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सुपरटेक पर Supreme Court का फैसला बिल्डरों के लिए सबक : कर्नल TP त्यागी - FPCE reaction on supreme court judgement

मंगलवार को SC ने 40 मंजिला सुपरटेक के दोनों टावरों काे गिराने का फैसला सुनाया. इस पर Etv Bharat ने फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट के रिटायर्ड कर्नल TP त्यागी से खास बातचीत की. पेश है मुख्य अंश...

सुपरटेक
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Published : Aug 31, 2021, 6:27 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें नोएडा में सुपरटेक बिल्डर्स की एमेरल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में भवन मानदंडों के उल्लंघन के लिए 40 मंजिला दो टावरों को ध्वस्त करने के निर्देश दिये गये थे. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बिल्डिंग का निर्माण नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम था.

सुपरटेक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिल्डरों के लिए सबक

राष्ट्रीय स्तर पर फ्लैट खरीदारों की आवाज उठाने वाली प्रमुख संस्था फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट (Forum for People's Collective Efforts-FPCE) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रिटा. कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह ऐतिहासिक फैसला है. जब-तब बिल्डर्स खरीदारों को परेशान करते थे. ऐसा पहली बार हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर्स को आइना दिखाया है.

कर्नल त्यागी ने कहा सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ सुनाया गया फैसला अन्य बिल्डर्स के लिए सबक साबित होगा. सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट बायर्स का पैसा ब्याज सहित लौटाने का फैसला सुनाया है. उन्होंने कहा फ्लैट बायर्स का जो मानसिक उत्पीड़न हुआ है, उसका मुआवजा भी कोर्ट को तय करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि बिल्डर्स खरीदारों का शुरू से अंत तक उत्पीड़न करते हैं. कई बिल्डर तो निर्धारित समय पर खरीदारों को फ्लैट नहीं दे पाते. बिल्डर द्वारा जो सुविधाएं खरीदारों को मुहैया कराने का वादा किया जाता है, उससे भी बिल्डर मुकर जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज दिए गए फैसले के बाद बिल्डरों को यह सबक मिला है कि अगर नियमों में धांधली की गई तो दोबारा बिल्डिंग को ध्वस्त करने आदेश जारी हो सकता है.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट से सुपरटेक काे झटका, 40 मंजिला दो टॉवर्स काे गिराने का आदेश

नई दिल्ली/गाजियाबाद : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें नोएडा में सुपरटेक बिल्डर्स की एमेरल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में भवन मानदंडों के उल्लंघन के लिए 40 मंजिला दो टावरों को ध्वस्त करने के निर्देश दिये गये थे. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बिल्डिंग का निर्माण नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम था.

सुपरटेक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिल्डरों के लिए सबक

राष्ट्रीय स्तर पर फ्लैट खरीदारों की आवाज उठाने वाली प्रमुख संस्था फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट (Forum for People's Collective Efforts-FPCE) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रिटा. कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह ऐतिहासिक फैसला है. जब-तब बिल्डर्स खरीदारों को परेशान करते थे. ऐसा पहली बार हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर्स को आइना दिखाया है.

कर्नल त्यागी ने कहा सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ सुनाया गया फैसला अन्य बिल्डर्स के लिए सबक साबित होगा. सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट बायर्स का पैसा ब्याज सहित लौटाने का फैसला सुनाया है. उन्होंने कहा फ्लैट बायर्स का जो मानसिक उत्पीड़न हुआ है, उसका मुआवजा भी कोर्ट को तय करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि बिल्डर्स खरीदारों का शुरू से अंत तक उत्पीड़न करते हैं. कई बिल्डर तो निर्धारित समय पर खरीदारों को फ्लैट नहीं दे पाते. बिल्डर द्वारा जो सुविधाएं खरीदारों को मुहैया कराने का वादा किया जाता है, उससे भी बिल्डर मुकर जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज दिए गए फैसले के बाद बिल्डरों को यह सबक मिला है कि अगर नियमों में धांधली की गई तो दोबारा बिल्डिंग को ध्वस्त करने आदेश जारी हो सकता है.

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