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ETV भारत से बोले शिवसेना सांसद अरविंद सावंत, ' सरकार को राज्यसभा सांसदों के निलंबन लेना चाहिए वापस

तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के 12 राज्यसभा सांसद निलंबन की वजह से लगातार संसद में गांधी मूर्ति के नीचे धरने पर बैठे हैं और उनके समर्थन में विपक्ष की तमाम पार्टियां सरकार का विरोध कर रही हैं और उनके निलंबन वापसी की मांग कर रही हैं, जिससे राज्यसभा की कार्यवाही लगातार हंगामे में धूल रही है और पिछले सत्र की तरह इस सत्र में भी राज्यसभा में कार्यवाही ठप पड़ी है. आखिर डेडलॉक खत्म कैसे हो इस मुद्दे पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद अरविंद सावंत से ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने बात की है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा..

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अरविंद सावंत (ईटीवी भारत)
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Published : Dec 3, 2021, 1:41 AM IST

Updated : Dec 3, 2021, 1:47 AM IST

नई दिल्ली : सांसद के मानसून सत्र (parliament monsoon session) के दौरान राज्यसभा में 'अशोभनीय आचरण' के लिए निलंबित किए गए 12 सांसद, इस कार्रवाई के विरोध में बुधवार को संसद परिसर में धरने पर बैठ गए और कहा कि वे निलंबन रद्द होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. विपक्ष की तमाम पार्टियां भी सरकार का विरोध कर रही हैं और उनके निलंबन वापसी की मांग कर रही हैं, जिससे राज्यसभा की कार्यवाही लगातार हंगामे में धूल रही है और पिछले सत्र की तरह इस सत्र में भी राज्यसभा में कार्यवाही ठप पड़ी है. इस मसले पर ईटीवी भारत से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत (shiv sena mp Arvind Sawant) ने कहा का कि लोकसभा में कार्रवाई अब सुचारू रूप से चल रही है बिल पास हो रहे हैं, लेकिन सरकार चाहती नहीं कि ऐसे ही कार्रवाई राज्यसभा में भी शुरू हो.

अरविंद सावंत ने कहा कि यदि सरकार को राज्यसभा भी सुचारू रूप से चलाना है तो 12 सांसद जिन्हें, पिछले सत्र में हंगामे की वजह से इस सत्र में निलंबित किया गया है, उन्हें वापस लेना होगा और उनके निलंबन को वापस कराना होगा.

शिवसेना सासंद अरविंद सावंत से खास बातचीत.

सावंत ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब स्वर्गीय अरुण जेटली ने जमकर विरोध किया था और जिसके चलते एक दिन भी लोकसभा का सत्र नहीं चल पाया था था. अरुण जेटली ने ने खुद सदन के वेल में धरना भी दिया था. तब उस समय जेटली ने कहा था कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है. ऐसे में यदि विपक्ष मांग उठा रहा है तो उसका निलंबन क्यों? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी सत्र की शुरुआत के समय ही कहा था कि विपक्ष अपनी बातों को रचनात्मक तरीके से रख सकता है फिर ऐसे में विपक्ष को अपनी बात क्यों नहीं रखने दी जा रही है.

शिवसेना नेता कहा कि जहां तक सवाल फार्म बिल पर चर्चा का है, यदि सदन में चर्चा होती, तो शायद जो किसान इस आंदोलन में मर गए उनके मुआवजे को लेकर चर्चा होती. उनके एमएसपी के डिमांड पर भी चर्चा की जाती, इसके अलावा जहां तक बात 12 सांसदों के निलंबन की है, यह गलत है क्योंकि उनका निलंबन किसानों के हित की आवाज उठाने के लिए किया गया है और किसानों के बिल को वापस लेते हुए प्रधानमंत्री ने माफी मांगी है, तो ऐसे में किसानों के हित के लिए आवाज उठाने वाले को निलंबित किया जा रहा है. यह सही नहीं है.

उन्होंने विपक्ष के इस डिमांड से भी इनकार किया कि शिवसेना यह चाहती है कि प्रधानमंत्री माफी मांगे. सांवत ने कहा कि शिवसेना बिल्कुल नहीं चाहती है कि प्रधानमंत्री माफी मांगे. वह देश के प्रधानमंत्री हैं.

