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छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की महाहड़ताल, सरकारी दफ्तरों में कामकाज रहेगा ठप - छठे वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता

Employees strike in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में सोमवार से राज्य सरकार के कर्मचारियों की महाड़ताल है. महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है. इस दौरान छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में काम काज बंद रहेगा.रविवार की देर शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद लिपिक संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल से अपने हाथ खींच लिए हैं. जानकारी के मुताबिक लिपिक संघ को सीएम ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगें पूरी कर ली जाएगी. जिसके बाद वह हड़ताल से अलग हो गए.

Employees strike in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की महाहड़ताल
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Published : Aug 21, 2022, 9:43 PM IST

Updated : Aug 21, 2022, 11:54 PM IST

रायपुर: Employees strike in Chhattisgarh on DA and HRA छत्तीसगढ़ में सोमवार से सरकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल है. महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों ने हड़ताल बुलाई है. इस स्ट्राइक में छत्तीसगढ़ के करीब 96 कर्मचारी अधिकारी संगठन शामिल हो रहे हैं. हड़ताल की वजह से छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो सकता है Work affected in government offices of Chhattisgarh.रविवार की देर शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद लिपिक संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल से अपने हाथ खींच लिए हैं. जानकारी के मुताबिक लिपिक संघ को सीएम ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगें पूरी कर ली जाएगी. जिसके बाद वह हड़ताल से अलग हो गए.

महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता बढ़ाने की मांग: छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को वर्तमान में राज्य सरकार की तरफ से 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा था. 16 अगस्त को सरकार ने प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों का 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता चाहिए. छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को छठे वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र के समान सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे हैं due to Employees strike Work affected in government offices.

6 प्रतिशत कम मिल रहा महंगाई भत्ता: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा का ने बताया "केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर उन्हें गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए. वर्तमान में केंद्र सरकार 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है जबकि राज्य सरकार 22 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता कर्मचारी और अधिकारियों को दे रही हैं. राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को 6% महंगाई भत्ता कम दिया जा रहा है. " उधर शिक्षक संघ की महामंत्री गंगा शरण पासे का कहना है कि "केंद्र के अधिकारी और कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता ज्यादा दिया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारी को यह कम मिल रहा है. जिस तरह से केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 25 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है उसी तरह राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों को गृह भाड़ा भत्ता मिलना चाहिए. "

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था चौपट

हड़ताल के खिलाफ सख्ती के मूड में सरकार: इस हड़ताल को लेकर बघेल सरकार भी सख्ती के मूड में है. बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के कलेक्टरों को वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है ताकि कार्यालय का कामकाज प्रभावित न हो सके.

हड़ताल से कई सरकारी दफ्तर और विभाग होंगे प्रभावित, कुल 52 से ज्यादा विभागों के कामकाज पर पड़ सकता है असर

  1. कलेक्टर कार्यालय
  2. राजस्व विभाग
  3. तहसील कार्यालय
  4. जिला न्यायालय
  5. लोक निर्माण विभाग
  6. खनिज विभाग
  7. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
  8. स्कूल शिक्षा विभाग
  9. कोषालय
  10. स्वास्थ्य विभाग
  11. सिंचाई विभाग
  12. संचालनालय एवं इंद्रावती भवन
  13. लोक सेवा आयोग
  14. परिवहन विभाग
  15. जनपद पंचायत और कृषि विभाग
  16. वन विभाग
  17. समाज कल्याण विभाग

रायपुर: Employees strike in Chhattisgarh on DA and HRA छत्तीसगढ़ में सोमवार से सरकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल है. महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों ने हड़ताल बुलाई है. इस स्ट्राइक में छत्तीसगढ़ के करीब 96 कर्मचारी अधिकारी संगठन शामिल हो रहे हैं. हड़ताल की वजह से छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो सकता है Work affected in government offices of Chhattisgarh.रविवार की देर शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद लिपिक संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल से अपने हाथ खींच लिए हैं. जानकारी के मुताबिक लिपिक संघ को सीएम ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगें पूरी कर ली जाएगी. जिसके बाद वह हड़ताल से अलग हो गए.

महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता बढ़ाने की मांग: छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को वर्तमान में राज्य सरकार की तरफ से 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा था. 16 अगस्त को सरकार ने प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों का 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता चाहिए. छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को छठे वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र के समान सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे हैं due to Employees strike Work affected in government offices.

6 प्रतिशत कम मिल रहा महंगाई भत्ता: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा का ने बताया "केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर उन्हें गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए. वर्तमान में केंद्र सरकार 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है जबकि राज्य सरकार 22 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता कर्मचारी और अधिकारियों को दे रही हैं. राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को 6% महंगाई भत्ता कम दिया जा रहा है. " उधर शिक्षक संघ की महामंत्री गंगा शरण पासे का कहना है कि "केंद्र के अधिकारी और कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता ज्यादा दिया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारी को यह कम मिल रहा है. जिस तरह से केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 25 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है उसी तरह राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों को गृह भाड़ा भत्ता मिलना चाहिए. "

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था चौपट

हड़ताल के खिलाफ सख्ती के मूड में सरकार: इस हड़ताल को लेकर बघेल सरकार भी सख्ती के मूड में है. बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के कलेक्टरों को वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है ताकि कार्यालय का कामकाज प्रभावित न हो सके.

हड़ताल से कई सरकारी दफ्तर और विभाग होंगे प्रभावित, कुल 52 से ज्यादा विभागों के कामकाज पर पड़ सकता है असर

  1. कलेक्टर कार्यालय
  2. राजस्व विभाग
  3. तहसील कार्यालय
  4. जिला न्यायालय
  5. लोक निर्माण विभाग
  6. खनिज विभाग
  7. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
  8. स्कूल शिक्षा विभाग
  9. कोषालय
  10. स्वास्थ्य विभाग
  11. सिंचाई विभाग
  12. संचालनालय एवं इंद्रावती भवन
  13. लोक सेवा आयोग
  14. परिवहन विभाग
  15. जनपद पंचायत और कृषि विभाग
  16. वन विभाग
  17. समाज कल्याण विभाग
Last Updated : Aug 21, 2022, 11:54 PM IST

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