आइजोल: भारत निर्वाचन आयोग का 20 सदस्यीय दल मिजोरम में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को आइजोल पहुंचेगा. निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार करेंगे. निर्वाचन आयोग का दल मिजोरम के दौरे पर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा. वे राज्य की प्रमुख शख्सियतों, दिव्यांग मतदाताओं और युवाओं से भी बातचीत करेंगे.
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम और राजस्थान में अक्टूबर तथा नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. आयोग ने छत्तीसगढ़ में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पिछले सप्ताह राज्य का दौरा किया था. मिजोरम की विधानसभा का कार्यकाल इस साल 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है.
मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के 27 सदस्य, मुख्य विपक्षी दल जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के छह जबकि कांग्रेस के पांच और भारतीय जनता पार्टी का एक विधायक है.
पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा-एनडीए की सहयोगी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सत्ता में है. चूंकि मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. इस बीच विभिन्न रिपोर्टों से पता चला है कि भाजपा उत्तर पूर्वी राज्यों में अपना कैडर खो रही है. मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने पिछले महीने कहा था कि राज्य सरकार और उनकी एमएनएफ पार्टी केंद्र में एनडीए सरकार से नहीं डरती है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि एमएनएफ एनडीए के साथ रहेगा.
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मणिपुर में जातीय संघर्ष का प्रभाव उसके पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ा. बताया जाता है कि काफी संख्या में कुकी समुदाय के लोग मिजोरम की ओर पलायन कर गए हैं. वे वहां शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं. इसके साथ ही बांगलादेश और म्यामार के शरणार्थी भी यहां मौजूद हैं. राज्य सरकार के लिए यह समस्या चुनौतीपूर्ण है.