नई दिल्ली: शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने भारत के चुनाव आयोग को अपने चुनाव चिन्ह विकल्प के रूप में 'सूर्य', 'ढाल तलवार' और 'पीपल का पेड़' सौंपा है. इससे पहले कल यानी सोमवार को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' और एकनाथ शिंदे गुट को 'बालासाहेबची शिवसेना' नाम मिला. उद्धव ठाकरे गुट को 'ज्वलंत मशाल' चुनाव चिन्ह मिला. फिलहाल भारत के चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को कल 11 अक्टूबर तक 3 नए चुनाव चिन्हों की एक सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा है. चुनाव आयोग का फैसला सामने आने के बाद उद्धव ठाकरे गुट के नेता भास्कर जाधव का कहना है कि कि इसे एक बड़ी जीत मानते हुए हम खुश हैं.
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वहीं दूसरी ओर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को पार्टी का नाम तो मिल गया है, लेकिन चुनाव चिन्ह को लेकर अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट द्वारा भेजे गये तीन सुझावों को नहीं माना. इससे पहले सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को तीन-तीन वैकल्पिक चिह्न और नाम दिए थे. दोनों गुटों द्वारा दिए गए चुनाव चिन्हों और नामों की चुनाव आयोग ने जांच की थी. आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुट के लिए त्रिशूल और गदा को चुनाव चिह्न के रूप में आवंटित करने से इनकार कर दिया.
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पार्टी में चल रहे विवाद के चलते चुनाव आयोग ने बीते शनिवार को शिवसेना का तीर-कमान का चुनाव चिह्न फ्रीज कर दिया था. आयोग ने आगामी 3 नवंबर को अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में दोनों दलों पर पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' का उपयोग करने पर रोक लगा दी थी.