नहीं हैं कि गुजरात में एक और बड़े ठग का मामला सामने आया है. इस ठग के पास एक नहीं बल्कि तीन अलग-अलग सरकारी विभाग के आईडी कार्ड मिले हैं. बताया जा रहा है कि गुंजन हिरेनभाई (31) ने अपने परिवार वालों से भी झूठ बोला था. जिस समय उसे गिरफ्तार किया तो उसकी पत्नी गुजरात एटीएस कार्यालय के बाहर कार में थी.

जानकारी के मुताबिक, अहमदाबाद के गांधीनगर में रहने वाला आरोपी गुंजन मूलरूप से अमरेली का रहने वाला है. पुलिस ने गुंजन को गिरफ्तार करके सोला हाई कोर्ट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है. बताया गया कि मामला गुजरात एटीएस कार्यालय में उस समय सामने आया जब आरोपी ने वहां पहुंच कर खुद को एनआईए का अधिकारी बताया. उस दौरान मौके पर मौजूद पीएसआई को आरोपी पर शक हुआ. पूछताछ में उसका फर्जीवाड़ा सामने आ गया. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

युवक की जांच के दौरान उसके पास से भारत सरकार गृह मंत्रालय उपक्रम राष्ट्रीय जांच एजेंसी का एक आईडी कार्ड मिला. उस आई कार्ड में में गुंजन हिरेनभाई कांटिया रैंक सब इंस्पेक्टर (प्रतिनियुक्ति) एनके त्यागी पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) एनआईए द्वारा लिखा और हस्ताक्षर किया गया था.

जांच में उसके पास से कुछ और आईकार्ड मिले. उनमें से एक पर भारत सरकार आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय से साथ जूनियर टाउन प्लानर आईईएस ग्रेड 2 लिखा हुआ था. इस आईडीकार्ड के जारीकर्ता प्राधिकारी गुजरात सरकार के उप सचिव देबासिस बिस्वाल के भी हस्ताक्षर थे. तीसरे आई-कार्ड कर गुजरात सरकार सड़क और भवन विभाग, गुंजन कांटिया उप कार्यकारी अभियंता, इंजीनियर पंचायत सर्कल राजकोट के पद के नाम का था.

इस मामले में गुजरात एटीएस ने जब आरोपी से पूछताछ की तो उसने बताया कि इन आईकार्ड का इस्तेमाल कर के वह वह अलग-अलग दफ्तरों में जाता था. इसके अलावा अगर उसे किसी सरकारी रेस्ट हाउस में रुकना होता था तो वह इन्हीं आईकार्ड का इस्तेमाल करता था.

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आरोपी ने बताया कि एक अगस्त को वह अपनी पत्नी को यह दिखाने के लिए लाया था कि वह एनआईए में काम करता है. एटीएस ने उससे इस आईकार्ड को बनाने के बारे में पूछताछ की. आरोपी ने बताया कि ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए अलग-अलग लोगो प्राप्त किए और अपने कंप्यूटर में कार्ड बनाया. पुलिस ने बताया कि गुंजन कांटिया के खिलाफ सोला हाई कोर्ट पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 170, 420, 465, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

अहमदाबाद: पीएमओ अधिकारी बनकर कई लोगों को ठगने वाले किरण पटेल को अभी लोग भूले नहीं हैं कि गुजरात में एक और बड़े ठग का मामला सामने आया है. इस ठग के पास एक नहीं बल्कि तीन अलग-अलग सरकारी विभाग के आईडी कार्ड मिले हैं. बताया जा रहा है कि गुंजन हिरेनभाई (31) ने अपने परिवार वालों से भी झूठ बोला था. जिस समय उसे गिरफ्तार किया तो उसकी पत्नी गुजरात एटीएस कार्यालय के बाहर कार में थी.

जानकारी के मुताबिक, अहमदाबाद के गांधीनगर में रहने वाला आरोपी गुंजन मूलरूप से अमरेली का रहने वाला है. पुलिस ने गुंजन को गिरफ्तार करके सोला हाई कोर्ट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है. बताया गया कि मामला गुजरात एटीएस कार्यालय में उस समय सामने आया जब आरोपी ने वहां पहुंच कर खुद को एनआईए का अधिकारी बताया. उस दौरान मौके पर मौजूद पीएसआई को आरोपी पर शक हुआ. पूछताछ में उसका फर्जीवाड़ा सामने आ गया. जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

युवक की जांच के दौरान उसके पास से भारत सरकार गृह मंत्रालय उपक्रम राष्ट्रीय जांच एजेंसी का एक आईडी कार्ड मिला. उस आई कार्ड में में गुंजन हिरेनभाई कांटिया रैंक सब इंस्पेक्टर (प्रतिनियुक्ति) एनके त्यागी पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) एनआईए द्वारा लिखा और हस्ताक्षर किया गया था.

जांच में उसके पास से कुछ और आईकार्ड मिले. उनमें से एक पर भारत सरकार आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय से साथ जूनियर टाउन प्लानर आईईएस ग्रेड 2 लिखा हुआ था. इस आईडीकार्ड के जारीकर्ता प्राधिकारी गुजरात सरकार के उप सचिव देबासिस बिस्वाल के भी हस्ताक्षर थे. तीसरे आई-कार्ड कर गुजरात सरकार सड़क और भवन विभाग, गुंजन कांटिया उप कार्यकारी अभियंता, इंजीनियर पंचायत सर्कल राजकोट के पद के नाम का था.

इस मामले में गुजरात एटीएस ने जब आरोपी से पूछताछ की तो उसने बताया कि इन आईकार्ड का इस्तेमाल कर के वह वह अलग-अलग दफ्तरों में जाता था. इसके अलावा अगर उसे किसी सरकारी रेस्ट हाउस में रुकना होता था तो वह इन्हीं आईकार्ड का इस्तेमाल करता था.

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आरोपी ने बताया कि एक अगस्त को वह अपनी पत्नी को यह दिखाने के लिए लाया था कि वह एनआईए में काम करता है. एटीएस ने उससे इस आईकार्ड को बनाने के बारे में पूछताछ की. आरोपी ने बताया कि ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए अलग-अलग लोगो प्राप्त किए और अपने कंप्यूटर में कार्ड बनाया. पुलिस ने बताया कि गुंजन कांटिया के खिलाफ सोला हाई कोर्ट पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 170, 420, 465, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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