जयपुर. राजस्थान के भरतपुर जिले में बंशी पहाड़पुर में खनन शुरू करने के लिए 12 मंशा पत्र धारकों को स्टेट लेवल एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी ने बुधवार को एनवायरमेंट क्लीयरेंस जारी कर दी है. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 12 खनन पट्टाधारी द्वारा इस महीने के अंत तक खनन कार्य आरंभ किया जा सकेगा. वहीं, शेष मंशाधारकों को इस महीने के अंत और अगले महीने के पहले पखवाड़े तक एनवायरमेंट क्लीयरेंस मिलने की संभावना है.
बता दें कि बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र ब्लॉक ए व बी सुखासिला एवं कोट क्षेत्र को बंध बारेठा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर (Clearance for Sand Stone Mining in Bansi Paharpur) करवाया गया और उसके बाद केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में खनिज सेंड स्टोन के खनन के लिए वन भूमि के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय स्वीकृति जारी कराई गई. भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही राज्य के माइंस विभाग ने बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लॉक तैयार कर इनके ऑक्शन की तैयारी आरंभ की.
इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करने और वन भूमि के डायवर्जन की अनुमति के बाद विभाग द्वारा 41 प्लॉटों की ई-नीलामी की कार्रवाई आरंभ की गई. बंशी पहाडपुर के पत्थर की राम मंदिर निर्माण में भी मांग को देखते हुए यह इस क्षेत्र में वैध माइंनिग शुरू करवाना राज्य सरकार के लिए संवेदनशील रहा है. इसके साथ ही इन 12 खानों में खनन कार्य दस से पन्द्रह दिन में शुरू हो सकेगी.
वहीं, बकाया मंशाधारकों को भी क्लीयरेंस मिलते ही खनन कार्य (Rajasthan Pink Sand Stone) आरंभ हो सकेगा. उन्होंने बताया कि इससे जहां राम मंदिर सहित अन्य स्थानों के लिए वैध तरीके से पत्थर मिल सकेगा. जबकि क्षेत्र के हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा.