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झारखंड सरकार के एक साल पूरे, सोरेन बोले- सामने आ रही पूरी सच्चाई

हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी झारखंड सरकार एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है. इसे लेकर इटीवी भारत की टीम ने सीएम सोरेन से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव समेत समय के साथ बदलते राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की.

exclusive talks with cm hemant soren
exclusive talks with cm hemant soren
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Published : Dec 27, 2020, 9:55 PM IST

रांची : हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी झारखंड सरकार एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है. विपक्ष का मानना है कि सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह फेल रही, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दलील कुछ और है. चुनाव के वक्त के वादों, सरकार बनने के बाद उपजे हालात, केंद्र के साथ संबंध, पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव समेत समय के साथ बदलते राजनीतिक हालात पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईटीवी भारत से खुलकर बातचीत की.

हेमंत सरकार वादों से नहीं हटेगी पीछे
बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार बनने के कुछ महीने के भीतर ही वैश्विक महामारी ने दस्तक दे दी. इसकी वजह से प्राथमिकताएं बदलनी पड़ीं. दूसरे प्रदेशों से अपने लोगों को वापस लाना और उनके लिए भोजन की व्यवस्था करना आसान काम नहीं था. स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त बनाना बड़ी चुनौती थी. इस मोर्चे पर सरकार सफल रही. यही वजह है कि देश के टॉप 3 राज्यों में झारखंड का नाम इसलिए आता है, क्योंकि यहां मोर्टालिटी रेट कम है और रिकवरी रेट ज्यादा है. हालांकि, अभी भी चुनौतियां कम नहीं हुई है, क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं है. यही एक कारण था कि चुनाव के समय किए गए वादे पीछे करने पड़े. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार जनता से किए वादों से पीछे नहीं हटेगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

रघुवर सरकार से विरासत में मिला था खाली खजाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौर में केंद्र सरकार की तरफ से किसी तरह की मदद नहीं मिली. ऊपर से पूर्ववर्ती सरकार के समझौते का हवाला देकर डीवीसी की बकाया राशि राज्य सरकार के खाते से निकाल ली गई. एक वक्त ऐसा आया जब सरकारी कर्मियों को तनख्वाह देने के लिए भी सोचना पड़ रहा था, क्योंकि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार से विरासत में खाली खजाना मिला था. ऐसे दौर में सरकार ने राजस्व संग्रहण के रास्ते निकाले, ताकि किसी के पास हाथ फैलाने की नौबत ना आए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार संघीय व्यवस्था में विश्वास रखती है. वह कतई नहीं चाहती कि केंद्र सरकार के साथ टकराव वाली नौबत आई. यही वजह है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरकार अपने स्तर से राजस्व संग्रह के रास्ते बनाते हुए जनहित की दिशा में आगे बढ़ रही है.

पश्चिम बंगाल के चुनाव में उनकी पार्टी खड़ा करेगी प्रत्याशी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जब यह पूछा गया कि बाबूलाल मरांडी जेवीएम में थे तब चुनाव जीतने के बाद आप उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. अब ऐसा क्या हो गया कि बाबूलाल मरांडी सरकार को कटघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस सवाल को टालते हुए सिर्फ इतना कहा कि बाबूलाल मरांडी ने जिस तरीके से अपना राजनीतिक चेहरा दिखाया, उससे बहुत लोगों को धोखा हो सकता है. पश्चिम बंगाल की आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनावी मैदान में उनकी पार्टी प्रत्याशी खड़ा करेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के साथ झामुमो का तालमेल होगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि झामुमो एक संघर्ष करने वाली पार्टी है और हम संघर्ष से पीछे नहीं हटते हैं.

रिक्त तीन मंत्री पदों को भरने पर सीएम का जबाब
मंत्री हाजी हुसैन के निधन और मंत्री जगन्नाथ महतो के लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद कैबिनेट में रिक्त तीन मंत्री पदों को भरने के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसका जवाब आने वाले समय में मिल जाएगा. सरना आदिवासी धर्म कोड के मसले पर मुख्यमंत्री ने बात की. उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ है. इसके लिए वे क्रेडिट लेना नहीं चाहते. यह पूछे जाने पर कि क्या इस प्रस्ताव के पास होने से आदिवासियों को कोई फायदा होगा ? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इससे आदिवासियों के आवाज को मजबूती मिली है. इसके बावजूद अगर कोई राजनीति कर रहा है तो यह समझ से परे है.

पढ़ें-हिमाचल सरकार के तीन साल : सीएम बोले, कोविड के बावजूद नहीं रुका विकास

कृषि कानून के खिलाफ झामुमो का प्रतिनिधिमंडल जाएगा दिल्ली
तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत बंद के दौरान उनकी पार्टी ने समर्थन दिया था और इसका असर भी दिखा. जरूरत पड़ी तो झामुमो की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल भी दिल्ली जाएगा. किसानों की इस मांग के समर्थन में उनकी सरकार हर मोर्चे पर खड़ी रहेगी. झारखंड में आदिवासियों की जमीन की हो रही हेराफेरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था भाजपा के शासन काल से चली आ रही है. उनके नेतृत्व में सरकार बनने के बाद सारी सच्चाई जनता के सामने आ रही हैं और कार्रवाई भी हो रही है.

