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पर्यावरण मंत्रालय ने मैटिक एरिया स्पेस कूलिंग के लिए सिफारिशों को लागू करने की कार्य योजना जारी की - जलवायु परिवर्तन मंत्राल

जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि भारत ने कई प्रमुख ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों (ओडीएस) के उत्पादन और खपत को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है और मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के वित्तीय तंत्र से तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त कर अब तक मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के सभी दायित्वों को पूरा किया है.

पर्यावरण मंत्रालय
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Published : Sep 16, 2021, 8:53 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 9:04 PM IST

नई दिल्ली : 27वें वैश्विक ओजोन दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भवनों में विषयगत एरिया स्पेस कूलिंग के लिए इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (आईसीएपी) की सिफारिशों को लागू करने के लिए एक कार्य योजना जारी की.

इस दौरान पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि भारत ने कई प्रमुख ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों (ओडीएस) के उत्पादन और खपत को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है और मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के वित्तीय तंत्र से तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त कर अब तक मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के सभी दायित्वों को पूरा किया है.

वह नई दिल्ली में 27वें वैश्विक ओजोन दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे.

जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार
जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार

चौबे ने कहा, ओजोन परत को हानि पहुंचाने वाले पदार्थों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने में भारत की सफलता का एक कारण योजना और कार्यान्वयन दोनों स्तरों पर प्रमुख हितधारकों की भागीदारी है. उन्होंने कहा, उद्योग, अनुसंधान संस्थान, संबंधित मंत्रालय, उपभोक्ता आदि भारत में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के ओजोन परत को हानि पहुंचाने वाले पदार्थों को समाप्त करने के चरणबद्ध कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली संशोधन का उल्लेख करते हुए, जिसे हाल ही में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था, मंत्री महोदय ने कहा, इसे लागू करने के लिए हाइड्रोफ्लोरोकार्बन के उपयोग को समाप्त करने की रणनीति विकसित करते समय औद्योगिक अप्रचलन को कम करने और प्रतिकूल आर्थिक प्रभावों से संबंधित मुद्दों पर उचित रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए.

मैटिक एरिया स्पेस कूलिंग के लिए सिफारिशों को लागू करने की कार्य योजना जारी
मैटिक एरिया स्पेस कूलिंग के लिए सिफारिशों को लागू करने की कार्य योजना जारी

पढ़ें- संस्कृति मंत्रालय ने पीएम मोदी को मिले उपहारों की ई-नीलामी की घोषणा की

बता दें कि विश्व ओजोन दिवस हर साल 16 सितंबर को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के उत्पादन और खपत को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संधि है, जो आज ही के दिन 1987 में लागू हुई थी.

यह दिवस हर वर्ष ओजोन परत को हो रहे नुकसान के बारे में और इसे संरक्षित करने के लिए किए गए उपायों/ किये जा रहे उपायों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने लिए मनाया जाता है. भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) के अंतर्गत ओजोन प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर 1995 से विश्व ओजोन दिवस मना रहा है.

नई दिल्ली : 27वें वैश्विक ओजोन दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भवनों में विषयगत एरिया स्पेस कूलिंग के लिए इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (आईसीएपी) की सिफारिशों को लागू करने के लिए एक कार्य योजना जारी की.

इस दौरान पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि भारत ने कई प्रमुख ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों (ओडीएस) के उत्पादन और खपत को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है और मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के वित्तीय तंत्र से तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त कर अब तक मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के सभी दायित्वों को पूरा किया है.

वह नई दिल्ली में 27वें वैश्विक ओजोन दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे.

जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार
जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार

चौबे ने कहा, ओजोन परत को हानि पहुंचाने वाले पदार्थों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने में भारत की सफलता का एक कारण योजना और कार्यान्वयन दोनों स्तरों पर प्रमुख हितधारकों की भागीदारी है. उन्होंने कहा, उद्योग, अनुसंधान संस्थान, संबंधित मंत्रालय, उपभोक्ता आदि भारत में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के ओजोन परत को हानि पहुंचाने वाले पदार्थों को समाप्त करने के चरणबद्ध कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली संशोधन का उल्लेख करते हुए, जिसे हाल ही में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था, मंत्री महोदय ने कहा, इसे लागू करने के लिए हाइड्रोफ्लोरोकार्बन के उपयोग को समाप्त करने की रणनीति विकसित करते समय औद्योगिक अप्रचलन को कम करने और प्रतिकूल आर्थिक प्रभावों से संबंधित मुद्दों पर उचित रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए.

मैटिक एरिया स्पेस कूलिंग के लिए सिफारिशों को लागू करने की कार्य योजना जारी
मैटिक एरिया स्पेस कूलिंग के लिए सिफारिशों को लागू करने की कार्य योजना जारी

पढ़ें- संस्कृति मंत्रालय ने पीएम मोदी को मिले उपहारों की ई-नीलामी की घोषणा की

बता दें कि विश्व ओजोन दिवस हर साल 16 सितंबर को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के उत्पादन और खपत को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संधि है, जो आज ही के दिन 1987 में लागू हुई थी.

यह दिवस हर वर्ष ओजोन परत को हो रहे नुकसान के बारे में और इसे संरक्षित करने के लिए किए गए उपायों/ किये जा रहे उपायों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने लिए मनाया जाता है. भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) के अंतर्गत ओजोन प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर 1995 से विश्व ओजोन दिवस मना रहा है.

Last Updated : Sep 16, 2021, 9:04 PM IST
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