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मोरबी ब्रिज हादसा: संचालन कंपनी ओरेवा पहुंचा ईटीवी भारत, कंपनी के बाहर पसरा सन्नाटा

गुजरात (Gujarat) के मोरबी शहर में हुए पुल हादसे (Morbi Bridge Accident) के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पुल का संचालन करने वाली कंपनी ओरेवा (Oreva) के 9 लोगों को हिरासत में ले लिया. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम ओरेवा कंपनी पहुंची तो वहां सन्नाटा पसरा मिला. देखें ईटीवी भारत के संवाददाता मनसुख सोलंकी की रिपोर्ट..

ईटीवी भारत ने जनता से की बातचीत
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Published : Nov 1, 2022, 6:57 PM IST

मोरबी (गुजरात): बीती 30 अक्टूबर को सौराष्ट्र के पेरिस माने जाने वाले मोरबी शहर में एक ब्रिज (Morbi Bridge Accident) गिरने से 130 से ज्यादा लोगों की मोत हो गई. जिसके कारण पूरे मोरबी शहर में अब सन्नाटा पसरा हुआ है. इस मामले में जानकारी सामने आई है कि इस ब्रिज का संचालन ओरेवा (Oreva) नामक प्राइवेट कंपनी कर रही थी, जिनको मंजूरी मोरबी नगर पालिका ने दी थी.

मच्छु नदी के किनारे मौत के तांडव भरे माहौल के बीच ईटीवी भारत की टीम इस कंपनी के दरवाजे पर पहुंची, जिसने इस ब्रिज का जिम्मा ले रखा था. जब कंपनी के आसपास के माहौल की छानबीन की तो पता चला की सिर्फ कंपनी के पदाधिकारी ही नहीं थे. बाकी के वर्कर अंदर कंपनी में काम कर रहे थे. जब से दुर्घटना सामने आई है. कंपनी के पदाधिकारियों ने मौनव्रत धारण कर लिया है.

ईटीवी भारत ने आम जनता से की बातचीत

वहीं दूसरी ओर मोरबी पुलिस विभाग ने आदेश का पालन करते हुए कंपनी के ही 9 सदस्यों को हिरसत में ले लिया है, जबकि कंपनी के मेनेजर से पूछताछ की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मोरबी के दौरे से पहले इस कार्रवाई को पुलिस की ओर से एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

पढ़ें: Gujarat Bridge Collapse : पीएम मोदी ने किया मोरबी घटनास्थल का मुआयना, घायलों से जाना हाल

सिर्फ 15 रुपये की टिकट लेकर पुल देखने आने वाले लोगों को पता नहीं था कि यह टिकट जीवन का अंतिम टिकट साबित होगा. घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने 2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक का एलान किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ गांधीनगर में हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया था.

मोरबी (गुजरात): बीती 30 अक्टूबर को सौराष्ट्र के पेरिस माने जाने वाले मोरबी शहर में एक ब्रिज (Morbi Bridge Accident) गिरने से 130 से ज्यादा लोगों की मोत हो गई. जिसके कारण पूरे मोरबी शहर में अब सन्नाटा पसरा हुआ है. इस मामले में जानकारी सामने आई है कि इस ब्रिज का संचालन ओरेवा (Oreva) नामक प्राइवेट कंपनी कर रही थी, जिनको मंजूरी मोरबी नगर पालिका ने दी थी.

मच्छु नदी के किनारे मौत के तांडव भरे माहौल के बीच ईटीवी भारत की टीम इस कंपनी के दरवाजे पर पहुंची, जिसने इस ब्रिज का जिम्मा ले रखा था. जब कंपनी के आसपास के माहौल की छानबीन की तो पता चला की सिर्फ कंपनी के पदाधिकारी ही नहीं थे. बाकी के वर्कर अंदर कंपनी में काम कर रहे थे. जब से दुर्घटना सामने आई है. कंपनी के पदाधिकारियों ने मौनव्रत धारण कर लिया है.

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वहीं दूसरी ओर मोरबी पुलिस विभाग ने आदेश का पालन करते हुए कंपनी के ही 9 सदस्यों को हिरसत में ले लिया है, जबकि कंपनी के मेनेजर से पूछताछ की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मोरबी के दौरे से पहले इस कार्रवाई को पुलिस की ओर से एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

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सिर्फ 15 रुपये की टिकट लेकर पुल देखने आने वाले लोगों को पता नहीं था कि यह टिकट जीवन का अंतिम टिकट साबित होगा. घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने 2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक का एलान किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ गांधीनगर में हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया था.

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