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EPFO ने 2022-23 के लिए ईपीएफ ब्याज दर पर लिया बड़ा फैसला, जानें कितना मिलेगा ब्याज

सोमवार से शुरू हुई भविष्य निधि संगठन की बैठक में ब्याज दर पर फैसला ले लिया गया है. बता दें, वित्त वर्ष 2021-222 के लिए केंद्र सरकार ने 8.1 फीसदी ब्याज दर तय की थी.

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Etv Bharat 2022 23 के लिए ईपीएफ ब्याज दर पर फैसला
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Published : Mar 28, 2023, 6:39 AM IST

Updated : Mar 28, 2023, 10:49 AM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) सोमवार से शुरू हो रही अपनी दो दिन की बैठक में 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज दर के बारे में घोषणा कर दी है. करोड़ों खाताधारकों को खुशखबरी देते हुए ईपीएफओ ने ईपीएफ पर ब्याज दर बढ़ा दी है. सूत्रों से जो खबर मिली है उसके मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 8.15 फीसदी की दर से ब्याज देने का निर्णय लिया है.

  • EPFO fixes 8.15 pc interest rate on employees' provident fund for 2022-23: Sources

    — Press Trust of India (@PTI_News) March 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने बढ़ाई ब्याज दर

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने साल 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों के लिए 8.15 फीसदी की दर से ब्याज देने का फैसला लिया है. बता दें, ईपीएफओ मार्च, 2022 में 2021-22 के लिए अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर ले आया था. यह दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ पर ब्याज दर आठ प्रतिशत हुआ करती थी. 2020-21 में यह दर 8.5 प्रतिशत थी.

एक सूत्र ने बताया, 'कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) द्वारा 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर के बारे में निर्णय सोमवार दोपहर से शुरू हो रही दो दिन की बैठक में लिया जा सकता है.'

अधिक पेंशन की खातिर आवेदन देने के लिए उच्चतम न्यायालय ने चार महीने का वक्त देने संबंधी जो आदेश दिया था उस पर ईपीएफओ ने क्या कार्रवाई की है, इस बारे में भी बैठक में चर्चा हो सकती है. ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को तीन मई, 2023 तक का वक्त दिया है. मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को कम करके सात महीने के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत पर ला दिया था. 2018-19 के लिए यह 8.65 प्रतिशत थी.

ईपीएफओ के बोर्ड में ओबीसी को प्रतिनिधित्व देने पर संसदीय समिति का जोर

वहीं, संसद की एक समिति ने भविष्य निधि निकाय ईपीएफओ के शीर्ष प्रबंधन बोर्ड में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का प्रतिनिधित्व न होने का जिक्र करते हुए श्रम मंत्रालय से योग्य ओबीसी उम्मीदवार को वरीयता देने को कहा है. अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण पर गठित संसद की तदर्थ समिति ने अपनी 19वीं रिपोर्ट में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं होने और इस स्थिति में सुधार के लिए जरूरी कदमों का उल्लेख किया है.

सोमवार को संसद में पेश की गई संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ के शीर्ष प्रबंधन निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) में 41 पूर्णकालिक कार्यकारी सदस्य हैं लेकिन आज की तारीख में कोई भी सदस्य ओबीसी समुदाय से ताल्लुक नहीं रखता है. इस तरह ईपीएफओ के शीर्ष प्रबंधन में ओबीसी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. संसदीय समिति ने कहा है कि निदेशक मंडल में नियुक्तियां सीधे सरकार कर रही है और इनमें आरक्षण का कोई भी प्रावधान नहीं है. हालांकि, समिति ने सुझाव दिया है कि नियुक्ति के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करने वाले ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवार को वरीयता दी जानी चाहिए.

