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Election Commission News : कर्नाटक में कांग्रेस और भाजपा को चुनाव आयोग का नोटिस, मांगा स्पष्टीकरण

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Published : May 9, 2023, 9:33 AM IST

निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस को अलग-अलग नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. भाजपा को यह नोटिस एक विज्ञापन के लिए तो कांग्रेस को कर्नाटक की संप्रभुता संबंधी टिप्पणी पर पार्टी की सोशल मीडिया पोस्ट के नोटिस दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

Election Commission News
प्रतिकात्मक तस्वीर

बेंगलुरु: खुले चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को बीजेपी और कांग्रेस ने एक-दूसरे के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई. चुनाव आयोग ने बीजेपी और कांग्रेस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले विज्ञापन के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा को अलग-अलग नोटिस भेजा है. निर्वाचन आयोग ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई को नोटिस जारी करके उस समाचारपत्र विज्ञापन के बारे में मंगलवार शाम तक 'सत्यापन योग्य और पता लगाने योग्य' तथ्य प्रदान करने को कहा जिसमें कांग्रेस को 'दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी" बताया गया था.

इससे पहले, उसने भाजपा की एक शिकायत पर कांग्रेस को उसके 'भ्रष्टाचार दर कार्ड' विज्ञापन के लिए इसी तरह का नोटिस जारी किया था. कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग से शिकायत करने के बाद आयोग ने कर्नाटक भाजपा को उसके विज्ञापन को लेकर नोटिस दिया. निर्वाचन आयोग (ईसी) ने कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष को जारी अपने नोटिस में कहा कि विरोधी दलों की नीति और शासन की आलोचना संविधान में निहित एक गारंटीकृत अधिकार है और साथ ही भारत की चुनावी प्रक्रिया के तहत विभिन्न राजनीतिक नेताओं का एक आवश्यक कार्य है.

आयोग ने कहा कि हालांकि, इस अधिकार का प्रयोग करते हुए और इस आवश्यक कार्य को करते हुए, विभिन्न राजनीतिक दलों से अपेक्षा की जाती है कि वे सार्वजनिक विमर्श के उच्च मानकों को बनाए रखें और आदर्श आचार संहिता और प्रासंगिक कानूनों के विभिन्न प्रावधानों का पालन करें. आयोग ने भाजपा की प्रदेश इकाई को 9 मई को रात 8 बजे तक उसके द्वारा दिए विज्ञापन में किए गए दावों के बारे में स्पष्टीकरण के साथ 'सत्यापन योग्य और पता लगाने योग्य तथ्यों को देने'और इसे 'सार्वजनिक' करने का निर्देश दिया है.

निर्वाचन आयोग ने कहा कि यदि कोई सबूत नहीं दिया जाता है, तो भाजपा को इसका कारण बताना चाहिए कि एमसीसी (आदर्श आचार संहिता) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता के तहत प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए.

निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष से कर्नाटक की संप्रभुता संबंधी पोस्ट पर स्पष्टीकरण मांगा : निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से सोनिया गांधी के हवाले से कर्नाटक की संप्रभुता संबंधी टिप्पणी पर पार्टी की सोशल मीडिया पोस्ट पर स्पष्टीकरण देने और उसमें सुधार करने को कहा. खरगे को निर्वाचन आयोग का पत्र छह मई को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दिखाई देने वाले एक ट्वीट के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा एक शिकायत किये जाने के बाद भेजा गया है.

भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा कि कर्नाटक भारत संघ में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सदस्य राज्य है और भारत संघ के सदस्य राज्य की संप्रभुता की रक्षा करने का कोई भी आह्वान अलगाव के आह्वान के समान है और यह खतरनाक और घातक परिणामों से भरा हुआ है. भाजपा ने निर्वाचन आयोग को दी अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि ट्वीट पंजीकरण के समय राजनीतिक दलों द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29ए (5) के तहत ली गई अनिवार्य शपथ का उल्लंघन है.

निर्वाचन आयोग के पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त के मद्देनजर, आपसे सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में स्पष्टीकरण देने और सुधार के उपाय करने का अनुरोध किया जाता है, जिसे आईएनसी ट्विटर हैंडल पर कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) अध्यक्ष के हवाले से डाला गया है. कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी वर्तमान में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष हैं. कांग्रेस ने शनिवार को हुबली में एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में कहा था कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने 6.5 करोड़ कन्नड़ लोगों को एक कड़ा संदेश दिया. पार्टी ने उनकी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह जनसभा को संबोधित करती दिख रही हैं. कांग्रेस ने ट्वीट में कहा था कि कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा पैदा नहीं करने देगी.

