नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एक साल पहले देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी. कोरोना वायरस की दस्तक के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी जमात के मरकज (केंद्र) को कोरोना के लिए जिम्मेदार बताते हुए इस बंद कर दिया था.
यह मामला सामने आने के बाद मीडिया के एक वर्ग द्वारा तबलीगी जमात का नाम बदनाम करने की हरसंभव की गई थी. जिसका असर देश के विभिन्न शहरों में भी देखने को मिला था, लेकिन पिछले एक साल के दौरान देश की अदालतों से आए फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया कि तबलीगी जमात पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद थे. ईटीवी भारत से बातचीत में तबलीगी जमात के वकील फुजैल अहमद अय्यूबी ने यह बातें कहीं.
उन्होंने बताया कि तबलीगी को सख्त सलाह दी गई थी कि किसी भी हाल में मरकज या जमात की तरफ से किसी पर आरोप नहीं लगाए जाएंगे. साथ ही यह भी कहा गया था कि जो जवाब देने हैं सिर्फ कानून के दायरे में रह कर देना है.
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उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन मरकज को खोलने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड की तरफ से अपील दायर की गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि निजामुद्दीन मरकज जल्द ही पूरी तरह से खुल जाएगा और सभी सरगर्मियां शुरू हो जाएंगी.