अमरावती : आंध्र प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने एक दुर्लभ घटनाक्रम में शनिवार को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य के मंत्री पी रामचंद्र रेड्डी 21 फरवरी तक अपने घर में ही नजरबंद रहें.
आयोग के खिलाफ कथित टिप्पणियों की वजह से उनपर यह कार्रवाई की गई है.
राज्य में पंचायत चुनाव नौ फरवरी को शुरू होगा और मतदान चार चरणों में 21 फरवरी तक चलेगा.
राज्य निर्वाचन आयुक्त रमेश कुमार ने अपने आदेश में कहा कि आयोग ने उपचारात्मक कार्रवाई के लिए विभिन्न विकल्पों व परिप्रेक्ष्यों पर सावधानीपूर्वक विचार किया और संविधान के अनुच्छेद 243 (के) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस महानिदेशक को पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री को ग्राम पंचायत चुनाव खत्म होने तक घर में ही नजरबंद रखने का निर्देश दिया.
निर्वाचन आयुक्त के मुताबिक, मंत्री ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कलेक्टरों और निर्वाचन अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे सनकी निर्वाचन आयुक्त के निर्देशों का पालन न करें और अगर वे ऐसा करते हैं तो चुनाव के बाद ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें काली सूची में डाल दिया जाएगा.
रेड्डी ने कथित रूप से राज्य निर्वाचन आयुक के राजनीतिक इरादों पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि रमेश कुमार विपक्षी तेलगु देशम पार्टी का पक्ष ले रहे हैं जिससे कि भविष्य में उन्हें उससे सांसद या विधान पार्षद की सीट मिल सके.
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राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रेड्डी ने कहा कि उन्होंने टीवी चैनलों पर यह खबर देखी है और अगर पुलिस महानिदेशक को आदेश का पालन करना हो तो वह कर सकते हैं.
रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि मैं इसका विरोध नहीं करता. मैं सिर्फ यह कह रहा हूं खामोश करने लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा तेदेपा सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू से मिलीभगत कर दिया गया आदेश संकेत देता है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त पागल हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि लोग निश्चित रूप से इसके लिए उन्हें सबक सिखाएंगे.