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हिमाचल विधानसभा चुनाव: एक क्लिक में जानें सियासी समीकरण - हिमाचल में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट

हिमाचल में 12 नवंबर को वोटिंग, 8 दिसंबर को मतगणना, एक क्लिक में जानें सियासी समीकरण.

Election date announced in Himachal
Election date announced in Himachal
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Published : Oct 14, 2022, 3:02 PM IST

Updated : Oct 14, 2022, 5:32 PM IST

शिमला: हिमाचल में चुनाव की तारीख का ऐलान (Election date announced in Himachal ) हो गया है. केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हिमाचल की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होगा. जबकि 8 दिसंबर को मतगणना होगी. हिमाचल में 17 अक्टूबर से चुनाव आचार संहिता लागू होगी. आइये अब आपको बताते हैं कि हिमाचल का सियासी समीकरण और इतिहास क्या है. (code of conduct in himachal).

ये है चुनाव कार्यक्रम- 17 अक्टूबर को आचार संहिता लगने के बाद 25 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख होगी. 27 अक्टूबर को नामांकन की जांच होगी, जबकि 29 अक्टूबर को नाम वापस लेने की आखिरी तारीख होगी. मतदान 12 नवंबर और मतगणना 8 दिसंबर को होगी. (EC pc on himachal assembly elections)

हिमाचल में विधानसभा सीट.
हिमाचल में विधानसभा सीट.

2017 में कब हुए थे चुनाव- हिमाचल प्रदेश में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव की घोषणा 12 अक्टूबर को हुई थी. हिमाचल की सभी 68 विधानसभा सीटों के लिए 9 नवंबर को मतदान हुआ था और जबकि मतगणना 18 दिसंबर को हुई थी. 2017 में 27 दिसंबर को नई सरकार का गठन हुआ था. पिछली बार 15 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई थी और 20 दिसंबर 2017 तक रही थी. (himachal assembly elections 2022).

हिमाचल में रिजर्व सीट.
हिमाचल में रिजर्व सीट.

2017 के चुनावी नतीजे- साल 2017 में हिमाचल में बीजेपी की जीत हुई थी. बीजेपी ने 44, कांग्रेस ने 21 और माकपा ने एक सीट पर जीत हासिल की थी. जबकि 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे. 2017 के बाद बीजेपी की सरकार बनने के बाद जयराम ठाकुर पहली बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. दरअसल बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री का दावेदार बनाया था लेकिन वो हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट से चुनाव हार गए थे.

विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे.
विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे.

37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार- दरअसल हिमाचल में 37 साल से सरकार रिपीट नहीं हुई है. 1985 के बाद से हिमाचल में कोई भी सियासी दल सत्ता पर लगातार दो बार काबिज नहीं हो पाया है. हर 5 साल में सत्ता कांग्रेस और बीजेपी के पास आती जाती रही है. हालांकि इस बार बीजेपी हिमाचल में रिवाज बदलने का दावा करते हुए सरकार रिपीट करने की बात कह रही है. वहीं कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए ताल ठोक रही है.

हिमाचल में 37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार.
हिमाचल में 37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार.

इस बार 55 लाख से ज्यादा मतदाता- इस बार हिमाचल विधानसभा चुनाव में 55,07,261 मतदाता वोट डालेंगे. जिनमें से 27,80,208 पुरुष और 27,27,016 महिला मतदाता हैं. इस बार 37 थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं. 69,781 मतदाता पहली बार वोट डालेंगे, जबकि प्रदेश में 1,190 मतदाता ऐसे हैं जिनकी उम्र 100 साल से उससे अधिक है. मतदाताओं के लिहाज से कांगड़ा की सुलह सीट पर सबसे अधिक 1,04,486 मतदाता हैं. जबकि लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ 24,744 वोटर हैं. (Voters in Himachal)

हिमाचल में मतदाता.
हिमाचल में मतदाता.

हिमाचल में मतदान केंद्र- हिमाचल प्रदेश में पहले 7813 मतदान केंद्र थे. राज्य में 68 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं. अब (Number of Polling Stations in Himachal) मतदान केंद्रों की संख्या 7881 हो गई है.

