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यूपी: न बिजली की सप्लाई और न ली रीडिंग, थमा दिया ₹36 हजार का बिल - बिना रीडिंग 36 हजार का बिल

महराजगंज में​​​​ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Purvanchal Vidyut Vitran Nigam Limited) का एक नया कारनामा सामने आया है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने एक दिव्यांग को बिना कनेक्शन के ही 36 हजार रुपये का बिजली बिल भेज दिया है. जिसे लेकर पिछले नौ वर्षों से दिव्यांग विद्युत विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है.

दिव्यांग पर भारी पड़ी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की बड़ी लापरवाही
दिव्यांग पर भारी पड़ी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की बड़ी लापरवाही
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Published : Jan 18, 2022, 9:38 AM IST

महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज में​​​​ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का एक नया कारनामा सामने आया है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने एक दिव्यांग को बिना कनेक्शन के ही 36 हजार रुपये का बिजली बिल थमा दिया है. जिसे लेकर पिछले नौ वर्षों से दिव्यांग विद्युत विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है, लेकिन उसकी आज तक जिम्मेदार अधिकारियों ने एक नहीं सुनी. दरअसल, महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र के भुवनी ग्राम के चुवनी टोला निवासी दिव्यांग अर्जुन प्रसाद को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने बिना कनेक्शन के ही 36 हजार रुपये का बिजली का बिल भेज दिया है. जिसे देखकर दिव्यांग के होश उड़ गए हैं.

दिव्यांग अर्जुन प्रसाद ने बताया कि साल 2012 में उसके गांव को राम मनोहर लोहिया योजना (Ram Manohar Lohia Scheme) के अंतर्गत चयनित किया गया था. गांव के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कराया जा रहा था. उस दौरान उसके यहां शौचालय का निर्माण जिम्मेदार अधिकारियों ने कराया था. गांव में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (Rajiv Gandhi Rural Electrification Scheme) के अंतर्गत सबके घरों में विद्युतीकरण का भी कार्य कराया जा रहा था. इसी दौरान जिम्मेदार अधिकारियों ने कागजी कार्रवाई को पूरा करने के लिए बगैर विद्युत पोल से कनेक्शन दिए ही दिव्यांग के शौचालय में एक मीटर का तार लगा कर छोड़ दिया. मीटर लगने के बाद आज तक न तो उसमें बिजली की सप्लाई आई और न ही मीटर की किसी ने रीडिंग किया.

दिव्यांग पर भारी पड़ी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की बड़ी लापरवाही

इसे भी पढ़ें - जाली नोट कारोबार मामले में आरोपी किशोरी ने अपना गुनाह किया कुबूल

बस कुछ दिनों बाद मनमाने तरीके से जिम्मेदार लोगों ने घर बैठे मीटर का रीडिंग कर बिजली का बिल भेजना शुरू कर दिया. बिजली का बिल जब आया तो दिव्यांग अर्जुन प्रसाद के पैरों तले जमीन खिसक गई. अर्जुन ने बताया कि विद्युत मीटर लगने के बाद उसने कनेक्शन के लिए बार-बार अधिकारियों से निवेदन किया, लेकिन आज तक विद्युत पोल से उसके मीटर में कनेक्शन नहीं दिया गया. लेकिन हर महीने उसे बिजली का बिल भेज दिया गया. जिसे लेकर अर्जुन हैरान और परेशान हो गए.

इस समस्या के समाधान के लिए वर्ष 2012 से विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का चक्कर लगाते- लगाते अर्जुन अब थक हार कर बैठ गए हैं. उन्हें आज तक सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं. लेकिन फिलहाल तक समस्या का समाधान संभव नहीं हो सका है. जिसका नतीजा यह है कि दिव्यांग अर्जुन अब कनेक्शन लेना ही अभिशाप समझ रहे हैं और सीधे सरकार और सिस्टम को कोसते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं अर्जुन ने तहसील दिवस में भी कई बार फरियाद लगाए, लेकिन वहां भी कुछ हासिल नहीं हुआ.

इस संबंध में एक्सीयन ई. हरिशंकर प्रसाद ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच कराकर बिजली बिल को खत्म करा दिया जाएगा और लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी.

महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज में​​​​ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का एक नया कारनामा सामने आया है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने एक दिव्यांग को बिना कनेक्शन के ही 36 हजार रुपये का बिजली बिल थमा दिया है. जिसे लेकर पिछले नौ वर्षों से दिव्यांग विद्युत विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है, लेकिन उसकी आज तक जिम्मेदार अधिकारियों ने एक नहीं सुनी. दरअसल, महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र के भुवनी ग्राम के चुवनी टोला निवासी दिव्यांग अर्जुन प्रसाद को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने बिना कनेक्शन के ही 36 हजार रुपये का बिजली का बिल भेज दिया है. जिसे देखकर दिव्यांग के होश उड़ गए हैं.

दिव्यांग अर्जुन प्रसाद ने बताया कि साल 2012 में उसके गांव को राम मनोहर लोहिया योजना (Ram Manohar Lohia Scheme) के अंतर्गत चयनित किया गया था. गांव के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कराया जा रहा था. उस दौरान उसके यहां शौचालय का निर्माण जिम्मेदार अधिकारियों ने कराया था. गांव में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (Rajiv Gandhi Rural Electrification Scheme) के अंतर्गत सबके घरों में विद्युतीकरण का भी कार्य कराया जा रहा था. इसी दौरान जिम्मेदार अधिकारियों ने कागजी कार्रवाई को पूरा करने के लिए बगैर विद्युत पोल से कनेक्शन दिए ही दिव्यांग के शौचालय में एक मीटर का तार लगा कर छोड़ दिया. मीटर लगने के बाद आज तक न तो उसमें बिजली की सप्लाई आई और न ही मीटर की किसी ने रीडिंग किया.

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बस कुछ दिनों बाद मनमाने तरीके से जिम्मेदार लोगों ने घर बैठे मीटर का रीडिंग कर बिजली का बिल भेजना शुरू कर दिया. बिजली का बिल जब आया तो दिव्यांग अर्जुन प्रसाद के पैरों तले जमीन खिसक गई. अर्जुन ने बताया कि विद्युत मीटर लगने के बाद उसने कनेक्शन के लिए बार-बार अधिकारियों से निवेदन किया, लेकिन आज तक विद्युत पोल से उसके मीटर में कनेक्शन नहीं दिया गया. लेकिन हर महीने उसे बिजली का बिल भेज दिया गया. जिसे लेकर अर्जुन हैरान और परेशान हो गए.

इस समस्या के समाधान के लिए वर्ष 2012 से विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का चक्कर लगाते- लगाते अर्जुन अब थक हार कर बैठ गए हैं. उन्हें आज तक सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं. लेकिन फिलहाल तक समस्या का समाधान संभव नहीं हो सका है. जिसका नतीजा यह है कि दिव्यांग अर्जुन अब कनेक्शन लेना ही अभिशाप समझ रहे हैं और सीधे सरकार और सिस्टम को कोसते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं अर्जुन ने तहसील दिवस में भी कई बार फरियाद लगाए, लेकिन वहां भी कुछ हासिल नहीं हुआ.

इस संबंध में एक्सीयन ई. हरिशंकर प्रसाद ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच कराकर बिजली बिल को खत्म करा दिया जाएगा और लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी.

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