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ईटीवी भारत से बोले खड़गे- देखते हैं सुझावों पर कितना अमल करती है सरकार

अफगानिस्तान संकट पर केंद्र सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की स्थिति की जानकारी दी. बैठक के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार को सभी पार्टियों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं. और जब सरकार हमारे द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल करेगी, तभी हम कह सकते हैं कि सरकार काम कर रही है. कांग्रेस नेता से ईटीवी भारत की संवाददाता नियामिका सिंह ने बात की है.

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Published : Aug 26, 2021, 8:27 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 8:42 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि 15 अगस्त को तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान में स्थिति बहुत गंभीर है और शेष भारतीयों को निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं को जानकारी देते हुए, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, भारत अफगानिस्तान से अधिक से अधिक लोगों को निकालने की कोशिश कर रहा है और भारतीय कर्मियों को निकालना इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.

सर्वदलीय बैठक के बाद ईटीवी भारत से कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान संकट पर बैठक में चर्चा की गई. क्योंकि यह राष्ट्रीय हित का मुद्दा है. हम सभी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं, लेकिन देखते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर आगे कैसे कार्य करती है. जब सरकार हमारे द्वारा सुझावों पर अमल करेंगी, तभी हम कह सकते हैं कि सरकार काम कर रही है.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से खास बातचीत.

उन्होंने कहा कि फिलहाल, सरकार अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकाल रही है. सभी पार्टियों ने सवाल किया, जिस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब दिया. खड़गे ने कहा कि हमें देश और लोगों के हित में एकजुट होकर काम करना है. उन्होंने मीटिंग में 'वेट एंड वॉच के लिए बोला है.

जयशंकर ने नेताओं को फंसे भारतीयों और भारत आने की इच्छा रखने वाले अफगानों को निकालने के लिए ऑपरेशन देवी शक्ति के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत ने युद्धग्रस्त देश की स्थिति पर इंतजार करो और देखो (वेट एंड वॉच) की नीति अपनाई है.

उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं को भारत द्वारा उठाए गए पूर्व-उपायों के बारे में नवीनतम जानकारी दी और पूर्व-उपायों के बारे में अपडेट दी, जिसमें अप्रैल 2020 में हेरात और जलालाबाद में वाणिज्य दूतावासों से भारत-आधारित कर्मियों की अस्थायी वापसी और जून में कंधार और मजार-ए-शरीफ में शेष दो वाणिज्य दूतावास शामिल है.

यह भी पढ़ें- सर्वदलीय बैठक खत्म, विदेश मंत्री बोले- लोगों को निकालने के लिए सब कुछ कर रही है सरकार

उन्होंने कहा कि काबुल में गंभीर स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद, 17 अगस्त को राजदूत रुद्रेंद्र टंडन सहित सभी दूतावास कर्मियों को बाहर निकाला गया है.

राकांपा नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टी. आर. बालू और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा जैसे नेता बैठक में शामिल हुए.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि 15 अगस्त को तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान में स्थिति बहुत गंभीर है और शेष भारतीयों को निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं को जानकारी देते हुए, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, भारत अफगानिस्तान से अधिक से अधिक लोगों को निकालने की कोशिश कर रहा है और भारतीय कर्मियों को निकालना इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.

सर्वदलीय बैठक के बाद ईटीवी भारत से कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान संकट पर बैठक में चर्चा की गई. क्योंकि यह राष्ट्रीय हित का मुद्दा है. हम सभी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं, लेकिन देखते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर आगे कैसे कार्य करती है. जब सरकार हमारे द्वारा सुझावों पर अमल करेंगी, तभी हम कह सकते हैं कि सरकार काम कर रही है.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से खास बातचीत.

उन्होंने कहा कि फिलहाल, सरकार अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकाल रही है. सभी पार्टियों ने सवाल किया, जिस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब दिया. खड़गे ने कहा कि हमें देश और लोगों के हित में एकजुट होकर काम करना है. उन्होंने मीटिंग में 'वेट एंड वॉच के लिए बोला है.

जयशंकर ने नेताओं को फंसे भारतीयों और भारत आने की इच्छा रखने वाले अफगानों को निकालने के लिए ऑपरेशन देवी शक्ति के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत ने युद्धग्रस्त देश की स्थिति पर इंतजार करो और देखो (वेट एंड वॉच) की नीति अपनाई है.

उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं को भारत द्वारा उठाए गए पूर्व-उपायों के बारे में नवीनतम जानकारी दी और पूर्व-उपायों के बारे में अपडेट दी, जिसमें अप्रैल 2020 में हेरात और जलालाबाद में वाणिज्य दूतावासों से भारत-आधारित कर्मियों की अस्थायी वापसी और जून में कंधार और मजार-ए-शरीफ में शेष दो वाणिज्य दूतावास शामिल है.

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उन्होंने कहा कि काबुल में गंभीर स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद, 17 अगस्त को राजदूत रुद्रेंद्र टंडन सहित सभी दूतावास कर्मियों को बाहर निकाला गया है.

राकांपा नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टी. आर. बालू और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा जैसे नेता बैठक में शामिल हुए.

Last Updated : Aug 26, 2021, 8:42 PM IST
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