हिमाचल में 68 विधानसभा क्षेत्र- हिमाचल में 4 लोकसभा और 68 विधानसभा क्षेत्र हैं. इस लिहाज से हर लोकसभा क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. कांगड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है, जहां 15 विधानसभा क्षेत्र हैं. इसके बाद मंडी में 10 और शिमला जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं. चंबा, हमीरपुर, ऊना, सोलन और सिरमौर जिले में 5-5 सीटे हैं जबकि कुल्लू और बिलासपुर जिले में 4-4 विधानसभा क्षेत्र हैं. लाहौल स्पीति और किन्नौर जिले में एक-एक विधानसभा सीट है. (Assembly constituencies in Himachal)

हिमाचल में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट.
हिमाचल में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट.

हिमाचल की आरक्षित सीटें- हिमाचल की कुल 68 में से 20 सीटें आरक्षित हैं. इनमें से 17 अनुसूचित जाति और 3 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. हिमाचल में रोहड़ू, रामपुर, श्री रेणुका जी, पच्छाद, कसौली, सोलन, झंडूता, चिंतपूर्णी, भोरंज, बल्ह, नाचन, करसोग, आनी, बैजनाथ, जयसिंहपुर, इंदौरा और चुराह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. जबकि भरमौर, लाहौल स्पीति और किन्नौर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. (Reserve seat in Himachal).

हिमाचल में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट.
हिमाचल में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट.

हिमाचल में पिछली बार सरकार का कार्यकाल 7 जनवरी 2018 तक था, लेकिन 18 दिसंबर 2017 को परिणाम आने के बाद 27 दिसंबर 2017 को जयराम ठाकुर ने सीएम पद की शपथ ग्रहण कर ली थी. फिलहाल, अब चुनाव की तारीख का इंतजार किया जा रहा है. दोपहर बाद तीन बजे चुनाव का शेड्यूल जारी हो जाएगा. आचार संहिता के बारे में भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

हिमाचल में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट.
हिमाचल में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट.

ये भी पढ़ें: किसके कटेंगे टिकट, किसको मिलेगा अभयदान, सिरमौर में कोर ग्रुप की मीटिंग में तय करेंगे अमित शाह

शिमला: हिमाचल में चुनाव की तारीख का ऐलान (Election date announced in Himachal ) हो गया है. केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हिमाचल की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होगा. जबकि 8 दिसंबर को मतगणना होगी. हिमाचल में 17 अक्टूबर से चुनाव आचार संहिता लागू होगी. आइये अब आपको बताते हैं कि हिमाचल का सियासी समीकरण और इतिहास क्या है. (code of conduct in himachal).

ये है चुनाव कार्यक्रम- 17 अक्टूबर को आचार संहिता लगने के बाद 25 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख होगी. 27 अक्टूबर को नामांकन की जांच होगी, जबकि 29 अक्टूबर को नाम वापस लेने की आखिरी तारीख होगी. मतदान 12 नवंबर और मतगणना 8 दिसंबर को होगी. (EC pc on himachal assembly elections)

हिमाचल में विधानसभा सीट.
हिमाचल में विधानसभा सीट.

2017 में कब हुए थे चुनाव- हिमाचल प्रदेश में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव की घोषणा 12 अक्टूबर को हुई थी. हिमाचल की सभी 68 विधानसभा सीटों के लिए 9 नवंबर को मतदान हुआ था और जबकि मतगणना 18 दिसंबर को हुई थी. 2017 में 27 दिसंबर को नई सरकार का गठन हुआ था. पिछली बार 15 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई थी और 20 दिसंबर 2017 तक रही थी. (himachal assembly elections 2022).

हिमाचल में रिजर्व सीट.
हिमाचल में रिजर्व सीट.

2017 के चुनावी नतीजे- साल 2017 में हिमाचल में बीजेपी की जीत हुई थी. बीजेपी ने 44, कांग्रेस ने 21 और माकपा ने एक सीट पर जीत हासिल की थी. जबकि 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे. 2017 के बाद बीजेपी की सरकार बनने के बाद जयराम ठाकुर पहली बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. दरअसल बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री का दावेदार बनाया था लेकिन वो हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट से चुनाव हार गए थे.

विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे.
विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे.

37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार- दरअसल हिमाचल में 37 साल से सरकार रिपीट नहीं हुई है. 1985 के बाद से हिमाचल में कोई भी सियासी दल सत्ता पर लगातार दो बार काबिज नहीं हो पाया है. हर 5 साल में सत्ता कांग्रेस और बीजेपी के पास आती जाती रही है. हालांकि इस बार बीजेपी हिमाचल में रिवाज बदलने का दावा करते हुए सरकार रिपीट करने की बात कह रही है. वहीं कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए ताल ठोक रही है.

हिमाचल में 37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार.
हिमाचल में 37 साल से रिपीट नहीं हुई सरकार.

इस बार 55 लाख से ज्यादा मतदाता- इस बार हिमाचल विधानसभा चुनाव में 55,07,261 मतदाता वोट डालेंगे. जिनमें से 27,80,208 पुरुष और 27,27,016 महिला मतदाता हैं. इस बार 37 थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं. 69,781 मतदाता पहली बार वोट डालेंगे, जबकि प्रदेश में 1,190 मतदाता ऐसे हैं जिनकी उम्र 100 साल से उससे अधिक है. मतदाताओं के लिहाज से कांगड़ा की सुलह सीट पर सबसे अधिक 1,04,486 मतदाता हैं. जबकि लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ 24,744 वोटर हैं. (Voters in Himachal)

हिमाचल में मतदाता.
हिमाचल में मतदाता.

हिमाचल में मतदान केंद्र- हिमाचल प्रदेश में पहले 7813 मतदान केंद्र थे. राज्य में 68 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं. अब (Number of Polling Stations in Himachal) मतदान केंद्रों की संख्या 7881 हो गई है.

हिमाचल में 68 विधानसभा क्षेत्र- हिमाचल में 4 लोकसभा और 68 विधानसभा क्षेत्र हैं. इस लिहाज से हर लोकसभा क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. कांगड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है, जहां 15 विधानसभा क्षेत्र हैं. इसके बाद मंडी में 10 और शिमला जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं. चंबा, हमीरपुर, ऊना, सोलन और सिरमौर जिले में 5-5 सीटे हैं जबकि कुल्लू और बिलासपुर जिले में 4-4 विधानसभा क्षेत्र हैं. लाहौल स्पीति और किन्नौर जिले में एक-एक विधानसभा सीट है. (Assembly constituencies in Himachal)

हिमाचल में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट.
हिमाचल में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट.

हिमाचल की आरक्षित सीटें- हिमाचल की कुल 68 में से 20 सीटें आरक्षित हैं. इनमें से 17 अनुसूचित जाति और 3 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. हिमाचल में रोहड़ू, रामपुर, श्री रेणुका जी, पच्छाद, कसौली, सोलन, झंडूता, चिंतपूर्णी, भोरंज, बल्ह, नाचन, करसोग, आनी, बैजनाथ, जयसिंहपुर, इंदौरा और चुराह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. जबकि भरमौर, लाहौल स्पीति और किन्नौर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. (Reserve seat in Himachal).

हिमाचल में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट.
हिमाचल में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट.

हिमाचल में पिछली बार सरकार का कार्यकाल 7 जनवरी 2018 तक था, लेकिन 18 दिसंबर 2017 को परिणाम आने के बाद 27 दिसंबर 2017 को जयराम ठाकुर ने सीएम पद की शपथ ग्रहण कर ली थी. फिलहाल, अब चुनाव की तारीख का इंतजार किया जा रहा है. दोपहर बाद तीन बजे चुनाव का शेड्यूल जारी हो जाएगा. आचार संहिता के बारे में भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

हिमाचल में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट.
हिमाचल में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट.

ये भी पढ़ें: किसके कटेंगे टिकट, किसको मिलेगा अभयदान, सिरमौर में कोर ग्रुप की मीटिंग में तय करेंगे अमित शाह

Last Updated : Oct 14, 2022, 5:32 PM IST
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