फरीदाबाद: हरियाणा में आए दिन फर्जीवाड़े के मामलों में इजाफा हो रहा है. बड़ा खुलासा जिला फरीदाबाद में हुआ है. क्राइम ब्रांच डीएलएफ की टीम ने शुक्रवार देर रात स्प्रिंग फील्ड में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मौके से 36 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से लैपटॉप व विदेशियों से बात करने के लिए तैयार किए गए नोट भी बरामद किए गए हैं.
फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश: पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि आरोपी बैंक ऑफ अमेरिका का कर्मचारी बनकर विदेशी नागरिकों से बात करते थे और उनसे पैसे ऐंठते थे. मामले में गहनता से जांच की जा रही है. क्राइम ब्रांच डीएलएफ की टीम ने सेक्टर-31 स्थित बंगाल शूटिंग के पास दबिश दी. इस दौरान सूचना मिली कि स्प्रिंग फिल्ड कॉलोनी स्थित वीर प्लाजा के दूसरी मंजिल पर फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है.
आरोपियों की गिरफ्तारी: सूचना मिलते ही डीसीपी सेंट्रल से सर्च वारंट लेकर दबिश दी गई. मौके पहले कमरे में तीन युवक कानों में ईयर फोन लगाकर और सामने लैपटॉप रखकर अंग्रेजी में विदेशी नागरिकों से बात कर रहे थे. जिसके चलते पहले उन्हें गिरफ्तार किया गया था. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि तीनों आरोपी दिल्ली के ही रहने वाले हैं. आरोपियों के नाम जय, गगन, सूरज बताए जा रहे हैं. तीनों को काबू कर कॉल सेंटर की जांच की गई.
विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी: पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पहले कमरे की जांच के बाद पुलिस दूसरे कमरे में पहुंची. इस दौरान एक हॉल में करीब 30 युवक-युवती लैपटॉप से इयरफोन जोड़कर लोगों से अंग्रेजी में बात कर रहे थे. जिसके चलते सभी को काबू किया गया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ शुरू की. उनके पास से लैपटॉप के अलावा डायरी के पन्नों पर अंग्रेजी में लिखे नोट्स बरामद भी किए गए. पुलिस जांच में खुलासा हुई है कि आरोपी बैंक ऑफ अमेरिका का कर्मचारी बताकर नोट्स के अनुसार विदेशी नागरिकों से बात करते थे. अधिकांश आरोपी नार्थ-ईस्ट क्षेत्र के हैं. पुलिस इस मामले में गहनता से जांच करने में जुटी हुई है.
मुख्य आरोपी तक पहुंचेगी पुलिस !: आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कॉल सेंटर का मालिक दिल्ली निवासी कबीर है. उसके कहने पर वह कॉल सेंटर में काम करते हैं. सभी आरोपियों की उम्र 20 से 30 साल के बीच बताई गई है. इन सभी युवक-युवतियों को अंग्रेजी और हिंदी भाषा का ज्ञान है. पुलिस ने मुख्य सरगना कबीर की तलाश भी शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा.
हाईटेक लैब से डाटा रिकवर करेगी पुलिस: पुलिस टीम ने लैपटॉप में रिकॉर्ड चेक किया गया. जांच करने पर लैपटॉप में डायलर 3CX के माध्यम से काफी विदेशी ग्राहकों से बात हो रही थी. जबकि बाकी की कॉल हिस्ट्री ऑटो डिलीट की गई थी. डेटा को रिकवर करने के लिए हाईटेक लेब की सहायता ली जाएगी. जानकारी के मुताबिक, आरोपी दिल्ली,मणिपुर, फरीदाबाद के रहने वाले हैं. आरोपियों के खिलाफ थाना सेक्टर 31 में योजना के तहत जालसाजी, धोखाधड़ी, और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है.
इस तरह से करते थे ठगी: पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों के लैपटॉप में कई विदेशी कॉन्टैक्ट नंबर मिले हैं. वह लैपटॉप से डायर थ्री एक्स टेक्नोलॉजी से बात करते थे. आरोपी विदेशियों को फोन कर अपने आप को बैंक ऑफ अमेरिका का कर्मचारी बताते थे. साथ ही बैंक के लुभावने ऑफर की झूठी जानकारी देकर झांसे में लेते थे. झांसे में आने वाले लोगों से सिक्योरिटी चार्ज व अन्य तरीकों से पैसे हड़पते थे. सूत्रों की मानें तो आरोपी बैंक के उपभोक्ताओं से फर्जी ट्रांजेक्शन होने या अन्य तरह से उगाही करते थे.
पुलिस प्रशासन की आमजन से अपील: पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि आरोपियों का मेडिकल करवा कर कोर्ट में पेश कर आरोपी सुपरवाइजर जयकुमार को रिमांड पर लिया जाएगा. रिमांड के दौरान कॉल सेंटर के मुख्य आरोपी के पता ठिकाने के बारे में पूछताछ की जाएगी. आमजन से अपील है कि यदि साइबर फ्रॉड होता है तो तुरंत 1930 पर कॉल करें. ताकि लापरवाही की वजह से या साइबर ठगों की चालाकी की वजह से हुए वित्तीय नुकसान को रोका जा सके.
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