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Ex VCs Legal Notice to Governor: प.बंगाल में पूर्व कुलपतियों ने गवर्नर को दिया कानूनी नोटिस, कहा माफी मांगें

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 15, 2023, 10:38 AM IST

पश्चिम बंगाल में पूर्व कुलपतियों ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ कदम उठाया है. उनका आरोप है कि राज्यपाल ने उन्हें बदनाम किया.

Etv BharatEx VCs send legal notice to governor, asking him to apologise for defaming them
Etv Bharatपश्चिम बंगाल में पूर्व कुलपतियों ने राज्यपाल को भेजा कानूनी नोटिस, माफी मांगने को कहा

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के सरकारी विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतियों ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा है. इस नोटिस के माध्यम से राज्यपाल से कथित तौर पर पूर्व कुलपतियों को बदनाम करने के लिए 15 दिनों के भीतर माफी मांगने को कहा है. तृणमूल कांग्रेस के समर्थक पूर्व कुलपतियों और शिक्षाविदों के एक मंच ने दावा किया कि 12 पूर्व कुलपति राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में बोस द्वारा लगाए गए अपमानजनक, झूठे और मानहानिकारक आरोपों से व्यथित और व्याकुल हैं.

बोस विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार के साथ वाकयुद्ध में उलझे हुए हैं. उन्होंने पिछले सप्ताह एक वीडियो संदेश में कहा, 'पहले के नियुक्त किए गए कुछ कुलपतियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, यौन उत्पीड़न और राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप थे. यही कारण है कि उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया.

एजुकेशनिस्ट्स फोरम ने कानूनी नोटिस में चेतावनी देते हुए यदि पूर्व वीसी से माफी नहीं मांगी तो गवर्नर के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया जाएगा और प्रत्येक के लिए 50 लाख रुपये का जुर्माना भी मांगा जाएगा. नोटिस में ये भी कहा गया कि टिप्पणियों से उन प्रसिद्ध शिक्षाविदों को बदनाम किया है जो वीसी के रूप में कार्य कर रहे थे. राज्यपाल से अपनी टिप्पणियों को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है.

एजुकेशनिस्ट फोरम के प्रवक्ता ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा, '12 पूर्व कुलपतियों में से प्रत्येक चांसलर को उनके अपमानजनक बयान के लिए अलग से कानूनी नोटिस भेजेंगे.' प्रेस वार्ता में वे कुलपति भी उपस्थित थे जिनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया था. फोरम ने राज्य विश्वविद्यालयों में टीचरों की भर्ती में तेजी लाने के लिए एक नियुक्ति पैनल बनाने के चांसलर के फैसले पर भी आपत्ति जताई.

ये भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल राज्यपाल का राज्य सरकार पर हमला, विश्वविद्यालयों में कुलपतियों को धमकाने का लगाया आरोप

उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मिश्रा ने दावा किया, 'यह अच्छी तरह से स्थापित भर्ती मानदंडों को दरकिनार करने का एक और उदाहरण है.' हाल ही में न्यूज एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में बोस ने कहा था कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि कुलपतियों की नियुक्तियों पर राज्यपाल को राज्य सरकार से परामर्श करने की आवश्यकता है, लेकिन उन्होंने इस बात को बरकरार रखा है कि उन्हें कुलपतियों की नियुक्ति में राज्य की सहमति की आवश्यकता नहीं है.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के सरकारी विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतियों ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा है. इस नोटिस के माध्यम से राज्यपाल से कथित तौर पर पूर्व कुलपतियों को बदनाम करने के लिए 15 दिनों के भीतर माफी मांगने को कहा है. तृणमूल कांग्रेस के समर्थक पूर्व कुलपतियों और शिक्षाविदों के एक मंच ने दावा किया कि 12 पूर्व कुलपति राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में बोस द्वारा लगाए गए अपमानजनक, झूठे और मानहानिकारक आरोपों से व्यथित और व्याकुल हैं.

बोस विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार के साथ वाकयुद्ध में उलझे हुए हैं. उन्होंने पिछले सप्ताह एक वीडियो संदेश में कहा, 'पहले के नियुक्त किए गए कुछ कुलपतियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, यौन उत्पीड़न और राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप थे. यही कारण है कि उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया.

एजुकेशनिस्ट्स फोरम ने कानूनी नोटिस में चेतावनी देते हुए यदि पूर्व वीसी से माफी नहीं मांगी तो गवर्नर के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया जाएगा और प्रत्येक के लिए 50 लाख रुपये का जुर्माना भी मांगा जाएगा. नोटिस में ये भी कहा गया कि टिप्पणियों से उन प्रसिद्ध शिक्षाविदों को बदनाम किया है जो वीसी के रूप में कार्य कर रहे थे. राज्यपाल से अपनी टिप्पणियों को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है.

एजुकेशनिस्ट फोरम के प्रवक्ता ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा, '12 पूर्व कुलपतियों में से प्रत्येक चांसलर को उनके अपमानजनक बयान के लिए अलग से कानूनी नोटिस भेजेंगे.' प्रेस वार्ता में वे कुलपति भी उपस्थित थे जिनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया था. फोरम ने राज्य विश्वविद्यालयों में टीचरों की भर्ती में तेजी लाने के लिए एक नियुक्ति पैनल बनाने के चांसलर के फैसले पर भी आपत्ति जताई.

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उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मिश्रा ने दावा किया, 'यह अच्छी तरह से स्थापित भर्ती मानदंडों को दरकिनार करने का एक और उदाहरण है.' हाल ही में न्यूज एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में बोस ने कहा था कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि कुलपतियों की नियुक्तियों पर राज्यपाल को राज्य सरकार से परामर्श करने की आवश्यकता है, लेकिन उन्होंने इस बात को बरकरार रखा है कि उन्हें कुलपतियों की नियुक्ति में राज्य की सहमति की आवश्यकता नहीं है.

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