पटना: भारत के अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद ने बिहार आने पर खुशी जताते हुए कहा कि मुझे यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है. बिहार सरकार और खेल प्राधिकरण का प्रयास है कि बिहार के खिलाड़ी आगे बढ़े और बिहार सहित देश का नाम रोशन करें. उसी सिलसिले में मैं बिहार आया हूं और बिहार के बैडमिंटन खिलाड़ियों का प्रतिभा देखने का मौका मिला है. बिहार के बच्चों का खेल के प्रति गहरा लगाव देखने को मिल रहा है.
पढ़ें- Tejashwi Yadav: 'क्रिकेटर' तेजस्वी का नया अंदाज, अभिनेत्री नीतू चंद्रा के साथ खेला बैडमिंटन
पटना में बैडमिंटन के द्रोणाचार्य पुलेला गोपीचंद: भारत के अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी और वर्तमान में भारत के बैडमिंटन टीम के राष्ट्रीय कोच गोपीनाथ को अपने बीच पाकर बच्चे काफी उत्साहित दिखे. पुलेला गोपीचंद को 2001 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले दूसरे भारतीय बने साथ ही साथ इन्होंने अर्जुन पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार पद्म श्री द्रोणाचार्य पुरस्कार और कई पुरस्कार अपने नाम किया हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार आने का मौका मिला है. बिहार सरकार और खेल प्राधिकरण का प्रयास है कि बिहार के खिलाड़ी आगे बढ़े और बिहार सहित देश का नाम रोशन करें. उसी सिलसिले में बिहार के बैडमिंटन खिलाड़ियों के बीच उनकी प्रतिभा देखने आया हूं.
मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में अपने राज्य के साथ-साथ देश का भी नाम भी यहां के बच्चे रोशन करेंगे. जिस तरीके से बिहार के खिलाड़ी आगे बढ़ रहे हैं उनको संसाधन और सपोर्ट मिले तो निश्चित तौर पर आगे बढ़ेंगे. खेल प्राधिकरण और बिहार सरकार को धन्यवाद देता हूं. खेल प्राधिकरण का खेल के प्रति काफी सपोर्ट है. खिलाड़ियों को मेहनत निरंतर जारी रखना चाहिए. खेल कैरियर बनाने का एक माध्यम है. जो खिलाड़ी तन मन के साथ खेलेंगे, उनको सफलता जरूर मिलेगी.- पुलेला गोपीचंद,राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच
पुलेला गोपीचंद एकेडमी में लेंगे बिहार के इतने खिलाड़ी प्रशिक्षण: गोपीचंद ने कहा कि जितने भी बैडमिंटन खिलाड़ी पाटलिपुत्र खेल ग्राउंड पहुंचे हैं, उसमें से 20 खिलाड़ियों का सिलेक्शन किया जाएगा. जब ईटीवी भारत ने पुलेला से सवाल किया कि आप बैडमिंटन के राष्ट्रीय कोच हैं और आपके नेतृत्व में कई खिलाड़ी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं तो बिहार के बैडमिंटन खिलाड़ियो को आप कैसे देख रहे हैं, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि टैलेंट एक जगह पर नहीं होता है बल्कि पूरे देश में है. मैं बिहार के खिलाड़ियों में देख रहा हूं वह काफी प्रतिभावान है.
लिट्टी चोखा का स्वाद लेंगे पुलेला: उनसे सवाल किया कि बिहार आए हैं, बिहारी व्यंजन टेस्ट किया या नहीं, तो उन्होंने कहा कि आज लिट्टी चोखा का टेस्ट जरूर लूंगा. वहीं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्र शंकरण ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि बिहार खेल प्राधिकरण और सरकार बिहार के खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है. उन्होंने कहा कि गोपीचंद को बिहार बुलाने के लिए मैं हैदराबाद गया था. गोपीचंद के कैरियर में कोई ऐसा अवार्ड नहीं है जो इनसे बचा है.
"बैडमिंटन के द्रोणाचार्य के रूप में गोपीचंद जी को जाना जाता है. बैडमिंटन में खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने वाले एक फैक्ट्री हैं. गोपीचंद का प्रशिक्षण प्राप्त कर सिंधु, नेहवाल कई खिलाड़ी बैडमिंटन में अपना नाम और पहचान गोपीचंद के बदौलत बना चुके हैं. गोपीचंद किसी पहचान की मोहताज नहीं है. जब उनसे मिलने गया था तो गोपीचंद जी को पता नहीं था कि मैं पुलिस ऑफिसर हूं. मैं एक साधारण व्यक्ति बन कर उनसे मिलने गया था. उसके बावजूद गोपीचंद ने खुद अपने एकेडमी में मुझे घुमाया और अपने से प्लेट लगाकर मुझे खाना भी खिलाया."- रविंद्र शंकर, खेल प्राधिकरण महानिदेशक
10 खिलाड़ियों की चमकेगी किस्मत: रविंद्र शंकर ने कहा कि पिछले 1 साल से बिहार सरकार और खेल प्राधिकरण की तरफ से बिहार में जो भी गतिविधियां खिलाड़ियों को लेकर की जा रही है उससे गोपीचंद जी को अवगत कराया गया है. उसके बाद उन्होंने सोचा तक नहीं और बोला कि मैं बिहार आऊंगा. उन्होंने कहा कि गोपीचंद के मार्गदर्शन पर पूरे राज्य से 570 बैडमिंटन खिलाड़ियों को चुना गया फिर 82 खिलाड़ियों को सिलेक्ट किया गया है. 82 बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. उनके साथ खेल भी रहे हैं. उनकी प्रतिभा को देख रहे हैं और उसके बाद 20 खिलाड़ियों को सिलेक्शन किया जाएगा, जिसमें से लड़के और लड़कियां शामिल होंगी. फिर 10 खिलाड़ियों को पुलैला गोपीचंद एकेडमी प्रशिक्षण संस्थान भेजा जाएगा. 10 खिलाड़ियों को गोपीचंद प्रशिक्षण एकेडमी के कोच द्वारा पाटलिपुत्र खेल परिसर में ट्रेनिंग दी जाएगी.