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राजस्थान : ईटीवी भारत की खबर का असर, कालबेलिया कलाकारों तक पहुंची मदद

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Published : Jun 5, 2021, 10:54 PM IST

बात खबर के असर की है. ईटीवी भारत ने राजस्थान के कालबेलिया कलाकारों के दर्द को जाहिर किया तो मदद के लिए कई भामाशाह आगे आ गए. विश्व में अपने लोक-नृत्य से राजस्थान का सिर ऊंचा करने वाले कालबेलिया कलाकारों ने ईटीवी भारत का आभार प्रकट किया है.

कालबेलिया कलाकार
कालबेलिया कलाकार

जयपुर : ईटीवी भारत की खबर देखने के बाद मित्राय फाउंडेशन ने प्रेमनगर कालबेलिया बस्ती के लोगों को दो महीने का सूखा राशन पहुंचाया है. इन कलाकारों को जब रसद की मदद मिली, तो उनके मुंह से बार-बार ईटीवी भारत के साधुवाद के शब्द निकल रहे थे.

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कोरोना संक्रमण के बीच हजारों लोग दो जून की रोटी के लिए मोहताज हो गए. लगातार लॉकडाउन की बंदिशों के कारण कालबेलिया समाज के सामने भी भोजन का संकट पैदा हो गया. कलाकारों को सवा साल से काम नहीं मिला. ऐसे में परिवार पालना भी मुश्किल हो गया. इन लोगों तक न सरकार पहुंच रही थी और न ही भामाशाह. ऐसे में ईटीवी भारत ने सामाजिक सरोकार निभाया और कलाकारों की बस्ती तक पहुंचकर इन लोगों की तकलीफ को खबर के जरिए उजागर किया.

ईटीवी भारत ने राजस्थान के कालबेलिया कलाकारों के दर्द को जाहिर किया तो मदद के लिए कई भामाशाह आगे आ गए

मित्राय फाउंडेशन ने की मदद

ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित होने के बाद कई भामाशाह मदद के लिए आगे आये. इनमें से एक मित्राय फाउंडेशन के सदस्यों ने ईटीवी भारत से संपर्क किया और कालबेलिया लोगों की बस्ती तक पहुंचने में मदद मांगी. इन कलाकारों की बस्ती में पहुंचकर मित्राय फाउंडेशन ने हर कालबेलिया परिवार को 2 महीने के राशन की किट भेंट की.

कलाकारों के चेहरे पर लौटी खुशी

राशन किट मिला तो कालबेलिया समाज के लोगों के चेहरे पर खुशी देखते बन रही थी. मित्राय फाउंडेशन की रश्मि शर्मा और विनीत का कहना है कि ईटीवी भारत पर जब इन कलाकारों की पीड़ा को देखा तो उन्होंने लगा कि इस वक्त इन कलाकारों की मदद करना बेहद जरूरी है. ये वो कलाकार हैं जिन्होंने हमारी संस्कृति को दुनिया में पहुंचाया है.

जिस कला के दम पर राजस्थान की संस्कृति जिंदा है, उस कला से जुड़े लोग भूखे कैसे रह सकते हैं. इसलिए हम ईटीवी भारत के सहयोग से इन कलाकारों को दो महीने का राशन देने आए हैं. मित्राय फाउंडेशन ने वादा किया कि आगे भी जब कालबेलिया परिवारों को उनकी जरूरत होगी तो वे मदद के लिए तुरंत आ जाएंगे.

कलाकारों ने दिया एक रुपये का चंदा

लोक कलाकार बड़े खुद्दार होते हैं. मित्राय फाउंडेशन के सदस्यों के मन में यह बात थी. वे जानते थे कि कलाकार भूखे मर जाएंगे लेकिन हाथ नहीं फैलाएंगे. लिहाजा मित्राय फाउंडेशन ने एक रास्ता निकाला. राशन किट लेने वाले प्रत्येक परिवार से उन्होंने अपने गुल्लक में एक रूपए की डोनेशन ली. ताकि कालबेलिया लोगों का सम्मान बना रहे.

ईटीवी भारत का किया आभार

विश्व विख्यात कालबेलिया नृत्यांगना और पद्मश्री से नवाजी गई गुलाबो सपेरा भी यहां मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत का बहुत-बहुत आभार, जिसने गांव-ढाणी में बसे इन कलाकरों तक पहुंच कर उनकी पीड़ा को दुनिया के सामने रखा. इसी की बदौलत संस्थाएं मदद के लिए आगे आ रही हैं. उन्होंने कहा कि मित्राय फाउंडेशन के सहयोग से अब इन लोगों के चूल्हे जल सकेंगे, बच्चों को खाना नसीब होगा.