पढ़ें: EPFO on Higher Pension : अगर आप ज्यादा पेंशन चाहते हैं, तो हो जाइए तैयार, सरकार ने शुरू की प्रक्रिया

इसके साथ ही समिति ने ईपीएफओ के भीतर सभी स्तरों पर ओबीसी समुदाय से संबंधित कर्मचारियों का बहुत कम प्रतिनिधित्व होने का भी जिक्र किया है. संगठन के भीतर ग्रुप-ए स्तर पर 15.91 प्रतिशत, ग्रुप-बी स्तर पर 10.89 प्रतिशत और ग्रुप-सी स्तर पर 19.88 प्रतिशत कर्मचारी ही ओबीसी तबके के हैं.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) सोमवार से शुरू हो रही अपनी दो दिन की बैठक में 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज दर के बारे में घोषणा कर दी है. करोड़ों खाताधारकों को खुशखबरी देते हुए ईपीएफओ ने ईपीएफ पर ब्याज दर बढ़ा दी है. सूत्रों से जो खबर मिली है उसके मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 8.15 फीसदी की दर से ब्याज देने का निर्णय लिया है.

  • EPFO fixes 8.15 pc interest rate on employees' provident fund for 2022-23: Sources

    — Press Trust of India (@PTI_News) March 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने बढ़ाई ब्याज दर

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने साल 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों के लिए 8.15 फीसदी की दर से ब्याज देने का फैसला लिया है. बता दें, ईपीएफओ मार्च, 2022 में 2021-22 के लिए अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर ले आया था. यह दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ पर ब्याज दर आठ प्रतिशत हुआ करती थी. 2020-21 में यह दर 8.5 प्रतिशत थी.

एक सूत्र ने बताया, 'कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) द्वारा 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर के बारे में निर्णय सोमवार दोपहर से शुरू हो रही दो दिन की बैठक में लिया जा सकता है.'

अधिक पेंशन की खातिर आवेदन देने के लिए उच्चतम न्यायालय ने चार महीने का वक्त देने संबंधी जो आदेश दिया था उस पर ईपीएफओ ने क्या कार्रवाई की है, इस बारे में भी बैठक में चर्चा हो सकती है. ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को तीन मई, 2023 तक का वक्त दिया है. मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को कम करके सात महीने के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत पर ला दिया था. 2018-19 के लिए यह 8.65 प्रतिशत थी.

ईपीएफओ के बोर्ड में ओबीसी को प्रतिनिधित्व देने पर संसदीय समिति का जोर

वहीं, संसद की एक समिति ने भविष्य निधि निकाय ईपीएफओ के शीर्ष प्रबंधन बोर्ड में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का प्रतिनिधित्व न होने का जिक्र करते हुए श्रम मंत्रालय से योग्य ओबीसी उम्मीदवार को वरीयता देने को कहा है. अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण पर गठित संसद की तदर्थ समिति ने अपनी 19वीं रिपोर्ट में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं होने और इस स्थिति में सुधार के लिए जरूरी कदमों का उल्लेख किया है.

सोमवार को संसद में पेश की गई संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ के शीर्ष प्रबंधन निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) में 41 पूर्णकालिक कार्यकारी सदस्य हैं लेकिन आज की तारीख में कोई भी सदस्य ओबीसी समुदाय से ताल्लुक नहीं रखता है. इस तरह ईपीएफओ के शीर्ष प्रबंधन में ओबीसी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. संसदीय समिति ने कहा है कि निदेशक मंडल में नियुक्तियां सीधे सरकार कर रही है और इनमें आरक्षण का कोई भी प्रावधान नहीं है. हालांकि, समिति ने सुझाव दिया है कि नियुक्ति के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करने वाले ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवार को वरीयता दी जानी चाहिए.

पढ़ें: EPFO on Higher Pension : अगर आप ज्यादा पेंशन चाहते हैं, तो हो जाइए तैयार, सरकार ने शुरू की प्रक्रिया

इसके साथ ही समिति ने ईपीएफओ के भीतर सभी स्तरों पर ओबीसी समुदाय से संबंधित कर्मचारियों का बहुत कम प्रतिनिधित्व होने का भी जिक्र किया है. संगठन के भीतर ग्रुप-ए स्तर पर 15.91 प्रतिशत, ग्रुप-बी स्तर पर 10.89 प्रतिशत और ग्रुप-सी स्तर पर 19.88 प्रतिशत कर्मचारी ही ओबीसी तबके के हैं.

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Mar 28, 2023, 10:49 AM IST
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