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अमर जवान ज्योति का नेशनल वॉर मेमोरियल में विलय पर पूर्व सैनिकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) का निर्माण 1971 के भारत-पाक युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों के लिए एक स्मारक के रूप में किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी, 1972 को इसका उद्घाटन किया था.

The Amar Jawan Jyoti
अमर जवान ज्योति
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Published : Jan 21, 2022, 3:56 PM IST

Updated : Jan 21, 2022, 4:08 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व सैनिकों ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) अर्थात नेशनल वॉर मेमोरियल पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने के केंद्र के निर्णय पर शुक्रवार को मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की (Ex-servicemen expressed mixed reactions) है. पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने ट्विटर (Twitter) पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए उनसे इस आदेश को रद्द करने की अपील की.

उन्होंने कहा कि श्रीमान, इंडिया गेट पर जल रही लौ भारतीय मानस का हिस्सा है. आप, मैं और हमारी पीढ़ी के लोग वहां हमारे वीर जवानों को सलामी देते हुए बड़े हुए हैं. बहादुर ने कहा कि एक ओर जहां राष्ट्रीय समर स्मारक का अपना महत्व है, वहीं दूसरी ओर अमर जवान ज्योति की स्मृतियां भी अतुल्य हैं.

हालांकि पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने केंद्र के निर्णय पर संतोष व्यक्त किया. दुआ ने कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक के डिजाइन चयन और निर्माण में भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में मेरा विचार है कि इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के शहीद नायकों का स्मारक है.'

पढ़ेंः वॉर मेमोमिरल में अमर जवान ज्योति के विलय पर कांग्रेस भड़की

उन्होंने कहा कि अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) को 1972 में स्थापित किया गया था क्योंकि हमारे पास कोई और स्मारक नहीं था. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक देश की आजादी के बाद युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है (Pays Homage To The Soldiers) और सभी श्रद्धांजलि समारोहों को पहले ही नए स्मारक में स्थानांतरित किया जा चुका है.

'अमर जवान ज्योति पवित्र है और इसे बुझाने की जरूरत नहीं '

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां ग्रेनाइट के पत्थरों पर 25,942 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं. पूर्व कर्नल राजेंद्र भादुड़ी ने कहा कि अमर जवान ज्योति पवित्र है और इसे बुझाने की जरूरत नहीं है. भादुड़ी ने ट्विटर पर लिखा कि इंडिया गेट पर उन भारतीय सैनिकों के नाम हैं जिन्होंने युद्ध के दौरान जान गंवाई. यह मायने नहीं रखता कि इसे किसने बनवाया.

'दोनों लौ का एक होना लाजमी है'

पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल कमल जीत सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक के उद्घाटन के बाद दोनों लौ का एक होना लाजमी है. पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल दुहून ने ट्विटर पर कहा कि अगर किसी के जैसी कोई चीज नहीं बना सकते सकते, तो उसे ही तोड़ दो' नए भारत के लिए भाजपा का मंत्र है. उन्होंने कहा कि अमर जवान ज्योति इतनी पवित्र है कि उसे छुआ या स्थानांतरित नहीं किया जा सकता.

पीटीआई- भाषा

नई दिल्ली: पूर्व सैनिकों ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) अर्थात नेशनल वॉर मेमोरियल पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने के केंद्र के निर्णय पर शुक्रवार को मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की (Ex-servicemen expressed mixed reactions) है. पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने ट्विटर (Twitter) पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए उनसे इस आदेश को रद्द करने की अपील की.

उन्होंने कहा कि श्रीमान, इंडिया गेट पर जल रही लौ भारतीय मानस का हिस्सा है. आप, मैं और हमारी पीढ़ी के लोग वहां हमारे वीर जवानों को सलामी देते हुए बड़े हुए हैं. बहादुर ने कहा कि एक ओर जहां राष्ट्रीय समर स्मारक का अपना महत्व है, वहीं दूसरी ओर अमर जवान ज्योति की स्मृतियां भी अतुल्य हैं.

हालांकि पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने केंद्र के निर्णय पर संतोष व्यक्त किया. दुआ ने कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक के डिजाइन चयन और निर्माण में भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में मेरा विचार है कि इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के शहीद नायकों का स्मारक है.'

पढ़ेंः वॉर मेमोमिरल में अमर जवान ज्योति के विलय पर कांग्रेस भड़की

उन्होंने कहा कि अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) को 1972 में स्थापित किया गया था क्योंकि हमारे पास कोई और स्मारक नहीं था. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक देश की आजादी के बाद युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है (Pays Homage To The Soldiers) और सभी श्रद्धांजलि समारोहों को पहले ही नए स्मारक में स्थानांतरित किया जा चुका है.

'अमर जवान ज्योति पवित्र है और इसे बुझाने की जरूरत नहीं '

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां ग्रेनाइट के पत्थरों पर 25,942 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं. पूर्व कर्नल राजेंद्र भादुड़ी ने कहा कि अमर जवान ज्योति पवित्र है और इसे बुझाने की जरूरत नहीं है. भादुड़ी ने ट्विटर पर लिखा कि इंडिया गेट पर उन भारतीय सैनिकों के नाम हैं जिन्होंने युद्ध के दौरान जान गंवाई. यह मायने नहीं रखता कि इसे किसने बनवाया.

'दोनों लौ का एक होना लाजमी है'

पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल कमल जीत सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक के उद्घाटन के बाद दोनों लौ का एक होना लाजमी है. पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल दुहून ने ट्विटर पर कहा कि अगर किसी के जैसी कोई चीज नहीं बना सकते सकते, तो उसे ही तोड़ दो' नए भारत के लिए भाजपा का मंत्र है. उन्होंने कहा कि अमर जवान ज्योति इतनी पवित्र है कि उसे छुआ या स्थानांतरित नहीं किया जा सकता.

पीटीआई- भाषा

Last Updated : Jan 21, 2022, 4:08 PM IST
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