जमशेदपुरः झारखंड के जुगसलाई खरकई नदी किनारे पार्वती घाट के दोनों विद्युत शवदाह गृह में खराबी आने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पार्वती घाट प्रबंधन ने बताया कि मैकेनिक काम कर रहे हैं. जल्द विद्युत शवदाह गृह चालू हो जाएगा. यहां शव जलाने के लिए यह लकड़ियां पर्याप्त मात्रा में हैं.
जमशेदपुर में कोरोना संक्रमण के फैलने से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. दूसरी तरफ संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. जबकि सामान्य तौर पर मरने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. इसका सीधा असर इलाके के श्मशान घाट में देखने को मिल रहा है. लगातार दाह संस्कार होने से जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र अंतर्गत खरकई नदी किनारे स्थित पार्वती घाट के दोनों विद्युत शवदाह गृह में खराबी आ गई. इस वजह से यहां का काम रूक गया है. दाह संस्कार के लिए आए परिजन घाट में लकड़ी से शव जला रहे हैं.
लगातार शवों के जलने से आई खराबी
पार्वती घाट प्रबंधन के सचिव दीपेंद्र कुमार भट्ट ने बताया कि लगातार 20 घंटे तक शव के जलाने के कारण शवदाह गृह में खराबी आई है. तकनीशियन के जरिए विद्युत शवदाह गृह में आई खराबी को दूर किया जा रहा है. जल्द ही दोनों शवदाह गृह चालू हो जाएगा. थोड़ी परेशानी है, लकड़ी पर्याप्त मात्रा में है. श्मशान घाट में जगह की कमी नहीं है. खाली जगहों पर 20 से 22 लकड़ी का चिता बनाया कर रखा जा रहा है. जिससे शव लेकर आने वाले दाह संस्कार में परेशानी ना हो. उन्होंने बताया कि जो लकड़ी के पूरे पैसे का भुगतान नहीं कर सकते प्रबंधन उनकी मदद कर रहा है.
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परेशान हुए परीजन
विद्युत शव दाह गृह में एक शव को जलाने में 1 से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है, जबकि शुल्क भी कम देने पड़ते हैं. वहीं लकड़ी पर शव जलाने में 4 घंटे से ज्यादा का वक्त लगता है और लकड़ी का शुल्क विद्युत शवदाह गृह से ज्यादा है. सुबह 5 बजे से देर रात तक शव के जलाने का सिलसिला जारी रहता है. ऐसे में परिजन का कहना है विद्युत शवदाह गृह के खराब होने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लकड़ी में शव जलाए जा रहे हैं. बरसात होने के कारण लकड़ी गीला होने से इंतजार करना पड़ रहा है. लेकिन हालात को देखते हुए इंतजार करना जरूरी है.
कोविड संक्रमित के शव को भुइयांडीह स्थित सुवर्णरेखा घाट के विद्युत शवदाह गृह में जलाने के लिए अधिकृत किया गया है. जिसके कारण पार्वती घाट में विद्युत शवदाह गृह में दाह संस्कार के लिए आने वालों की संख्या बढ़ गई है.