यह भी पढ़ें- 'जब PM से बात करने गए तो उन्होंने कहा था, थाली बजाओ, कोरोना भाग जाएगा'

कांग्रेस के टीएमसी पर किए गए इस आरोप पर कि टीएमसी भाजपा की बी टीम है. इस पर उन्होंने कहा कि टीएमसी और बाकी सभी पार्टियों के अपने मुद्दे होते हैं यह जरूरी नहीं कि वह हर जगह विपक्ष के साथ लामबंद हो यह बहुत ही स्वाभाविक है सभी पार्टियां मुद्दे आधारित राजनीति करती हैं किस मुद्दे पर समर्थन करना है या किस मुद्दे पर विरोध जरूरी नहीं कि कोई भी पार्टी हर एक मुद्दे पर विपक्ष के साथ खड़ी हो.

नई दिल्ली : सांसद के मानसून सत्र (parliament monsoon session) के दौरान राज्यसभा में 'अशोभनीय आचरण' के लिए निलंबित किए गए 12 सांसद, इस कार्रवाई के विरोध में बुधवार को संसद परिसर में धरने पर बैठ गए और कहा कि वे निलंबन रद्द होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. विपक्ष की तमाम पार्टियां भी सरकार का विरोध कर रही हैं और उनके निलंबन वापसी की मांग कर रही हैं, जिससे राज्यसभा की कार्यवाही लगातार हंगामे में धूल रही है और पिछले सत्र की तरह इस सत्र में भी राज्यसभा में कार्यवाही ठप पड़ी है. इस मसले पर ईटीवी भारत से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत (shiv sena mp Arvind Sawant) ने कहा का कि लोकसभा में कार्रवाई अब सुचारू रूप से चल रही है बिल पास हो रहे हैं, लेकिन सरकार चाहती नहीं कि ऐसे ही कार्रवाई राज्यसभा में भी शुरू हो.

अरविंद सावंत ने कहा कि यदि सरकार को राज्यसभा भी सुचारू रूप से चलाना है तो 12 सांसद जिन्हें, पिछले सत्र में हंगामे की वजह से इस सत्र में निलंबित किया गया है, उन्हें वापस लेना होगा और उनके निलंबन को वापस कराना होगा.

शिवसेना सासंद अरविंद सावंत से खास बातचीत.

सावंत ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब स्वर्गीय अरुण जेटली ने जमकर विरोध किया था और जिसके चलते एक दिन भी लोकसभा का सत्र नहीं चल पाया था था. अरुण जेटली ने ने खुद सदन के वेल में धरना भी दिया था. तब उस समय जेटली ने कहा था कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है. ऐसे में यदि विपक्ष मांग उठा रहा है तो उसका निलंबन क्यों? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी सत्र की शुरुआत के समय ही कहा था कि विपक्ष अपनी बातों को रचनात्मक तरीके से रख सकता है फिर ऐसे में विपक्ष को अपनी बात क्यों नहीं रखने दी जा रही है.

शिवसेना नेता कहा कि जहां तक सवाल फार्म बिल पर चर्चा का है, यदि सदन में चर्चा होती, तो शायद जो किसान इस आंदोलन में मर गए उनके मुआवजे को लेकर चर्चा होती. उनके एमएसपी के डिमांड पर भी चर्चा की जाती, इसके अलावा जहां तक बात 12 सांसदों के निलंबन की है, यह गलत है क्योंकि उनका निलंबन किसानों के हित की आवाज उठाने के लिए किया गया है और किसानों के बिल को वापस लेते हुए प्रधानमंत्री ने माफी मांगी है, तो ऐसे में किसानों के हित के लिए आवाज उठाने वाले को निलंबित किया जा रहा है. यह सही नहीं है.

उन्होंने विपक्ष के इस डिमांड से भी इनकार किया कि शिवसेना यह चाहती है कि प्रधानमंत्री माफी मांगे. सांवत ने कहा कि शिवसेना बिल्कुल नहीं चाहती है कि प्रधानमंत्री माफी मांगे. वह देश के प्रधानमंत्री हैं.

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कांग्रेस के टीएमसी पर किए गए इस आरोप पर कि टीएमसी भाजपा की बी टीम है. इस पर उन्होंने कहा कि टीएमसी और बाकी सभी पार्टियों के अपने मुद्दे होते हैं यह जरूरी नहीं कि वह हर जगह विपक्ष के साथ लामबंद हो यह बहुत ही स्वाभाविक है सभी पार्टियां मुद्दे आधारित राजनीति करती हैं किस मुद्दे पर समर्थन करना है या किस मुद्दे पर विरोध जरूरी नहीं कि कोई भी पार्टी हर एक मुद्दे पर विपक्ष के साथ खड़ी हो.

Last Updated : Dec 3, 2021, 1:47 AM IST
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