रांची : हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी झारखंड सरकार एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है. विपक्ष का मानना है कि सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह फेल रही, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दलील कुछ और है. चुनाव के वक्त के वादों, सरकार बनने के बाद उपजे हालात, केंद्र के साथ संबंध, पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव समेत समय के साथ बदलते राजनीतिक हालात पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईटीवी भारत से खुलकर बातचीत की.

हेमंत सरकार वादों से नहीं हटेगी पीछे
बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार बनने के कुछ महीने के भीतर ही वैश्विक महामारी ने दस्तक दे दी. इसकी वजह से प्राथमिकताएं बदलनी पड़ीं. दूसरे प्रदेशों से अपने लोगों को वापस लाना और उनके लिए भोजन की व्यवस्था करना आसान काम नहीं था. स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त बनाना बड़ी चुनौती थी. इस मोर्चे पर सरकार सफल रही. यही वजह है कि देश के टॉप 3 राज्यों में झारखंड का नाम इसलिए आता है, क्योंकि यहां मोर्टालिटी रेट कम है और रिकवरी रेट ज्यादा है. हालांकि, अभी भी चुनौतियां कम नहीं हुई है, क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं है. यही एक कारण था कि चुनाव के समय किए गए वादे पीछे करने पड़े. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार जनता से किए वादों से पीछे नहीं हटेगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

रघुवर सरकार से विरासत में मिला था खाली खजाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौर में केंद्र सरकार की तरफ से किसी तरह की मदद नहीं मिली. ऊपर से पूर्ववर्ती सरकार के समझौते का हवाला देकर डीवीसी की बकाया राशि राज्य सरकार के खाते से निकाल ली गई. एक वक्त ऐसा आया जब सरकारी कर्मियों को तनख्वाह देने के लिए भी सोचना पड़ रहा था, क्योंकि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार से विरासत में खाली खजाना मिला था. ऐसे दौर में सरकार ने राजस्व संग्रहण के रास्ते निकाले, ताकि किसी के पास हाथ फैलाने की नौबत ना आए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार संघीय व्यवस्था में विश्वास रखती है. वह कतई नहीं चाहती कि केंद्र सरकार के साथ टकराव वाली नौबत आई. यही वजह है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरकार अपने स्तर से राजस्व संग्रह के रास्ते बनाते हुए जनहित की दिशा में आगे बढ़ रही है.

पश्चिम बंगाल के चुनाव में उनकी पार्टी खड़ा करेगी प्रत्याशी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जब यह पूछा गया कि बाबूलाल मरांडी जेवीएम में थे तब चुनाव जीतने के बाद आप उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. अब ऐसा क्या हो गया कि बाबूलाल मरांडी सरकार को कटघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस सवाल को टालते हुए सिर्फ इतना कहा कि बाबूलाल मरांडी ने जिस तरीके से अपना राजनीतिक चेहरा दिखाया, उससे बहुत लोगों को धोखा हो सकता है. पश्चिम बंगाल की आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनावी मैदान में उनकी पार्टी प्रत्याशी खड़ा करेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के साथ झामुमो का तालमेल होगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि झामुमो एक संघर्ष करने वाली पार्टी है और हम संघर्ष से पीछे नहीं हटते हैं.

रिक्त तीन मंत्री पदों को भरने पर सीएम का जबाब
मंत्री हाजी हुसैन के निधन और मंत्री जगन्नाथ महतो के लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद कैबिनेट में रिक्त तीन मंत्री पदों को भरने के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसका जवाब आने वाले समय में मिल जाएगा. सरना आदिवासी धर्म कोड के मसले पर मुख्यमंत्री ने बात की. उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ है. इसके लिए वे क्रेडिट लेना नहीं चाहते. यह पूछे जाने पर कि क्या इस प्रस्ताव के पास होने से आदिवासियों को कोई फायदा होगा ? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इससे आदिवासियों के आवाज को मजबूती मिली है. इसके बावजूद अगर कोई राजनीति कर रहा है तो यह समझ से परे है.

पढ़ें-हिमाचल सरकार के तीन साल : सीएम बोले, कोविड के बावजूद नहीं रुका विकास

कृषि कानून के खिलाफ झामुमो का प्रतिनिधिमंडल जाएगा दिल्ली
तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत बंद के दौरान उनकी पार्टी ने समर्थन दिया था और इसका असर भी दिखा. जरूरत पड़ी तो झामुमो की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल भी दिल्ली जाएगा. किसानों की इस मांग के समर्थन में उनकी सरकार हर मोर्चे पर खड़ी रहेगी. झारखंड में आदिवासियों की जमीन की हो रही हेराफेरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था भाजपा के शासन काल से चली आ रही है. उनके नेतृत्व में सरकार बनने के बाद सारी सच्चाई जनता के सामने आ रही हैं और कार्रवाई भी हो रही है.

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