शामलीः जिले के थाना भवन विधानसभा में एक अजीबो गरीब मामला देखने को मिला है. यहां पर मतदान केंद्र पहुंचे 88 साल के बुजुर्ग को वोटर लिस्ट में मुर्दा बताकर वोट नहीं डालने दिया गया. बुजुर्ग ने खुद को जिंदा बताते हुए मतदान करने की अपील की. लेकिन उसकी कोई भी सुनवाई नहीं की गई. यहां के थानाभवन विधानसभा में 88 वर्षीय बुजुर्ग अब्दुल मतदान केंद्र पर पहुंचने के बावजूद भी ईवीएम मशीन के जरिए अपने पसंदीदा प्रत्याशी का चुनाव नही कर पाया. बुजुर्ग की माने तो कर्मचारियों ने वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने पर उसे मृत बताते हुए मतदान नहीं करने दिया. पीड़ित बुजुर्ग अपने जिंदा होने की दुहाई देता रहा, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो पाई.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, थानाभवन विधानसभा क्षेत्र के गांव भैंसवाल निवासी 88 वर्षीय बुजुर्ग अब्दुल गुरूवार को अपने पसंदीदा प्रत्याशी का चुनाव करने के लिए मतदान केंद्र पर गए थे. उनके साथ उनका पोता रोजूद्दीन भी मौजूद था. अब्दुल ने बताया कि जब उसने बूथ संख्या 241 में प्रवेश किया, तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने उसे वोट डालने नहीं दिया. अब्दुल ने बताया कि कर्मचारियों ने वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण उसे मतदान से रोक दिया. इसके बाद जब वह नाम ढूढ़ने के लिए बीएलओ के पास गया, तो वहां पर भी बात नहीं बन पाई. बुजुर्ग अब्दुल ने बताया कि वोटर लिस्ट में उसे मृत दर्शाया गया है. इसके चलते वह निराश होकर वापस लौट आया.
मतदान नहीं करने पर जताया गुस्सा
बुजुर्ग अब्दुल ने बताया कि वो करीब 60-65 सालों से भैंसवाल गांव में अपनी ससुराल में रह रहा है. उसने पिछले कई चुनावों में वोट डाले हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जब उसे मृत बताकर वोट डालने नहीं दिया गया. पीड़ित ने बताया कि उसने मौके पर मौजूद अफसरों से खुद के जिंदा होने और वोट डालने की गुहार लगाई. लेकिन उसकी कोई सुनवाई नही हुई. इस मामले में बूथ संख्या 241 के प्रभारी शालू कुमार ने बताया कि बुजुर्ग मतदान के लिए पहुंचा था. लेकिन वोटर लिस्ट में उसका नाम नही था. उनके द्वारा मामले की सूचना सेक्टर मजिस्ट्रेट को दी गई. उधर, सेक्टर मजिस्ट्रेट जहीर आलम ने बताया कि वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने के चलते बुजुर्ग को मतदान करने की अनुमति नहीं मिल पाई. उन्होंने बताया कि कई बार गलतियों की वजह से ऐसे मामले देखने को मिलते हैं. लेकिन नियम-कायदों की पाबंदी के चलते वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण बुजुर्ग को मतदान की अनुमति नहीं दी गई.