मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और अन्य के खिलाफ नए सिरे से धन शोधन जांच के तहत बुधवार को छापेमारी की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. संघीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही जांच के तहत मुंबई और कुछ अन्य स्थानों पर छह-सात परिसरों में छापेमारी की.
धन शोधन का मामला केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा हाल में दर्ज की गई प्राथमिकी से सामने आया है. बम्बई उच्च न्यायालय ने अकबर ट्रैवल्स की शिकायत पर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर गोयल और उनकी पत्नी के खिलाफ ईडी द्वारा दर्ज धन शोधन मामले को रद्द कर दिया था.
सीबीआई की प्राथमिकी केनरा बैंक की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) को 848.86 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा और ऋण मंजूर किए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये की राशि बकाया है.
अनिल परब के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच, ईडी ने बीच रिजॉर्ट और जमीन को कब्जे में लिया
वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बताया कि शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब और अन्य के खिलाफ तटीय नियमन कानून में कथित अनियमितता से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के तहत महाराष्ट्र के रत्नागिरी स्थित बीच रिजॉर्ट और इसकी भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है, जिसकी कीमत करीब 10.2 करोड़ रुपये है. संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि यह कदम इन संपत्तियों की कुर्की को लेकर एक जून 2023 को पीएमएलए के तहत जारी आदेश की माननीय निर्णायक प्राधिकारी द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद उठाया गया.
ईडी ने रत्नागिरी के दापोली में गाटा संख्या 446 की भूमि पर निर्मित साई रिजॉर्ट एनएक्स को इस साल के जनवरी में कुर्क किया था. परब (58) उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के साथ हैं और पूर्व में उन्होंने इस रिजॉर्ट से संबंध होने से इनकार किया था. परब महाराष्ट्र विधानमंडल के उच्च सदन, विधान परिषद में तीन बार से शिवसेना के सदस्य हैं और वह परिवहन और संसदीय मामलों का विभाग संभाल चुके हैं.
धनशोधन का मामला केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा अनिल दत्तात्रेय परब साई रिजॉर्ट, सी कोंच रिजॉर्ट और कुछ अन्य के खिलाफ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के कथित उल्लंघन को लेकर की गई शिकायत और राज्य पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया. पुलिस ने पूर्व मंत्री और अन्य पर महाराष्ट्र सरकार को धोखा देने और नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया.
ईडी ने आरोप लगाया कि अनिल परब और उनके करीबी सहयोगी सदानंद कदम ने एक साजिश के तहत गैर-विकास क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कृषि भूमि के एक हिस्से पर दो मंजिला बंगले के निर्माण के लिए महाराष्ट्र के राजस्व विभाग के अधिकारियों से अवैध अनुमति प्राप्त की. इसके बाद, कोस्टल रीजन जोन (सीआरजेड)-III नियमों का उल्लंघन कर उक्त भूमि पर तीन मंजिला साई रिजॉर्ट एनएक्स का निर्माण कर लिया.
(पीटीआई-भाषा)