नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में पांचवे चरण का चुनाव होना है. इसके लिए चुनाव प्रचार जारी है. इन सबके बीच चुनाव आयोग नेताओं के विवादित बयानों को लेकर सख्त हो गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर 24 घंटे का बैन लगाने के बाद चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी के नेता राहुल सिन्हा पर 48 घंटे का बैन लगाया है. यह प्रतिबंध आज दोपहर 12 बजे से 15 अप्रैल की दोपहर तक लागू रहेगा. आयोग ने कूच बिहार हिंसा पर सिन्हा की टिप्पणी के बाद यह प्रतिबंध लगाया है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बलों को यदि उचित लगता तो जिले में चुनाव में धोखाधड़ी के प्रयासों को रोकने के लिए वे गोली मारकर चार से अधिक लोगों की भी जान ले सकते थे
उत्तर 24 परगना के हाबड़ा में सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख (ममता बनर्जी) ने जिन बदमाशों को शरण दे रखी है वे मतदान केंद्रों पर भाजपा के निर्दोष समर्थकों पर गोलियां चला रहे हैं. उनके गुंडे आम लोगों से मताधिकार छीन रहे हैं. केंद्रीय बलों ने इन बदमाशों पर गोली चलाकर सही काम किया है.
उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय बलों को चुनाव में धोखाधड़ी रोकने के प्रयासों में यदि आवश्यक लगता तो वे चार से अधिक, शायद सात या आठ लोगों की भी गोली मारकर जान ले सकते थे.
सिन्हा के बयान पर विभिन्न सियासी दलों की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई.
तृणमूल प्रमुख ने सिन्हा का नाम लिए बगैर एक जनसभा में कहा था, भाजपा के एक नेता ने कहा है कि शनिवार को केंद्रीय बलों द्वारा आठ लोगों की जान ली जा सकती थी. मैं इस बयान की निंदा करती हूं. ऐसे नेताओं पर राजनीतिक प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.
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निर्वाचन आयोग से घोष तथा सिन्हा की टिप्पणी पर संज्ञान लेने का अनुरोध करते हुए यादवपुर से माकपा उम्मीदवार सुजान चक्रवर्ती ने कहा था कि, ये टिप्पणियां भाजपा की फासीवादी प्रवृत्ति को दर्शाती हैं. निर्वाचन आयोग को इस किस्म की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियां करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.