हरिद्वार : धर्मनगरी में कुंभ मेले के लिए बनाए गए बेस हॉस्पिटल को अब 150 बेड के कोविड केयर हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया गया है. बीते मंगलवार को उद्घाटन के दौरान इसे एक आदर्श कोविड हॉस्पिटल बनाने की बात कही गई. सीएम तीरथ सिंह रावत और योग गुरु बाबा रामदेव ने सुविधाओं, संसाधनों को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे. जिसमें कैजुअलिटी रेट का प्रतिशत भी बता दिया गया.
उद्घाटन के चंद घंटों बाद ही इन सारे दावों की हवा निकल गई. पहले ही दिन से यहां की अव्यवस्थाएं जगजाहिर होने लगीं. इस कारण कनखल की रहने वाली एक 66 वर्षीय बुजुर्ग महिला को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. बताया गया कि बुजुर्ग को समय से वेंटिलेटर नहीं मिला. अब बुजुर्ग की मौत के बाद उनके बेटे ने अस्पताल स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
बेटे ने लगाए आरोप
महिला के बेटे का कहना है कि उद्घाटन के तुरंत बाद ही उन्हें वेंटिलेटर उपलब्ध न होने की बात कहकर मरीज को ले जाने के लिए कह दिया गया था. लाख मिन्नतें करने पर भी मरीज को वेंटिलेटर पर शिफ्ट नहीं किया गया. वो बार-बार डॉक्टरों से अपनी मां को देखने की मिन्नतें करता रहा, मगर उसे उसकी मां को देखने तक नहीं दिया गया. बाद में उससे कह दिया गया कि उसकी मां की मौत हो गई.
गौर हो कि इस अस्पताल को कुंभ मेले के लिए बेस हॉस्पिटल के रूप में बनाया गया था. कुंभ खत्म होने के बाद इसे कोविड अस्पताल के रूप में तब्दील कर दिया गया था. अभी 3 दिन पहले राज्य सरकार और बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि के बीच हॉस्पिटल के संचालन को लेकर एक एमओयू साइन किया गया था. इस हॉस्पिटल को कोरोना के क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल के रूप में संचालित किया जाना था. हॉस्पिटल में 10 वेंटिलेटर की व्यवस्था भी है.
'उपचार की दिशा में एक नया कीर्तिमान'
योग गुरु बाबा रामदेव ने कल दावा किया था कि वो प्राकृतिक व आयुर्वेदिक चिकित्सा, योग, यज्ञ, सात्विक पौष्टिक आहार, संगीत आदि के साथ चिकित्सा करेंगे और अत्यंत जरूरी परिस्थितियों में ही रेमडेसिविर, स्टेरॉयड व एंटीबायोटिक का इस्तेमाल कोरोना के मरीजों के लिए करेंगे. रामदेव ने ये दावा भी किया था कि वो इस नए व सनातन प्रयोग से कोरोना के उपचार की दिशा में एक नया कीर्तिमान बनाने जा रहे हैं. उन्होंने ये भी दावा किया था कि यह देश का पहला आदर्श कोविड हॉस्पिटल होगा, जहां कैजुअलटी रेट को जीरो प्रतिशत पर लाएंगे.
उधर, योग गुरु बाबा रामदेव के आदर्श कोविड हॉस्पिटल के दावों की हकीकत हरिद्वार के डीएम सी रविशंकर ने खुद ही सामने रख दी थी. जब उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में अभी क्रिटिकल कोविड मरीजों के लिए वेंटिलेटर की व्यवस्था शुरू करने में वक्त लगेगा. उनका कहना था कि यह कोविड हेल्थ केयर सेंटर है. यहां पर 90 से ऊपर ऑक्सीजन लेवल वाले मरीजों को ही भर्ती करने की व्यवस्था है. बावजूद इसके यहां काफी क्रिटिकल मरीज भी आ रहे हैं, उन्हें भी भर्ती किया जा रहा है. मगर कोरोना के मरीजों को भर्ती करने से पहले ही उनके परिजनों को बताया जा रहा है यहां पर उनका इलाज संभव है या नहीं.
डीएम बोले- होगी कार्रवाई
अस्पताल में हुई महिला की मौत को लेकर डीएम सी रविशंकर ने बताया कि उनकी वहां तैनात डॉक्टर से बात हुई है. डॉक्टर ने बताया कि जिस वक्त महिला को लाया गया था वो तभी क्रिटिकल हालत में थी. उसके बावजूद भी उन्हें भर्ती किया गया था. डीएम ने कहा कि अगर इस मामले में किसी की लापरवाही सामने आती है तो जरूर कार्रवाई करेंगे. जिलाधिकारी का कहना है कि सरकारी हॉस्पिटल या बड़े हॉस्पिटलों में वेंटिलेटर की पूरी व्यवस्था होती है. इसकी व्यवस्था के लिए अलग से कार्य करने वाले होते हैं. इस कोविड हेल्थ केयर में भी अलग से कार्य करने वालों की व्यवस्था की जा रही है.
उत्तराखंड समेत हरिद्वार में कोविड बेकाबू हो रहा है. मगर राज्य सरकार के तमाम दावे केवल हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. बीते दिनों रुड़की में ऑक्सीजन की कमी से एक निजी हॉस्पिटल में 5 कोविड मरीजों की जान चली गयी थी. बुधवार को केवल हरिद्वार जनपद में ही 13 मौतें कोविड से बताई जा रही हैं, जबकि आज हरिद्वार में कोरोना से मृत 24 से ज्यादा शवों का श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार किया गया है.
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