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Maharashtra Politics : चुनाव आयोग सत्ता में बैठे लोगों का गुलाम, वह मुझसे शिवसेना को कभी नहीं छीन सकता: उद्धव

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Published : Mar 5, 2023, 10:54 PM IST

शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे (Shiv Sena UBT leader Uddhav Thackeray) ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उसे सत्ता में बैठे लोगों का गुलाम बताया. उन्होंने कहा कि पार्टी का नाम और चिह्न हमसे छीन लिया लेकिन आप शिवसेना को हमसे नहीं छीन सकते. उद्धव ने पार्टी का नाम और चिह्न गंवाने के बाद आयोजित पहली रैली में उक्त बातें कहीं.

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शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे

खेड़(महाराष्ट्र) : शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे (Shiv Sena UBT leader Uddhav Thackeray) ने पार्टी का नाम और चिह्न बागी गुट को आवंटित करने को लेकर रविवार को चुनाव आयोग पर निशाना साधा तथा उसे (आयोग को) सत्ता में बैठे लोगों का 'गुलाम' करार दिया. 'शिवसेना' नाम और इसके चिह्न 'धनुष-बाण' को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत गुट के हाथों गंवाने के कुछ हफ्तों बाद उद्धव ने चुनाव आयोग को 'चूना लगाव' आयोग बताते हुए कहा कि चुनावी संस्था उनके पिता दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी को उनसे कभी नहीं छीन सकती.

उन्होंने कहा कि वह बाल ठाकरे थे जो उस वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ खड़े थे, जब वह (भाजपा) राजनीतिक रूप से अछूत समझी जाती थी. उन्होंने पूर्व सहयोगी दल को महाराष्ट्र में बाल ठाकरे का नाम लिए बगैर केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगने की चुनौती दी. पूर्व मुख्यमंत्री ने एक रैली में भारी भीड़ जुटने की ओर इशारा करते हुए कहा, 'आपने(चुनाव आयोग ने) पार्टी का नाम और चिह्न हमसे छीन लिया, लेकिन आप शिवसेना को हमसे नहीं छीन सकते.' पार्टी का नाम और चिह्न गंवाने के बाद उद्धव की यह पहली रैली थी.

उन्होंने रैली में उपस्थित लोगों से कहा, 'मेरे पास आपको देने के लिए कुछ नहीं है. मैं आपका आशीर्वाद और समर्थन लेने आया हूं.' तटीय कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में स्थित खेड़ विधानसभा क्षेत्र उद्धव के पूर्व विश्वस्त रामदास कदम का गृह क्षेत्र है, जो शिंदे नीत गुट में शामिल हो गए. उल्लेखनीय है कि पिछले महीने चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' नाम और इसका चिह्न शिंदे नीत गुट को आवंटित कर दिया था, जिसे इसके (शिवसेना के) ज्यादातर विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

उद्धव ने कहा, 'यदि चुनाव आयोग को मोतियाबिंद नहीं है, तो उसे आकर जमीनी हकीकत देखनी चाहिए। चुनाव आयोग चूना लगाव आयोग है और सत्ता में बैठे लोगों का गुलाम है.' उन्होंने कहा कि पार्टी ने आयोग के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा बर्बरता से शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह सफल नहीं होगी. उन्होंने कहा कि शिवसेना को नष्ट करने का कदम मराठी लोगों की एकता और हिंदुओं पर हमला करने के समान है.

उद्धव ने दावा किया कि पहले भाजपा साधु-संतों की पार्टी हुआ करती थी, लेकिन अब वह अवसरवादियों से भरी हुई है. उन्होंने यह भी दावा किया, 'सर्वाधिक संख्या में भ्रष्ट लोग भाजपा में हैं.' उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह एकनाथ शिंदे ने 'मेरे (उद्धव के) पिता को मुझसे चुरा लिया, उसी तरह भाजपा ने सरदार वल्लभभाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस को चुरा लिया.' उन्होंने अपने समर्थकों से महाराष्ट्र में आगामी चुनावों में भाजपा को करारी शिकस्त देने की अपील की.

ये भी पढ़ें - CM Kejriwal met Uddhav: मुंबई में उद्धव ठाकरे से मिले केजरीवाल, कोरोना के दौरान के काम को सराहा

(पीटीआई-भाषा)

खेड़(महाराष्ट्र) : शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे (Shiv Sena UBT leader Uddhav Thackeray) ने पार्टी का नाम और चिह्न बागी गुट को आवंटित करने को लेकर रविवार को चुनाव आयोग पर निशाना साधा तथा उसे (आयोग को) सत्ता में बैठे लोगों का 'गुलाम' करार दिया. 'शिवसेना' नाम और इसके चिह्न 'धनुष-बाण' को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत गुट के हाथों गंवाने के कुछ हफ्तों बाद उद्धव ने चुनाव आयोग को 'चूना लगाव' आयोग बताते हुए कहा कि चुनावी संस्था उनके पिता दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी को उनसे कभी नहीं छीन सकती.

उन्होंने कहा कि वह बाल ठाकरे थे जो उस वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ खड़े थे, जब वह (भाजपा) राजनीतिक रूप से अछूत समझी जाती थी. उन्होंने पूर्व सहयोगी दल को महाराष्ट्र में बाल ठाकरे का नाम लिए बगैर केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगने की चुनौती दी. पूर्व मुख्यमंत्री ने एक रैली में भारी भीड़ जुटने की ओर इशारा करते हुए कहा, 'आपने(चुनाव आयोग ने) पार्टी का नाम और चिह्न हमसे छीन लिया, लेकिन आप शिवसेना को हमसे नहीं छीन सकते.' पार्टी का नाम और चिह्न गंवाने के बाद उद्धव की यह पहली रैली थी.

उन्होंने रैली में उपस्थित लोगों से कहा, 'मेरे पास आपको देने के लिए कुछ नहीं है. मैं आपका आशीर्वाद और समर्थन लेने आया हूं.' तटीय कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में स्थित खेड़ विधानसभा क्षेत्र उद्धव के पूर्व विश्वस्त रामदास कदम का गृह क्षेत्र है, जो शिंदे नीत गुट में शामिल हो गए. उल्लेखनीय है कि पिछले महीने चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' नाम और इसका चिह्न शिंदे नीत गुट को आवंटित कर दिया था, जिसे इसके (शिवसेना के) ज्यादातर विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

उद्धव ने कहा, 'यदि चुनाव आयोग को मोतियाबिंद नहीं है, तो उसे आकर जमीनी हकीकत देखनी चाहिए। चुनाव आयोग चूना लगाव आयोग है और सत्ता में बैठे लोगों का गुलाम है.' उन्होंने कहा कि पार्टी ने आयोग के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा बर्बरता से शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह सफल नहीं होगी. उन्होंने कहा कि शिवसेना को नष्ट करने का कदम मराठी लोगों की एकता और हिंदुओं पर हमला करने के समान है.

उद्धव ने दावा किया कि पहले भाजपा साधु-संतों की पार्टी हुआ करती थी, लेकिन अब वह अवसरवादियों से भरी हुई है. उन्होंने यह भी दावा किया, 'सर्वाधिक संख्या में भ्रष्ट लोग भाजपा में हैं.' उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह एकनाथ शिंदे ने 'मेरे (उद्धव के) पिता को मुझसे चुरा लिया, उसी तरह भाजपा ने सरदार वल्लभभाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस को चुरा लिया.' उन्होंने अपने समर्थकों से महाराष्ट्र में आगामी चुनावों में भाजपा को करारी शिकस्त देने की अपील की.

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(पीटीआई-भाषा)

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