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सामाजिक कार्यकर्ता शेरसिंह का कहना है कि राजस्थान अपनी कला और संस्कृति के कारण देश दुनिया में खास पहचान रखता है. लेकिन यह पहचान दिलाने वाले कलाकारों को ही सरकार बुरे वक्त में भूल गई. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने ईटीवी भारत का आभार जताते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण कलाकारों को कद्रदान नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन लोगों तक मदद के लिए पहुंचें.

जयपुर : ईटीवी भारत की खबर देखने के बाद मित्राय फाउंडेशन ने प्रेमनगर कालबेलिया बस्ती के लोगों को दो महीने का सूखा राशन पहुंचाया है. इन कलाकारों को जब रसद की मदद मिली, तो उनके मुंह से बार-बार ईटीवी भारत के साधुवाद के शब्द निकल रहे थे.

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कोरोना संक्रमण के बीच हजारों लोग दो जून की रोटी के लिए मोहताज हो गए. लगातार लॉकडाउन की बंदिशों के कारण कालबेलिया समाज के सामने भी भोजन का संकट पैदा हो गया. कलाकारों को सवा साल से काम नहीं मिला. ऐसे में परिवार पालना भी मुश्किल हो गया. इन लोगों तक न सरकार पहुंच रही थी और न ही भामाशाह. ऐसे में ईटीवी भारत ने सामाजिक सरोकार निभाया और कलाकारों की बस्ती तक पहुंचकर इन लोगों की तकलीफ को खबर के जरिए उजागर किया.

ईटीवी भारत ने राजस्थान के कालबेलिया कलाकारों के दर्द को जाहिर किया तो मदद के लिए कई भामाशाह आगे आ गए

मित्राय फाउंडेशन ने की मदद

ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित होने के बाद कई भामाशाह मदद के लिए आगे आये. इनमें से एक मित्राय फाउंडेशन के सदस्यों ने ईटीवी भारत से संपर्क किया और कालबेलिया लोगों की बस्ती तक पहुंचने में मदद मांगी. इन कलाकारों की बस्ती में पहुंचकर मित्राय फाउंडेशन ने हर कालबेलिया परिवार को 2 महीने के राशन की किट भेंट की.

कलाकारों के चेहरे पर लौटी खुशी

राशन किट मिला तो कालबेलिया समाज के लोगों के चेहरे पर खुशी देखते बन रही थी. मित्राय फाउंडेशन की रश्मि शर्मा और विनीत का कहना है कि ईटीवी भारत पर जब इन कलाकारों की पीड़ा को देखा तो उन्होंने लगा कि इस वक्त इन कलाकारों की मदद करना बेहद जरूरी है. ये वो कलाकार हैं जिन्होंने हमारी संस्कृति को दुनिया में पहुंचाया है.

जिस कला के दम पर राजस्थान की संस्कृति जिंदा है, उस कला से जुड़े लोग भूखे कैसे रह सकते हैं. इसलिए हम ईटीवी भारत के सहयोग से इन कलाकारों को दो महीने का राशन देने आए हैं. मित्राय फाउंडेशन ने वादा किया कि आगे भी जब कालबेलिया परिवारों को उनकी जरूरत होगी तो वे मदद के लिए तुरंत आ जाएंगे.

कलाकारों ने दिया एक रुपये का चंदा

लोक कलाकार बड़े खुद्दार होते हैं. मित्राय फाउंडेशन के सदस्यों के मन में यह बात थी. वे जानते थे कि कलाकार भूखे मर जाएंगे लेकिन हाथ नहीं फैलाएंगे. लिहाजा मित्राय फाउंडेशन ने एक रास्ता निकाला. राशन किट लेने वाले प्रत्येक परिवार से उन्होंने अपने गुल्लक में एक रूपए की डोनेशन ली. ताकि कालबेलिया लोगों का सम्मान बना रहे.

ईटीवी भारत का किया आभार

विश्व विख्यात कालबेलिया नृत्यांगना और पद्मश्री से नवाजी गई गुलाबो सपेरा भी यहां मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत का बहुत-बहुत आभार, जिसने गांव-ढाणी में बसे इन कलाकरों तक पहुंच कर उनकी पीड़ा को दुनिया के सामने रखा. इसी की बदौलत संस्थाएं मदद के लिए आगे आ रही हैं. उन्होंने कहा कि मित्राय फाउंडेशन के सहयोग से अब इन लोगों के चूल्हे जल सकेंगे, बच्चों को खाना नसीब होगा.

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सामाजिक कार्यकर्ता शेरसिंह का कहना है कि राजस्थान अपनी कला और संस्कृति के कारण देश दुनिया में खास पहचान रखता है. लेकिन यह पहचान दिलाने वाले कलाकारों को ही सरकार बुरे वक्त में भूल गई. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने ईटीवी भारत का आभार जताते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण कलाकारों को कद्रदान नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन लोगों तक मदद के लिए पहुंचें.

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