लखनऊ : देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समाज में महंगी शादियों के चलन और फिजूल खर्ची के साथ दहेज के लेन-देन पर अंकुश लगाने के लिए मुसलमानों को जागरूक करने का खाका तैयार किया है. मंगलवार को बोर्ड की इस्लाहे मयशरा कमेटी की कांफ्रेंस में देशभर के पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारी ऑनलाइन जुड़े और मुसलमानों में फैली कुरीतियों को दूर करने पर चर्चा हुई.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के चेयरमैन मौलाना राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में ऑनलाइन माध्यम से कांफ्रेंस हुई. कुछ वक्त पहले गुजरात की आयशा के दहेज उत्पीड़न के बाद आत्महत्या करने के बाद बोर्ड ने मुस्लिम समाज में महंगी शादी और दहेज प्रथा को खत्म करने की तैयारी की थी. इसके लिए देशभर में मस्जिदों के इमामों द्वारा जुमे की नमाज में तकरीर के दौरान मुसलमानों को जागरूक करने का काम शुरू किया गया था. मंगलवार को हुई ऑनलाइन बैठक में सबने बोर्ड के इस कदम को कारगर माना और व्यापक पैमाने पर इस काम की मुहिम छेड़ने की रणनीति तैयार की.
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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि मुस्लिम समाज में निकाह को आसान बनाने के लिए शरीयत के अनुसार निकाह किए जाएंगे. मौलाना ने कहा कि बोर्ड मुहिम के तौर पर इस काम को करेगा और मुसलमानों में बेवजह के शुरू हुए रीति-रिवाज को खत्म करने पर काम करेगा.