पढ़ें : Karnataka Election 2023 : आयोग ने कर्नाटक भाजपा को नोटिस जारी किया, कांग्रेस के खिलाफ समाचारपत्र में दिए विज्ञापन पर साक्ष्य मांगे

पढ़ें : Karnataka Election 2023 : कर्नाटक में थमा चुनाव प्रचार का शोर, अब घर-घर जाकर मांगेंगे वोट

(इनपुट एजेंसी)

बेंगलुरु: खुले चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को बीजेपी और कांग्रेस ने एक-दूसरे के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई. चुनाव आयोग ने बीजेपी और कांग्रेस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले विज्ञापन के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा को अलग-अलग नोटिस भेजा है. निर्वाचन आयोग ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई को नोटिस जारी करके उस समाचारपत्र विज्ञापन के बारे में मंगलवार शाम तक 'सत्यापन योग्य और पता लगाने योग्य' तथ्य प्रदान करने को कहा जिसमें कांग्रेस को 'दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी" बताया गया था.

इससे पहले, उसने भाजपा की एक शिकायत पर कांग्रेस को उसके 'भ्रष्टाचार दर कार्ड' विज्ञापन के लिए इसी तरह का नोटिस जारी किया था. कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग से शिकायत करने के बाद आयोग ने कर्नाटक भाजपा को उसके विज्ञापन को लेकर नोटिस दिया. निर्वाचन आयोग (ईसी) ने कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष को जारी अपने नोटिस में कहा कि विरोधी दलों की नीति और शासन की आलोचना संविधान में निहित एक गारंटीकृत अधिकार है और साथ ही भारत की चुनावी प्रक्रिया के तहत विभिन्न राजनीतिक नेताओं का एक आवश्यक कार्य है.

आयोग ने कहा कि हालांकि, इस अधिकार का प्रयोग करते हुए और इस आवश्यक कार्य को करते हुए, विभिन्न राजनीतिक दलों से अपेक्षा की जाती है कि वे सार्वजनिक विमर्श के उच्च मानकों को बनाए रखें और आदर्श आचार संहिता और प्रासंगिक कानूनों के विभिन्न प्रावधानों का पालन करें. आयोग ने भाजपा की प्रदेश इकाई को 9 मई को रात 8 बजे तक उसके द्वारा दिए विज्ञापन में किए गए दावों के बारे में स्पष्टीकरण के साथ 'सत्यापन योग्य और पता लगाने योग्य तथ्यों को देने'और इसे 'सार्वजनिक' करने का निर्देश दिया है.

निर्वाचन आयोग ने कहा कि यदि कोई सबूत नहीं दिया जाता है, तो भाजपा को इसका कारण बताना चाहिए कि एमसीसी (आदर्श आचार संहिता) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता के तहत प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए.

निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष से कर्नाटक की संप्रभुता संबंधी पोस्ट पर स्पष्टीकरण मांगा : निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से सोनिया गांधी के हवाले से कर्नाटक की संप्रभुता संबंधी टिप्पणी पर पार्टी की सोशल मीडिया पोस्ट पर स्पष्टीकरण देने और उसमें सुधार करने को कहा. खरगे को निर्वाचन आयोग का पत्र छह मई को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दिखाई देने वाले एक ट्वीट के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा एक शिकायत किये जाने के बाद भेजा गया है.

भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा कि कर्नाटक भारत संघ में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सदस्य राज्य है और भारत संघ के सदस्य राज्य की संप्रभुता की रक्षा करने का कोई भी आह्वान अलगाव के आह्वान के समान है और यह खतरनाक और घातक परिणामों से भरा हुआ है. भाजपा ने निर्वाचन आयोग को दी अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि ट्वीट पंजीकरण के समय राजनीतिक दलों द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29ए (5) के तहत ली गई अनिवार्य शपथ का उल्लंघन है.

निर्वाचन आयोग के पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त के मद्देनजर, आपसे सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में स्पष्टीकरण देने और सुधार के उपाय करने का अनुरोध किया जाता है, जिसे आईएनसी ट्विटर हैंडल पर कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) अध्यक्ष के हवाले से डाला गया है. कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी वर्तमान में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष हैं. कांग्रेस ने शनिवार को हुबली में एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में कहा था कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने 6.5 करोड़ कन्नड़ लोगों को एक कड़ा संदेश दिया. पार्टी ने उनकी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह जनसभा को संबोधित करती दिख रही हैं. कांग्रेस ने ट्वीट में कहा था कि कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा पैदा नहीं करने देगी.

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(इनपुट एजेंसी)

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