मुंबई: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर काफी घातक साबित हो रही है. ऐसे में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है.
कोरोना वायरस के टीकाकरण अभियान को लेकर पुणे की वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने टीकाकरण अभियान में बेहद लापरवाही बरती. सुरेश जाधव ने कहा कि इस अभियान के विस्तार के दौरान सरकार ने वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया. उनका यह बयान ऐसे समय आया जब देश के कई हिस्सों में वैक्सीन की किल्लत देखी जा रही है.
एक कार्यक्रम में सुरेश जाधव ने कहा कि भारत की मोदी सरकार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर टीकाकरण अभियान में लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अभियान की शुरुआत में 300 मिलियन लोगों को वैक्सीन दी जानी थी, जिसके लिए करीब 600 मिलियन डोज की आवश्यकता थी.
सुरेश जाधव ने सरकार के टीकाकरण अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम लक्ष्य तक पहुंचते इससे पहले ही केंद्र सरकार ने 45 साल से ऊपर के सभी लोगों के साथ-साथ 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए भी टीकाकरण चालू कर दिया जबकि सरकार को इस बात का पता था कि उनके पास वैक्सीन का इतना स्टॉक मौजूद नहीं है.
उन्होंने कहा कि इससे हमें यह सीख मिली कि हमें उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए और उसका न्यायसंगत तरीके से उपयोग करना चाहिए. जाधव ने जोर देकर कहा कि टीकाकरण के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
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टीकाकरण के बाद भी कोरोना गाइडलाइंस के पालन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कौन सी वैक्सीन प्रभावी है और कौन सी नहीं ये कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी. सीडीसी और एनआईएच डेटा के मुताबिक जो भी वैक्सीन उपलब्ध है उसकी डोज ली जानी चाहिए.