अमरावती : आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की दो महिलाओं के आधार कार्ड का नंबर एक होने से दस साल से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन इस बारे में ईटीवी भारत में खबर दिखाये जाने के बाद अब दोनों को अलग-अलग यूआईडीएआई नंबरों के साथ अलग-अलग आधार कार्ड जारी किए गए हैं.
अनंतपुर जिले के चेन्नी कोट्टापल्ली मंडल अंर्तगत वेल्डुरथी गांव की रहने वाली सुब्बम्मा और जयम्मा मां-बेटी हैं. वर्ष 2011 में यूआईडीएआई द्वारा उनके आधार कार्ड गांव भेजे गए थे. हालांकि, दोनों ही आधार कार्ड में सभी विवरण सही हैं, लेकिन दोनों को एक ही आधार नंबर आवंटित किया गया है. इस वजह से दोनों को दस से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आधार कार्ड की गलती को सुधरवाने के लिए इन लोगों ने कई बार दफ्तर के चक्कर लगाए लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका.
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मां और बेटी दोनों का आधार नंबर एक होने से इन्हें मनरेगा के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया गया और जॉब कार्ड भी नहीं मिला.
हालांकि सुब्बम्मा को गरीब महिलाओं को दी जाने वाली पेंशन और चावल मिलता था लेकिन उसकी बेटी जयम्मा को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता है. इस बारे में ईटीवी भारत द्वारा खबर दिखाए जाने के बाद उसी गांव के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रीनाथ रेड्डी ने वीडियो के साथ समाचार की क्लीपिंग यूआईडीएआई के अधिकारियों को मेल से भेजी गई थी. इसके बाद दिल्ली से लेकर अमरावती तक अफसरों में तेजी आ गई.
फलस्वरुप अधिकारी सुब्बम्मा और जयम्मा के घर प्रिटिंग व स्कैन किए जाने वाले सभी उपकरणों के साथ पहुंचे. फिर दोनों का आंखों की पुतली और उंगलियों के निशान लेने के बाद दोनों को अलग-अलग यूआईडीएआई नंबरों के साथ अलग-अलग आधार कार्ड जारी कर दिए गए. दस साल से चली आ रही समस्या का समाधान हो जाने पर मां-बेटी ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया.