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एल्गार मामला : नवलखा ने जेल में हिरासत की बजाय घर में नजरबंदी का अनुरोध किया

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Published : Sep 2, 2021, 5:07 PM IST

एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी गौतम नवलखा ने मुंबई हाई कोर्ट से याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि बढ़ती उम्र और बीमारियों के कारण न्यायिक हिरासत के तौर पर घर में नजरबंद किया जाए.

मुंबई उच्च न्यायालय
मुंबई उच्च न्यायालय

मुंबई : एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने गुरुवार को मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि उन्हें बढ़ती उम्र और बीमारियों के कारण न्यायिक हिरासत के तौर पर घर में नजरबंद किया जाए. वह अभी तलोजा जेल में बंद है.

नवलखा (69) ने अपनी याचिका में यह भी अनुरोध किया कि उच्च न्यायालय पड़ोसी नवी मुंबई में तलोजा जेल के प्राधिकारियों को उनकी छाती में बनी एक गांठ के लिए चिकित्सा जांच कराने का निर्देश दें.

नवलखा के वकील युग चौधरी और पयोशी रॉय ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे ओर न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ से कहा कि नवलखा यह पता लगाने के लिए चिकित्सा जांच कराना चाहते हैं कि कहीं उन्हें 'कैंसर' तो नहीं है. नवलखा ने अपनी याचिका में इस साल मई में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी आदेश का भी हवाला दिया जिसमें शीर्ष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी लेकिन, हिरासत के एक विकल्प के तौर पर घर में नजरबंद किए जाने के पक्ष में फैसला दिया था.

इसे भी पढ़ें-SC ने सोशल मीडिया पर फर्जी, साम्प्रदायिक खबरों पर जताई चिंता

नवलखा के वकीलों ने उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि उन्होंने पहले ही तलोजा जेल अधिकारियों को पत्र लिखकर उनकी छाती में गांठ की चिकित्सा जांच कराने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें अभी जवाब नहीं मिला है. उन्होंने उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि नवलखा को जेल में रहते हुए उच्च रक्तचाप और कई अन्य बीमारियां हो गई हैं.

नवलखा को पुणे पुलिस ने एल्गार परिषद मामले के संबंध में 28 अगस्त 2018 को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. शुरुआत में उन्हें घर में नजरबंद रखा गया था लेकिन बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने गुरुवार को मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि उन्हें बढ़ती उम्र और बीमारियों के कारण न्यायिक हिरासत के तौर पर घर में नजरबंद किया जाए. वह अभी तलोजा जेल में बंद है.

नवलखा (69) ने अपनी याचिका में यह भी अनुरोध किया कि उच्च न्यायालय पड़ोसी नवी मुंबई में तलोजा जेल के प्राधिकारियों को उनकी छाती में बनी एक गांठ के लिए चिकित्सा जांच कराने का निर्देश दें.

नवलखा के वकील युग चौधरी और पयोशी रॉय ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे ओर न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ से कहा कि नवलखा यह पता लगाने के लिए चिकित्सा जांच कराना चाहते हैं कि कहीं उन्हें 'कैंसर' तो नहीं है. नवलखा ने अपनी याचिका में इस साल मई में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी आदेश का भी हवाला दिया जिसमें शीर्ष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी लेकिन, हिरासत के एक विकल्प के तौर पर घर में नजरबंद किए जाने के पक्ष में फैसला दिया था.

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नवलखा के वकीलों ने उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि उन्होंने पहले ही तलोजा जेल अधिकारियों को पत्र लिखकर उनकी छाती में गांठ की चिकित्सा जांच कराने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें अभी जवाब नहीं मिला है. उन्होंने उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि नवलखा को जेल में रहते हुए उच्च रक्तचाप और कई अन्य बीमारियां हो गई हैं.

नवलखा को पुणे पुलिस ने एल्गार परिषद मामले के संबंध में 28 अगस्त 2018 को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. शुरुआत में उन्हें घर में नजरबंद रखा गया था लेकिन बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

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