श्रीनगर : कश्मीर में वन्यजीव संरक्षण विभाग के अधिकारियों को बुधवार को दक्षिण कश्मीर के एक गांव में लुप्तप्राय लाल हिरण हंगुल का शव मिला. अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में भटकते तेंदुए का शिकार होने से पहले हंगुल झुंड से अलग हो गया होगा. अधिकारियों ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. हंगुल (सर्वस एलाफस हंगलु) लुप्तप्राय लाल हिरणों की एक दुर्लभ प्रजाति है, जो केवल कश्मीर में पाई जाती है. पिछले दशकों में इसकी संख्या घट गई है.
अधिकारियों का कहना है कि श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान (Dachigam National Park) में ये अभी मौजूद हैं, जहां संरक्षण उपायों के कारण हाल के वर्षों में उनकी संख्या में थोड़ी वृद्धि हुई है. इस महीने की शुरुआत में हंगुल के झुंड को दाचीगाम में एक बर्फ से ढकी रिज पर चलते हुए देखा गया था. सूत्रों ने बताया कि त्राल के शिकारगाह गांव के पास एक बाग में शव मिला है, जहां कुछ साल पहले कैप्टिव ब्रीडिंग सेंटर स्थापित किया गया था. दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके में शिकारगाह ऐसा इलाका है जहां हंगुल देखा गया. पहाड़ी इलाके के माध्यम से यह क्षेत्र दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ता है.
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि शिकारगाह क्षेत्र में कई हंगुल मौजूद हैं और माना जा रहा है कि यह हंगुल रात के समय अन्य हंगलों के समूह से अलग हो गया था, जिसके बाद तेंदुए ने इसे मार डाला.
'ईटीवी भारत' से बात करते हुए वन्यजीव संरक्षण विभाग के अधिकारी मुहम्मद मकबूल गनई (Muhammad Maqbool Ganai) ने कहा कि हंगुल के शव के बारे में सूचना मिलने के तुरंत बाद वन्यजीव अधिकारियों की एक टीम इलाके में पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई.
पिछले चार दशकों में यह पहला मौका है जब इलाके में हंगुल का शव मिला है. पिछले साल मार्च में दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में हंगुल का एक शव मिला था. स्थानीय लोगों का कहना है कि 1950 के दशक में हंगुल रिहायशी इलाकों में घूमते थे लेकिन उनकी घटती संख्या के साथ ये अत्यंत दुर्लभ हो गए हैं.