मोरबी (गुजरात): बीती 30 अक्टूबर को सौराष्ट्र के पेरिस माने जाने वाले मोरबी शहर में एक ब्रिज (Morbi Bridge Accident) गिरने से 130 से ज्यादा लोगों की मोत हो गई. जिसके कारण पूरे मोरबी शहर में अब सन्नाटा पसरा हुआ है. इस मामले में जानकारी सामने आई है कि इस ब्रिज का संचालन ओरेवा (Oreva) नामक प्राइवेट कंपनी कर रही थी, जिनको मंजूरी मोरबी नगर पालिका ने दी थी.
मच्छु नदी के किनारे मौत के तांडव भरे माहौल के बीच ईटीवी भारत की टीम इस कंपनी के दरवाजे पर पहुंची, जिसने इस ब्रिज का जिम्मा ले रखा था. जब कंपनी के आसपास के माहौल की छानबीन की तो पता चला की सिर्फ कंपनी के पदाधिकारी ही नहीं थे. बाकी के वर्कर अंदर कंपनी में काम कर रहे थे. जब से दुर्घटना सामने आई है. कंपनी के पदाधिकारियों ने मौनव्रत धारण कर लिया है.
वहीं दूसरी ओर मोरबी पुलिस विभाग ने आदेश का पालन करते हुए कंपनी के ही 9 सदस्यों को हिरसत में ले लिया है, जबकि कंपनी के मेनेजर से पूछताछ की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मोरबी के दौरे से पहले इस कार्रवाई को पुलिस की ओर से एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
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सिर्फ 15 रुपये की टिकट लेकर पुल देखने आने वाले लोगों को पता नहीं था कि यह टिकट जीवन का अंतिम टिकट साबित होगा. घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने 2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक का एलान किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ गांधीनगर में हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया था.