नई दिल्ली : यूरोपीय संघ ने अपना सामरिक ध्यान, उपस्थिति और कार्रवाई दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य के साथ हिन्द प्रशांत क्षेत्र में केंद्रित करने का फैसला किया है और कहा कि वहां की शांति एवं स्थिरता में उसका बड़ा दांव है तथा वह 'खुले एवं नियम आधारित' क्षेत्र बनाये रखना सुनिश्चित करने के लिये काम करेगा. 27 देशों का समूह हिन्द प्रशांत क्षेत्र के लिये समग्र रणनीति के साथ आया है, जिसमें क्षेत्र के लिये उसकी प्राथमिकताएं एवं दृष्टि को रेखांकित किया गया है.
हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग की यूरोपीय संघ की रणनीति को सोमवार को समूह के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने अंगीकार किया. यह इस क्षेत्र के बढ़ते महत्व को यूरोपीय संघ की ओर से दी जाने वाली मान्यता को प्रदर्शित करता है. यूरोपीय संघ ने कहा कि नीतिगत पहल समूह के हितों के लिए प्रमुख रणनीतिक महत्व के क्षेत्र में अपने रणनीतिक ध्यान, उपस्थिति और कार्रवाई को सुदृढ़ करने के इरादे व्यक्त करती है.
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मीडिया करे जारी बयान में कहा गया है कि इसका मकसद क्षेत्र में तनाव एवं बढ़ती चुनौतियों के बीच क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा, समृद्धि और टिकाऊ विकास में योगदान करना है. इसमें कहा गया है कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र को लेकर यूरोपीय संघ की ताजा प्रतिबद्धता का जोर दीर्घकालिक होगा और यह लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून के शासन तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान पर आधारित होगा.