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स्वतंत्र, समावेशी और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं ईयू एवं भारत - यूरोपीय संघ

ईयू एवं भारत स्वतंत्र, समावेशी और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं. यूरोपीय संघ ने कहा है कि दोनों पक्ष हिंद प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर सहयोग बढ़ाने को उत्सुक हैं.

हिंद-प्रशांत क्षेत्र
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Published : Jun 22, 2021, 4:42 AM IST

नई दिल्ली : यूरोपीय संघ (ईयू) (European Union (EU)) ने सोमवार को कहा कि वह और भारत स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific,) के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा यह क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और नौवहन एवं उड़ान की स्वतंत्रता के सम्मान पर आधारित है.

ईयू और भारत द्वारा परिचालन संबंधी क्षमता बेहतर करने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 18-19 जून को अदन की खाड़ी में संयुक्त नौसैन्य अभ्यास के बाद यह बयान आया है.

यूरोपीय संघ ने कहा है कि दोनों पक्ष हिंद प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर सहयोग बढ़ाने को उत्सुक हैं.

जनवरी में 27 देशों के समूह यूरोपीय संघ और भारत ने समुद्री सुरक्षा पर वार्ता शुरू की थी और इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच सहयोग प्रगाढ़ करने पर सहमति बनी थी.

यूरोपीय संघ ने एक बयान में कहा कि ईयू और भारत क्षेत्रीय अखंडता, स्वतंत्रता, लोकतंत्र, कानून का शासन, पारदर्शिता, नौवहन और उड़ान की आजादी, वैध कारोबार और विवादों के शांतिपूर्ण तरीके से समाधान को लेकर स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं.

ईयू ने कहा कि दोनों पक्ष समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र संधि (यूएनसीएलओएस) समेत अंतरराष्ट्रीय कानून को मानते हैं.

ऐसा ही एक बयान भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से भी जारी किया गया था.

यह भी पढ़ें- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति के लिए अहम है भारत : विशेषज्ञ

चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति प्रमुख वैश्विक शक्तियों के बीच एक प्रमुख चर्चा का विषय बन गयी है.

अप्रैल में, यूरोपीय संघ हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए एक व्यापक रणनीति के साथ सामने आया था. भारतीय नौसेना और यूरोपीय संघ के नौसैन्य बल (ईयूएनएवीएफओआर) के बीच दो दिवसीय नौसैन्य अभ्यास में कुल पांच युद्धपोतों की भागीदारी हुई.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : यूरोपीय संघ (ईयू) (European Union (EU)) ने सोमवार को कहा कि वह और भारत स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific,) के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा यह क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और नौवहन एवं उड़ान की स्वतंत्रता के सम्मान पर आधारित है.

ईयू और भारत द्वारा परिचालन संबंधी क्षमता बेहतर करने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 18-19 जून को अदन की खाड़ी में संयुक्त नौसैन्य अभ्यास के बाद यह बयान आया है.

यूरोपीय संघ ने कहा है कि दोनों पक्ष हिंद प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर सहयोग बढ़ाने को उत्सुक हैं.

जनवरी में 27 देशों के समूह यूरोपीय संघ और भारत ने समुद्री सुरक्षा पर वार्ता शुरू की थी और इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच सहयोग प्रगाढ़ करने पर सहमति बनी थी.

यूरोपीय संघ ने एक बयान में कहा कि ईयू और भारत क्षेत्रीय अखंडता, स्वतंत्रता, लोकतंत्र, कानून का शासन, पारदर्शिता, नौवहन और उड़ान की आजादी, वैध कारोबार और विवादों के शांतिपूर्ण तरीके से समाधान को लेकर स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं.

ईयू ने कहा कि दोनों पक्ष समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र संधि (यूएनसीएलओएस) समेत अंतरराष्ट्रीय कानून को मानते हैं.

ऐसा ही एक बयान भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से भी जारी किया गया था.

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चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति प्रमुख वैश्विक शक्तियों के बीच एक प्रमुख चर्चा का विषय बन गयी है.

अप्रैल में, यूरोपीय संघ हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए एक व्यापक रणनीति के साथ सामने आया था. भारतीय नौसेना और यूरोपीय संघ के नौसैन्य बल (ईयूएनएवीएफओआर) के बीच दो दिवसीय नौसैन्य अभ्यास में कुल पांच युद्धपोतों की भागीदारी हुई.

(पीटीआई भाषा)

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