नई दिल्ली : भारतीय सेना अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण के शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है. वहीं, शोक संतप्त परिवार को मिलने वाले मुआवजे पर भी स्थिति स्पष्ट कर दी. अग्निवीर गवते के बलिदान के बाद मुआवजे को लेकर परिवार और अन्य की ओर से स्थिति साफ करने की मांग की गई थी.ड्यूटी के दौरान पहली बार किसी अग्निवीर ने जान गंवाई.
सेना ने रविवार को अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया, 'अग्निवीर लक्ष्मण ने सियाचिन में ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दे दी.' अतिरिक्त सार्वजनिक सूचना महानिदेशालय (एडीजी पीआई), रक्षा मंत्रालय (सेना) के आईएचक्यू ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया, 'अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण ने सियाचिन में ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी. भारतीयसेना दुःख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ दृढ़ है.'
एडीजी पीआई - भारतीय सेना ने आगे कहा कि गवते के परिजनों को वित्तीय सहायता के संबंध में सोशल मीडिया पर लगातार विरोधी संदेशों को देखते हुए यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण था कि परिजनों को मिलने वाली परिलब्धियां (emoluments) प्रासंगिक और सैनिक की सेवा की शर्तों द्वारा प्रदान किया जाएगा. अग्निवीरों की नियुक्ति की शर्तों के अनुसार युद्ध में जान गंवाने पर गैर-अंशदायी बीमा राशि 48 लाख रुपये होते हैं. सेवा निधि में अग्निवीर (30%) का योगदान, सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज के साथ प्रदान किया जाएगा.
44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि. मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल का भुगतान (13 लाख रुपये से अधिक तत्काल मामले में) सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से 8 लाख रुपये का योगदान. आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) से 30 हजार रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता.
इससे पहले रविवार को सेना ने सियाचिन ग्लेशियर के उबड़-खाबड़ और खतरनाक इलाकों में अपनी जान गंवाने वाले ऑपरेटर अग्निवीर को श्रद्धांजलि दी. परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने एक्स पर पोस्ट किया, 'बर्फ में चुपचाप रहने के लिए, जब बिगुल बजेगा, तो वे उठेंगे और फिर से मार्च करेंगे. फायर एंड फ्यूरी कोर के सभी रैंक सियाचिन की दुर्गम ऊंचाइयों पर कर्तव्य निभाते हुए अग्निवीर (ऑपरेटर) गावटे अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं और परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.'