नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. किसान नेताओं के मुताबिक, 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत सफल हुई है. महापंचायत के बाद अब किसान नेता आंदोलन को तेज करने के लिए आगे की रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं.
ईटीवी भारत ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर की महापंचायत सफल होने के बाद अब उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कई बड़ी महापंचायतों का आयोजन किया जाएगा. जवान और किसान के हालात बेहद खराब हैं. 12 सिंतबर को हमीरपुर और 22 सिंतबर को लक्सर में बड़ी महापंचायत होगी.
5 तारीख को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा था कि किसानों की महापंचायत सर्वदलीय थी. संजीव बालियान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा महापंचायत में कई ट्रैक्टरों पर भाजपा के झंडे भी लगे दिखाई दिए. क्या भाजपा भी किसान महापंचायत का समर्थन कर रही थी.
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हाल ही में भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप ने टिकट पर निशाना साधते हुए कहा था कि राकेश टिकैत के सभी कार्यक्रमों को कांग्रेस पार्टी द्वारा फंड किया जा रहा है. भानु प्रताप के बयान पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन किसी की फंडिंग पर नहीं बल्कि किसानों के दम पर चल रहा है. टिकैत ने कहा तकरीबन एक दशक पहले भानु प्रताप सिंह को भाकियू (टिकैत) गुट से निकाला गया था. हम नहीं जानते वो कौन हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत साफ कर चुके हैं कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि भाजपा ही क्यों, क्या पंजाब में राकेश टिकैत कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे. राकेश टिकैत से जब सवाल किया गया तो उनका कहना था कि कांग्रेस के खिलाफ क्यों प्रचार करें. भाजपा काले कृषि कानून लेकर आई है उसके खिलाफ प्रचार किया जाएगा.