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'कंपीट विद चाइना' की नीति अभी पूरी तरह लागू नहीं - एचडी कुमारस्वामी

कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडीके की चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए 'कंपीट विद चाइना' की नीति अभी पूरी तरह लागू नहीं हुई है. पढ़ें पूरी खबर...

Kumaraswamy
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Published : Sep 9, 2021, 3:41 PM IST

बेंगलुरु : पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 2018 में जद (एस)-कांग्रेस शासन के दौरान महत्वाकांक्षी 'कंपीट विद चाइना' नीति की घोषणा की थी. यह परियोजना शुरू की गई थी लेकिन फिर भी इसे अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है. क्योंकि येदियुरप्पा की सरकार ने इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया.

'कंपीट विद चाइना' नीति चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने और स्थानीय उत्पादों को वरीयता देकर उनसे प्रतिस्पर्धा करने की थी. पिछले साल-२०२० में जब भारत-चीन सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया गया उस दौरान कुमारस्वामी ने एक ट्वीट में कहा, मेरा उद्देश्य स्थानीय निवासियों को नौकरी देना, चीन के लिए बाजार के अवसरों को छीनना और चीनी उत्पादों को त्यागना था. हालांकि, वर्तमान सरकार ने हमारी योजना के लिए क्या किया है? यह नहीं पता है कि यह अभी भी जारी है या नहीं.

एचडी कुमारस्वामी ने 2018 के राज्य बजट में इस नीति की घोषणा की थी. उन्होंने इसके लिए 9 जिलों को औद्योगिक क्लस्टर जोन के रूप में चुना और सरकार द्वारा प्रत्येक जिले को दो हजार करोड़ रुपये देने का फैसला किया था. योजना को निजी क्षेत्रों से 3 हजार करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने के लिए डिजाइन किया गया था. लक्ष्य उत्पादों को क्लस्टरवार (clusterwise) विकसित करना था, जैसे खिलौना, मोबाइल उपकरण, बाथरूम और बिजली के उपकरण आदि.

औद्योगिक क्लस्टर जोन वाले जिले :

  1. कलबुर्गी - सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए स्पेयर पार्ट्स बनाना
  2. कोप्पल - खिलौना निर्माण उद्योग
  3. मैसूर - आईसीबी चिप्स के निर्माण के लिए एक कारखाना स्थापित करना
  4. तुमकुर - खेल और फिटनेस उपकरण
  5. चित्रदुर्ग - एलईडी लाइट्स
  6. हसन - स्नानघर और स्वच्छता उपकरण
  7. बेल्लारी - एक कपड़ा उद्योग की स्थापना
  8. चिक्कबल्लापुर - मोबाइल स्पेयर पार्ट्स निर्माण उद्योग
  9. बीदर - कुछ मशीनों का उत्पादन

पढ़ें :- बॉयकॉट चीन: चीनी व्यापार रणनीति का उपयोग करके कैसे पलटे चीन की बाजी

बी एस येदियुरप्पा ने कोप्पल में खिलौना निर्माण इकाई का उद्घाटन किया था. अब इसे निवेशकों का हल्का रिस्पॉन्स मिल रहा है. वर्तमान भाजपा सरकार ने निवेशकों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण हसन, तुमकुरु और बल्लारी को 9 क्लस्टर क्षेत्रों से हटा दिया है. इसके बजाय, अधिकारियों ने कंपीट विद चाइना' नीति के तहत धारवाड़, शिमोगा और चामराजनगर को चुनने का प्रस्ताव दिया है.

  1. धारवाड़ - उपभोक्ता वस्तुएं और तेजी से बढ़ने वाली उपभोक्ता वस्तुएं (एफएमसीजी)
  2. शिमोगा - स्वास्थ्य और बायो-फार्मा लैब
  3. चामराजनगर - कपड़ा निर्माण केंद्र

अन्य क्लस्टर (कलाबुरागी, कोप्पल, मैसूर, चिक्कबल्लापुर, बीदर, चित्रदुर्ग) में परियोजना प्रारंभिक चरण में है.

बेंगलुरु : पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 2018 में जद (एस)-कांग्रेस शासन के दौरान महत्वाकांक्षी 'कंपीट विद चाइना' नीति की घोषणा की थी. यह परियोजना शुरू की गई थी लेकिन फिर भी इसे अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है. क्योंकि येदियुरप्पा की सरकार ने इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया.

'कंपीट विद चाइना' नीति चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने और स्थानीय उत्पादों को वरीयता देकर उनसे प्रतिस्पर्धा करने की थी. पिछले साल-२०२० में जब भारत-चीन सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया गया उस दौरान कुमारस्वामी ने एक ट्वीट में कहा, मेरा उद्देश्य स्थानीय निवासियों को नौकरी देना, चीन के लिए बाजार के अवसरों को छीनना और चीनी उत्पादों को त्यागना था. हालांकि, वर्तमान सरकार ने हमारी योजना के लिए क्या किया है? यह नहीं पता है कि यह अभी भी जारी है या नहीं.

एचडी कुमारस्वामी ने 2018 के राज्य बजट में इस नीति की घोषणा की थी. उन्होंने इसके लिए 9 जिलों को औद्योगिक क्लस्टर जोन के रूप में चुना और सरकार द्वारा प्रत्येक जिले को दो हजार करोड़ रुपये देने का फैसला किया था. योजना को निजी क्षेत्रों से 3 हजार करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने के लिए डिजाइन किया गया था. लक्ष्य उत्पादों को क्लस्टरवार (clusterwise) विकसित करना था, जैसे खिलौना, मोबाइल उपकरण, बाथरूम और बिजली के उपकरण आदि.

औद्योगिक क्लस्टर जोन वाले जिले :

  1. कलबुर्गी - सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए स्पेयर पार्ट्स बनाना
  2. कोप्पल - खिलौना निर्माण उद्योग
  3. मैसूर - आईसीबी चिप्स के निर्माण के लिए एक कारखाना स्थापित करना
  4. तुमकुर - खेल और फिटनेस उपकरण
  5. चित्रदुर्ग - एलईडी लाइट्स
  6. हसन - स्नानघर और स्वच्छता उपकरण
  7. बेल्लारी - एक कपड़ा उद्योग की स्थापना
  8. चिक्कबल्लापुर - मोबाइल स्पेयर पार्ट्स निर्माण उद्योग
  9. बीदर - कुछ मशीनों का उत्पादन

पढ़ें :- बॉयकॉट चीन: चीनी व्यापार रणनीति का उपयोग करके कैसे पलटे चीन की बाजी

बी एस येदियुरप्पा ने कोप्पल में खिलौना निर्माण इकाई का उद्घाटन किया था. अब इसे निवेशकों का हल्का रिस्पॉन्स मिल रहा है. वर्तमान भाजपा सरकार ने निवेशकों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण हसन, तुमकुरु और बल्लारी को 9 क्लस्टर क्षेत्रों से हटा दिया है. इसके बजाय, अधिकारियों ने कंपीट विद चाइना' नीति के तहत धारवाड़, शिमोगा और चामराजनगर को चुनने का प्रस्ताव दिया है.

  1. धारवाड़ - उपभोक्ता वस्तुएं और तेजी से बढ़ने वाली उपभोक्ता वस्तुएं (एफएमसीजी)
  2. शिमोगा - स्वास्थ्य और बायो-फार्मा लैब
  3. चामराजनगर - कपड़ा निर्माण केंद्र

अन्य क्लस्टर (कलाबुरागी, कोप्पल, मैसूर, चिक्कबल्लापुर, बीदर, चित्रदुर्ग) में परियोजना प्रारंभिक चरण में है.

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