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Assembly Election 2022: सामाजिक दूरी सुनिश्चित करें, रैली में लोगों की संख्या सीमित करें: विशेषज्ञ - स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चुनावी राज्यों को सलाह दी

निर्वाचन आयोग के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in five states) की तारीखों की शनिवार को घोषणा करने के बाद स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों ने इन राज्यों को सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन (Compliance with social distancing rules) सुनिश्चित करने और रैली में शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित करने की सलाह दी है.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 8, 2022, 8:10 PM IST

नई दिल्ली : स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चुनावी राज्यों को सलाह (Health experts advise election states) दी है कि सामाजिक दूरी सुनिश्चित करें और रैली में लोगों की संख्या सीमित करें. साथ ही कहा कि इस नाजुक समय में कोविड-19 दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का गंभीर परिणाम हो सकता है.

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में 10 फरवरी से सात मार्च तक, सात चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. मतगणना 10 मार्च को होगी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के मद्देनजर आयोग ने पांच राज्यों में 690 विधानसभा सीट पर कोविड से सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने के लिए नए प्रोटोकॉल तैयार किए हैं.

स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों ने आगाह किया कि देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर इस नाजुक समय में नियमों के किसी तरह के उल्लंघन का गंभीर परिणाम हो सकता है. उजाला साइगनस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक निदेशक डॉ सचिन बजाज ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल द्वारा लोगों के बीच पहुंच कर चुनाव प्रचार नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें ऑनलाइन रैली करना चाहिए.

बजाज ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो. जब विवाह समारोह में लोगों की उपस्थिति 20 व्यक्ति तक सीमित की जा रही है तो राजनीतिक रैली में शामिल होने वाले लोगों की संख्या भी चुनाव आयोग द्वारा सीमित की जानी चाहिए.

इंडियन स्पाइनल इंज्युरिज सेंटर के मुख्य रणनीतिज्ञ सुगंध अहलूवालिया (Sugandh Ahluwalia, Chief Strategist, Indian Spinal Injuries Center) ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण चीज अब यह सुनिश्चित करना है कि सभी कोविड प्रोटोकॉल का मतदाताओं द्वारा सख्ती से अनुपालन किया जाए. अहलूवालिया ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का पूर्ण टीकाकरण नहीं हुआ है तो उसे मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

चुनाव आयोग को सभी मतदान केंद्रों पर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना चाहिए. मास्क पहने बगैर किसी मतदाता को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. मतदाताओं के शरीर के तापमान की जांच इंफ्रारेड थर्मामीटर से की जाए.

नोएडा के एक अंत:स्त्रावविज्ञानी डॉ साजिद खान (Dr. Sajid Khan, an endocrinologist) ने कहा कि पहले से किसी रोग से पीड़ित लोगों को अतिरिकत एहतियात बरतना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत नाजुक समय है और अगले कुछ हफ्ते देश में कोविड की स्थिति को लेकर बहुत महत्वपूर्ण हैं. इसलिए लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. खासतौर पर मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे रोगों से पीड़ित लोगों को.

यह भी पढ़ें- पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, 10 फरवरी से सात चरण में मतदान, 10 मार्च को नतीजे

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने बृहस्पतिवार को आयोग के साथ अपनी बैठक में देश में कोविड और ओमीक्रोन के प्रसार की स्थिति की जानकारी दी थी.

नई दिल्ली : स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चुनावी राज्यों को सलाह (Health experts advise election states) दी है कि सामाजिक दूरी सुनिश्चित करें और रैली में लोगों की संख्या सीमित करें. साथ ही कहा कि इस नाजुक समय में कोविड-19 दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का गंभीर परिणाम हो सकता है.

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में 10 फरवरी से सात मार्च तक, सात चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. मतगणना 10 मार्च को होगी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के मद्देनजर आयोग ने पांच राज्यों में 690 विधानसभा सीट पर कोविड से सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने के लिए नए प्रोटोकॉल तैयार किए हैं.

स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों ने आगाह किया कि देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर इस नाजुक समय में नियमों के किसी तरह के उल्लंघन का गंभीर परिणाम हो सकता है. उजाला साइगनस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक निदेशक डॉ सचिन बजाज ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल द्वारा लोगों के बीच पहुंच कर चुनाव प्रचार नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें ऑनलाइन रैली करना चाहिए.

बजाज ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो. जब विवाह समारोह में लोगों की उपस्थिति 20 व्यक्ति तक सीमित की जा रही है तो राजनीतिक रैली में शामिल होने वाले लोगों की संख्या भी चुनाव आयोग द्वारा सीमित की जानी चाहिए.

इंडियन स्पाइनल इंज्युरिज सेंटर के मुख्य रणनीतिज्ञ सुगंध अहलूवालिया (Sugandh Ahluwalia, Chief Strategist, Indian Spinal Injuries Center) ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण चीज अब यह सुनिश्चित करना है कि सभी कोविड प्रोटोकॉल का मतदाताओं द्वारा सख्ती से अनुपालन किया जाए. अहलूवालिया ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का पूर्ण टीकाकरण नहीं हुआ है तो उसे मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

चुनाव आयोग को सभी मतदान केंद्रों पर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना चाहिए. मास्क पहने बगैर किसी मतदाता को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. मतदाताओं के शरीर के तापमान की जांच इंफ्रारेड थर्मामीटर से की जाए.

नोएडा के एक अंत:स्त्रावविज्ञानी डॉ साजिद खान (Dr. Sajid Khan, an endocrinologist) ने कहा कि पहले से किसी रोग से पीड़ित लोगों को अतिरिकत एहतियात बरतना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत नाजुक समय है और अगले कुछ हफ्ते देश में कोविड की स्थिति को लेकर बहुत महत्वपूर्ण हैं. इसलिए लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. खासतौर पर मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे रोगों से पीड़ित लोगों को.

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने बृहस्पतिवार को आयोग के साथ अपनी बैठक में देश में कोविड और ओमीक्रोन के प्रसार की स्थिति की जानकारी दी थी.

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