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चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामला: कोर्ट ने जितिन प्रसाद को बरी किया

लखीमपुर खीरी की एमपी एमएलए कोर्ट ने 2014 के चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री व यूपी के वर्तमान कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को दोष मुक्त करार दिया है.

jitin prasad
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Published : Nov 18, 2021, 9:35 PM IST

लखीमपुर खीरीः पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में यूपी के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को एमपी एमएलए कोर्ट ने चुनाव आचार संहिता के मुकदमे में दोषमुक्त कर दिया. उन के खिलाफ वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मितौली थाने में सड़क जाम करने और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज था. एमपी एमएलए कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद उन्हें दोष मुक्त करार दिया.

मामले की जानकारी देते वकील

एडीजीसी कौशल किशोर ने बताया कि जितिन प्रसाद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद के वकील पंकज शुक्ला ने ईटीवी भारत को बताया कि चुनाव में उन्हें नीचा दिखाने के लिए तत्कालीन सपा सरकार के दबाव में यह मुकदमा दर्ज कराया गया था.

गौरतलब है कि जितिन प्रसाद के खिलाफ लोकसभा चुनाव 2014 में आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए जाम लगाने और समर्थकों की बाइकों में पेट्रोल डलवाने का मुकदमा तत्कालीन सेक्टर मजिस्ट्रेट नरेश चन्द्र ने थाने में दर्ज कराया था. इस मामले में एक और आरोपी रामसागर की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी.

ये पढ़ें: लखीमपुर खीरी हिंसा : आशीष मिश्रा सहित तीन आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज

यूपी के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट पहुंचे. अभियोजन द्वारा अदालत को कोई ठोस सबूत नहीं उपलब्ध कराने के कारण कोर्ट ने जितिन प्रसाद को दोष मुक्त कर दिया.

लखीमपुर खीरीः पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में यूपी के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को एमपी एमएलए कोर्ट ने चुनाव आचार संहिता के मुकदमे में दोषमुक्त कर दिया. उन के खिलाफ वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मितौली थाने में सड़क जाम करने और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज था. एमपी एमएलए कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद उन्हें दोष मुक्त करार दिया.

मामले की जानकारी देते वकील

एडीजीसी कौशल किशोर ने बताया कि जितिन प्रसाद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद के वकील पंकज शुक्ला ने ईटीवी भारत को बताया कि चुनाव में उन्हें नीचा दिखाने के लिए तत्कालीन सपा सरकार के दबाव में यह मुकदमा दर्ज कराया गया था.

गौरतलब है कि जितिन प्रसाद के खिलाफ लोकसभा चुनाव 2014 में आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए जाम लगाने और समर्थकों की बाइकों में पेट्रोल डलवाने का मुकदमा तत्कालीन सेक्टर मजिस्ट्रेट नरेश चन्द्र ने थाने में दर्ज कराया था. इस मामले में एक और आरोपी रामसागर की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी.

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यूपी के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट पहुंचे. अभियोजन द्वारा अदालत को कोई ठोस सबूत नहीं उपलब्ध कराने के कारण कोर्ट ने जितिन प्रसाद को दोष मुक्त कर दिया.

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