नई दिल्ली : भारतीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर दी, कांग्रेस पार्टी ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि चुनावों को बिना किसी डर के निष्पक्ष तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने मीडिया से कहा, 'हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करते हुए, चुनाव आयोग बिना किसी भय के चुनाव आयोजित करेगा.
जब कांग्रेस से ईवीएम के बजाय बैलट पेपर के माध्यम से चुनाव कराने की पिछली मांगों के बारे में पूछा गया, तो बंसल ने जवाब दिया कि इस समय पर हमारी यह मांग कोई मायने नहीं रखती.हम बस आयोग के निष्पक्ष होने की उम्मीद करते हैं.
इससे पहले चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि पांच विधानसभा चुनावों के लिए मतदान 27 मार्च से शुरू होगा और 29 अप्रैल को खत्म होगा. आयोग ने कहा कि असम में तीन और बंगाल में पांच चरणों में चुनाव आयोजित किया जाएगा.
चुनाव आयोग ने बताया कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले मतदान की गणना दो मई को होगी.
कांग्रेस ने सभी पांच राज्यों में चुनाव जीतने दावा करते हुए कहा कि लोग भाजपा की जनता-विरोधी नीतियों का जवाब देगी. लोग अभी भी बीजेपी की नीतियों जैसे डिमोनेटाइजेशन, जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी और कई अन्य नीतियों से पीड़ित हैं.
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सरकार जीएसटी क्लेकशन के लिए अपनी खुद की पीठ थपथपाती है, लेकिन वास्तव में मुद्रास्फीति के कारण ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने उत्पाद शुल्क बढ़ाया है. हर तरफ बेरोजगारी है, लेकिन इस सरकार का अहंकार कभी खत्म नहीं होगा.
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी चुनाव आयोग की घोषणा पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा सरकार 'वन नेशन वन इलेक्शन' का नारा देती है और दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने बंगाल में आठ चरणों मे चुनाव करवाने की घोषणी की है, जिससे पता चलता है कि वास्तविक्ता और काल्पनिक दुनिया में कितना अंतर है.